देश – विदेश से संत समाज एवं श्रद्धालु ले रहे गीता महायज्ञ में भाग

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 6 दिसंबर : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर आज षडदर्शन साधुसमाज द्वारा गीता महायज्ञ में अप्रवासी भारतीयों ने यज्ञ में आहुतियां डाली।

षडदर्शन साधुसमाज के मुख्यालय श्रीअवधूत आश्रम पिहोवा मार्ग नरकातारी कुरुक्षेत्र पर संत समाज द्वारा गीता महोत्सव पर विश्व कल्याण सुख शांति के लिए गीता महायज्ञ में आहुतियां डाली जा रही है। जिसमें संत महामंडल की अध्यक्ष महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि जी महाराज, षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक महंत बंशी पुरी जी महाराज के मार्गदर्शन में अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज के सानिध्य में उपाध्यक्ष महंत गुरुभगत सिंह, कोषाध्यक्ष महंत महेश मुनि, महासचिव महंत ईश्वर दास, संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, डा. गार्गी ब्रह्मवादिनी, महंत सर्वेश्वरी गिरि, महंत लाल गिरि, महंत जनार्दन दास, स्वामी हरिओम पारिवाजक्र, स्वामी राजेंद्र दास, प्रो. बाबा चेतन मुनि, संगठन महामंत्री महंत सुनील दास, कार्यालय सचिव महंत राम अवतार दास, महंत वासुदेवानंद गिरि, कोतवाल महंत विशाल दास, महंत स्नेह दास इत्यादि संत महात्माओं ने यज्ञ में आहुतियां डाली।

जर्मनी से आई शिखा कुमारी ने बताया कि यज्ञ से निकली ऊर्जा मानव कल्याण के लिए आलौकिक शक्ति प्रदान करती है और रोगों का निवारण करने में अहम योगदान प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि भारत और भारत के कुरुक्षेत्र में परम शांति का एहसास महसूस होता है, शिखा कुमारी के साथ उनकी बड़ी बहन डा. संजीव कुमारी ने भी यज्ञ में भाग लिया।

परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज ने जर्मनी से आई इंजीनियर शिखा कुमारी को शाल ओढ़ाकर गीता भेंट कर सम्मानित किया।
गीता महायज्ञ साप्ताहिक में प्रतिदिन प्रातः 9 बजे गीता पूजन के साथ प्रथम अध्याय से 18 वें अध्याय तक के 700 श्लोकों से संत समाज एवं श्रद्धालुओं द्वारा दिन में तीन बार आहुतियां डाली जा रही है।

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