हरियाणा की शिक्षाविदों ने बनारस के शिक्षकों से पठन पाठन प्रक्रिया को किया साझा

गुरुग्राम के शिक्षाविदों को वाराणसी में मिला सम्मान

गुरुग्राम – हरियाणा शिक्षा विभाग के 110 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल ने वाराणसी का दौरा किया । निपुण भारत मिशन के अंतर्गत हरियाणा शिक्षा विभाग की 110 सदस्यों की टीम ने वाराणसी का शैक्षिक भ्रमण किया जिसमें शिक्षकों, मेंटर्स और जिला निपुण समन्वयकों ने भाग लिया ।

इस शैक्षणिक भ्रमण में शिक्षको, मेंटल और जिला समन्वयकों ने वाराणसी जिले के विभिन्न स्कूलों का दौरा किया और छात्रों, शिक्षकों अभिभावकों और शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद स्थापित किया । इस दौरान उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण, पद्धतियों, छात्र अधिगम प्रक्रियाओं और अभिभावकों की भागीदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की ।

प्रतिनिधि मंडल ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का दौरा भी किया । अंतिम दिन लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एलएलएफ) के दस वर्ष पूर्ण होने पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया । इस कार्यक्रम में हरियाणा और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों पैनल डिस्कशन में अपने-अपने प्रदेश की बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा किया, इसमें हरियाणा की तरफ से डॉक्टर सुदर्शन पूनिया, गुरुग्राम से मनोज कुमार लाकड़ा एवं कैथल से सुनील दत्त ने भाग लिया । इसमें हरियाणा की तरफ से जिला निपुण सम्नवयक डॉक्टर सुदर्शन पूनिया और उत्तर प्रदेश की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार ने अपने-अपने प्रदेश की बेस्ट प्रैक्टिसेज की समीक्षा की । मनोज कुमार लाकड़ा ने उत्तरप्रदेश के स्कूलों में चल रही बेस्ट प्रैक्टिसेस के बारे में विस्तार से बताया । मनोज कुमार लाकड़ा ने बताया कि शैक्षिक भ्रमण में दोनों पक्षों के अध्यापकों को बहुत कुछ सीखने को मिला है गुरुग्राम से जिला समन्वयक मनोज कुमार लाकड़ा, एबीआरसी सोनम यादव, हेमलता यादव जेबीटी एवं स्नेह लता राठी जेबीटी ने इस प्रतिनिधिमंडल में प्रतिभागी के रूप में भाग लिया । इस प्रतिनिधि मंडल द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्राथमिक स्तर पर बच्चों की बुनियादी साक्षरता को समझना था ।

निपुण हरियाणा मिशन के क्षेत्र में नई तकनीक और नवाचारों को समझने के लिए उद्देश्य से हरियाणा शिक्षा हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना की ओर से हरियाणा के शिक्षा विभाग में धर्म नगरी वाराणसी में शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया जिसमें भ्रमण पर गए 110 सदस्यों ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को बारीकी से समझा और साथ ही साथ प्राथमिक अध्यापक एवं एबीआरसी सदस्यों ने अपने हरियाणा प्रदेश के साथ पहले से तीसरी तक के पाठ्य पुस्तकों की समीक्षा की ।

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मुनीराम ने बताया कि विभाग द्वारा यह एक बेहतरीन पहल है और गुरुग्राम से इस शैक्षिक भ्रमण में प्राथमिक अध्यापकों एवं एबीआरसी एवं जिला कोऑर्डिनेटर ने भाग लिया । लैंगुएज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एलएललफ) के 10 साल पूर्ण होने पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन अमाया होटल वाराणसी में किया गया जिसमें यूपी के शिक्षक एवं हरियाणा के 110 सदस्यों ने भाग लिया लफ की तरफ से पैनल डिस्कशन कभी आयोजन किया गया । एलएलएफ ने इस उपलक्ष उपलक्ष्य में अमाया प्लेस होटल में भव्य आयोजन किया जिसमें गुरुग्राम से गई पूरी टीम को वाराणसी में मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया ।

गुरुग्राम टीम ने वाराणसी के विद्यालयों में जाकर शिक्षण पद्धतियों को देखा । जिसमें शिक्षकों से बातचीत कर इस समझ को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए स्थानीय संसाधनों का उपयोग कैसे किया जा सकता है और बच्चों की शैक्षणिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रक्रिया में कैसे सुधार किया जा सकता है । इसमें यह समझने में भी मदद मिली है कि किस प्रकार नियमित मूल्यांकन और बच्चों के व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देकर उनके प्रदर्शन में सुधार लाया जा सकता है । एबीआरसी सोनम यादव ने बताया कि इस शैक्षणिक भ्रमण से गुरुग्राम के स्कूलों में बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा । इस शैक्षणिक भ्रमण के अनुभवों को गुरुग्राम के स्कूलों में लागू करने की योजना बनाई जा रही है । जिला समन्वयक मनोज कुमार लाकड़ा ने कहा कि यह भ्रमण उनके लिए अत्यंत उपयोगी रहा है और उन्होंने वाराणसी की शिक्षकों से बुनियादी शिक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन के कई नए पहलू सीखे हैं । इन अनुभवों को अपने जिले के स्कूलों में अपना कर बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार करेंगे । जिला से मनोज कुमार लकड़ा ने बताया कि अपहरण के तहत उनके अनुभवों को जिला स्तर पर कार्यक्रम के माध्यम से लागू किया जाएगा । हरियाणा शिक्षा विभाग की इस अनूठी पहल से शैक्षिक भ्रमण से जहां शिक्षकों को प्रदेश के बाहर दूसरे प्रदेश की शिक्षा प्रणाली और शिक्षक प्रणाली को नजदीक से देखने का अवसर मिला है, वहीं दूसरी ओर भारतीय संस्कृति को भी जानने का मौका भी मिला है । शैक्षिक भ्रमण में गए शिक्षकों और अन्य शिक्षकों में नया जोश ऊर्जा और ऊर्जा का संचार हुआ है ।

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