हरियाणा में कांग्रेस ने पलट दिया गेम? बीजेपी के लिए खत्म हो गया ये मुद्दा!

भाजपा को झटका देकर फिर कांग्रेस में क्यों शामिल हुए अशोक तंवर? 

भूपेंदर सिंह हुड्डा को भी नहीं थी अशोक तंवर की ज्वाइनिंग की जानकारी? राहुल गांधी की टीम ने लिखी ‘घर वापसी’ की पूरी स्क्रिप्ट

अशोक कुमार कौशिक 

नारनौल। चुनाव में जब तक वोट न पड़ जाए, हवा का रुख बदलने की संभावनाएं बनी रहती हैं। यह कहावत कही तो मतदाताओं के लिए जाती है लेकिन यह नेताओं पर भी सही बैठती दिख रही है, कम से कम हरियाणा के चुनाव में। करीब घंटे भर पहले तक सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील करते रहे अशोक तंवर अब कांग्रेसी हो गए हैं। आखिरी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका देकर पूरा गेम पलटने की कोशिश की है। इस एक कदम से कांग्रेस ने बीजेपी से दो मुद्दे छीनने की कोशिश की है।

हरियाणा चुनाव के लिए प्रचार थमने से कुछ घंटे पहले अशोक तंवर ने राहुल गांधी की रैली में पहुंचकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अशोक तंवर के राहुल गांधी के मंच पर पहुंचने, पार्टी में शामिल होने का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल हैंडल से पोस्ट किया है। 

हरियाणा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के नेता अशोक तंवर एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वो टीएमसी और आम आदमी पार्टी में भी रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव में सिरसा से कुमारी शैलजा को चुनौती थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, अशोक तंवर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इस बात से अशोक तंवर नाराज थे। पार्टी से कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर उन्होंने इच्छा जताई थी कि उन्हें टिकट दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 

लोकसभा चुनाव से पहले अशोक तंवर बीजेपी में शामिल हुए थे। उनके बीजेपी में शामिल होना बीजेपी के लिए बड़ी सफलता मानी गई क्योंकि तंवर हरियाणा में बड़ा दलित चेहरा हैं। बीजेपी अशोक तंवर के जरिए कांग्रेस पर ‘दलित विरोधी’ होने का भी आरोप लगाती रही। लेकिन अब कांग्रेस ने फिर से उन्हें पार्टी में शामिल करा कर बीजेपी को बड़ा झटका दिया है।

दलित वोटर्स को कांग्रेस ने दिया संदेश?

लोकसभा चुनाव में कुमारी शैलजा ने अशोक तंवर को 2,38,497 वोट से हराया था। अप्रैल 2022 में कांग्रेस छोड़कर वो आप में शामिल हुए थे। जनवरी 2024 में आप छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए। कांग्रेस ने अब एक तीर से कई निशाना साधा है। बीजेपी की नजर विधानसभा चुनाव में दलित वोटर्स पर थी। तंवर को पार्टी में शामिल कराकर कांग्रेस ने दलितों को संदेश देने की कोशिश की है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने चंद्रशेखर आजाद के साथ गठबंधन कर दलित वोटर्स को साधने की कोशिश की है। कांग्रेस को इस बात की चिंता थी कि कहीं दलित वोटर्स उनसे खिसक न जाएं। क्योंकि बीजेपी ने चुनावी मौसम में कुमारी शैलजा के बहाने कांग्रेस पर चौतरफा हमले शुरू कर दिए थे। बीजेपी आरोप लगा रही है कि दलित होने की वजह से कुमारी शैलजा को कांग्रेस में उचित सम्मान नहीं मिल रहा है।

अशोक तंवर हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी थे। बीजेपी ने उन्हें कैंपेन कमेटी का सदस्य भी बनाया था। पूर्व सांसद अशोक तंवर राहुल गांधी की रैली में पहुंचने से पहले बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार भी कर रहे थे। अशोक तंवर ने कांग्रेस में शामिल होने से करीब घंटे भर पहले अपने एक्स हैंडल से बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में हुई रैली की तस्वीरें पोस्ट की थीं।

अशोक तंवर ने नलवा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार रणधीर पनिहार के समर्थन में एक दिन पहले हुई रैली की तस्वीरें पोस्ट करते हुए जीत का भरोसा व्यक्त किया था। उन्होंने दावा किया था कि नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनेगी।

पूर्व सांसद अशोक तंवर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भी बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे थे। राहुल गांधी की रैली के मंच पर पहुंचने से करीब दो घंटे पहले ही उन्होंने जींद की सफीदो विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रामकुमार गौतम के समर्थन में हुई रैली में भी वह स्टेज पर थे। अशोक तंवर ने इस रैली से संबंधित तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर की थीं। उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद ये पोस्ट्स अब डिलीट हो गई हैं।

इस रैली की तस्वीरें शेयर करते हुए अशोक तंवर ने लिखा था, “चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आज सफीदों (जींद) से बीजेपी उम्मीदवार रामकुमार गौतम के पक्ष में आयोजित जन आशीर्वाद रैली में उपस्थितजनों को संबोधित किया व 5 अक्टूबर को कमल के फूल का बटन दबाकर हरियाणा बीजेपी के प्रत्याशियों को विजयी बनाने की अपील की हरियाणावासी तीसरी बार नॉन स्टाप बीजेपी की सरकार बनाने जा रहे हैं।”

कौन हैं अशोक तंवर

अशोक तंवर पूर्व सांसद हैं। वह हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। अशोक तंवर ने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी। कांग्रेस छोड़ने के बाद वह साल 2022 में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। हालिया लोकसभा चुनाव के समय आम आदमी पार्टी ने तंवर को चुनाव प्रचार समिति का चेयरमैन बनाया था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी को झटका देकर मनोहरलाल खट्टर की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया था। अशोक तंवर लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट से कुमारी शैलजा के खिलाफ बीजेपी के उम्मीदवार भी थे।

अशोक तंवर की घर वापसी पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक़ की आवाज़ उठाई है और संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ी है। हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर आज भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद, हरियाणा में भाजपा की कैंपेन कमेटी के सदस्य और स्टार प्रचारक अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए। दलितों के हक़ की लड़ाई को आपके आने से और मज़बूती मिलेगी। कांग्रेस परिवार में आपका पुनः स्वागत है, भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

कांग्रेस पार्टी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर यह जानकारी दी है। महेंद्रगढ़ में एक चुनावी जनसभा के दौरान राहुल गांधी की मौजूदगी में अशोक तंवर दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महेंद्रगढ़ में गुरुवार को कांग्रेस की रैली थी। इस रैली में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल के अलावा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे। इस बीच अचानक अशोक तंवर यहां पर नजर आए और ऐलान किया गया कि वह दोबार पार्टी में शामिल हो गए हैं। अशोक तंवर ने राहुल गांधी को थोड़ा झुककर प्रणाम किया और इस दौरान हुड्डा की तरफ से भी नमस्कार किया है। हालांकि, हुड्डा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।

हरियाणा में चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले कुछ घंटे पहले अशोक तंवर को कांग्रेस में लाकर पार्टी ने राज्य में गेम पलटने की कोशिश की है। बीजेपी अभी तक कांग्रेस पर आरोप लगा रही थी कि वह कुमारी शैलजा का सम्मान नहीं कर रही है। अब कांग्रेस ने तंवर को पार्टी में शामिल करा के बीजेपी से यह मुद्दा छीनने की कोशिश की है। 

उन्होंने बताया कि कांग्रेस छोड़ने के बाद भी वह पार्टी के कई नेताओं के संपर्क में थे। जो भी हुआ, वह इतिहास बन चुका है। जो बीत गई सो बात गई। तंवर ने कहा कि अब वो और पूरी कांग्रेस हरियाणा को नंबर वन स्टेट बनाने के लिए काम करेगी।

रिपोर्ट में अशोक तंवर के करीबी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि वो कांग्रेस पार्टी की सीनियर नेतृत्व के संपर्क में थे। खासकर राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस में वापसी की जानकारी स्टेट यूनिट को भी नहीं थी। कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्र ने बताया कि वह सीधे राहुल गांधी के संपर्क में थे और दल-बदल के बारे में फैसला बुधवार को लिया गया।

गांधी परिवार की करीबी हैं अशोक तंवर की पत्नी अवंतिका

कभी अशोक तंवर की गिनती कांग्रेस पार्टी के बढ़ते हुए युवा नेताओं में होती थी। वह गांधी परिवार के करीबी भी माने जाते थे। साल 2003 में एनएसयूआई का नेतृत्व करने के बाद वह साल 2005 से पांच साल तक इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उनकी पत्नी अवंतिका गांधी परिवार की करीबी मानी जाती हैं। उनके माता-पिता गीतांजली और ललित माकन की सिख चरमपंथियों द्वारा 1995 में कर दी गई थी। गांधी परिवार ने अवंतिका की देखभाल अपने बच्चे की तरह की थी।

क्या अशोक तंवर की घर वापसी से खुश नहीं भूपेंदर सिंह हुड्डा

महेंद्रगढ़ की जिस रैली में अशोक तंवर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए, उस रैली में मंच पर राज्य के पूर्व सीएम भूपेंदर सिंह हुड्डा भी मंच पर मौजूद थे। जब राहुल गांधी ने हाथ मिलाकर अशोक तंवर का कांग्रेस में स्वागत किया, उस समय भूपेंदर सिंह हुड्डा के चेहरे पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं थी। कहा जाता है कि अशोक तंवर जब हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब उनके और भूपेंदर सिंह हुड्डा के रिश्ते अच्छे नहीं थे।

बीजेपी ने क्या कहा?

उधर, तंवर के बीजेपी से कांग्रेस में जाने पर अनिल विज ने कहा कि वह प्रवासी पक्षी हैं। इससे बीजेपी को झटका नहीं लगेगा। 

जानकारों का मानना है कि ड्रग मामले में आरोपी तुषार गोयल की कांग्रेस से कथित नजदीकियों के आरोप के मुद्दे को भी खत्म करने की कोशिश की है। इस एक कदम से कांग्रेस ने हरियाणा में दो निशाने साधे हैं। दरअसल बीजेपी ने आरोप लगाया था कि 5,600 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में आरोपी तुषार का रिश्ता कांग्रेस से है। हालांकि कांग्रेस ने दावा किया था कि आरोपी को 2022 में ही निष्कासित कर दिया गया था।

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