-कमलेश भारतीय

आखिरकार एक सप्ताह लम्बी मैराथन के बाद कांग्रेस और आप में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं हो पाया और कल शाम थक हार कर आप के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता ने बीस प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी । इस तरह इस गठबंधन पर पूर्ण विराम लग गया । हालांकि लोकसभा चुनाव में इन दोनों दलों में गठबंधन था और कुरूक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र आप को दिया गया,, जहाँ से खुद सुशील गुप्ता चुनाव लड़े और नवीन जिंदल से हार कर दूसरे स्थान पर रहे । इस हार को वे पचा नहीं पाये और सारा ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ कर गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी लेकिन अब फिर विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन की संभावनाओं को तलाशा गया, एक सप्ताह तक लगतार लेकिन निराशा ही हाथ लगी और आखिरकार बीस सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर डाली । इससे जाहिर है कि भाजपा को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि वोटों का बिखराव होने की संभावनायें बढ़ गयी हैं और एक बार फिर कांग्रेस नेता इसे वोट काटू पार्टी कहेंगे और ऐसा होगा भी !

इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल हरियाणा में आ रही हैं और हरियाणा के बेटे के पक्ष में वोट देने की अपील करती दिख रही हैं और बहू की मुंह दिखाई मिलेगी या नहीं? हिसार में ही सुनीता जिंदल कालोनी में शादी के बाद आई और फिर दोनों यहां से अपनी नौकरियों पर दिल्ली चले गये । हिसार अरविंद केजरीवाल का ननिहाल है और उनके बचपन के सहपाठी व संबंधी यहां रहते हैं । सिवानी के पास इनका पुश्तैनी मकान है । इस तरह हिसार व सिवानी में अरविंद केजरीवाल को प्यार करने वाले बहुत लोग मिल जायेंगे ! इसके बावजूद राजनीति की शतरंज किसी और तरह खेली जाती है । कांग्रेस इसे अपने ढंग से खेल रही है और गठबंधन में लोकसभा की तरह खतरा उठाने के मूड में नहीं थी । फिर आप ज्यादा सीटें मांग रही थी, जिसे कांग्रेस एफोर्ड नहीं कर पा रही थी, जिससे गठबन्धन सिरे नहीं चढ़ पाया !

कैप्टन अजय यादव‌‌ ने खुलकर तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाईकमान को दिल की बात बता दी थी कि गठबंधन से कुछ मिलने वाला नहीं ! इस तरह यह गठबंधन समय रहते ही खत्म था, खत्म ही रहा ! कभी चित्रा सरवारा आप में ही थीं, वे अब कांग्रेस में हैं और उन्हें टिकट भी मिल गया है । आप के कोई नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं तो कोई कांग्रेस का हाथ पकड़ कर नैया पार लगाना चाहते हैं ! इससे एक बात तो तय है कि वोटों का बिखराव होगा । बहुकोणीय मुकाबले देखने को मिलेंगे क्योंकि दूसरे गठबंधन के प्रत्याशी भी रणभूमि में आ चुके हैं । इन बहुकोणीय मुकाबलों में किसकी लाॅटरी लग जाये, कोई नहीं कह सकता! ऊपर से भाजपा व कांग्रेस से रूठे निर्दलीय भी होंगे !

ये गठबंधन तो, प्यार का नहीं
राजनीति का गठबंधन है, सिरे नहीं चढ़ा !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

error: Content is protected !!