दूसरी लिस्ट जारी करने से पहले फूंक फूंक कर कदम रख रही है भाजपा, बगावत का डर पहली लिस्ट में हुई थी जबरदस्त बगावत अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक बार फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया है। राव इंद्रजीत सिंह बोले कि- यहां की जनता चाहती है मैं सीएम बनूं। अगर यहां की जनता ने बीजेपी का साथ नहीं दिया होता तो मनोहर लाल खट्टर दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री नहीं बनते। राव इंद्रजीत सिंह ने यह भी कहा कि आज चुनाव नायब सैनी जी के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है। शीर्ष नेतृत्व ने भी यह बात कही है। दरअसल, राव इंद्रजीत सिंह सोमवार को भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव का नामांकन दाखिल करने रेवाड़ी पहुंचे थे। नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- लक्ष्मण सिंह पहले प्रत्याशी हैं जिन्होंने दक्षिणी हरियाणा में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर आज नामांकन दाखिल किया है। दक्षिणी हरियाणा में अभी कई सीटें बची हुई हैं। नूंह जिले में अभी 3 सीटें बची हुई हैं। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अपनी पहली लिस्ट जारी करने के बाद से ही बीजेपी जबरदस्त बगावत से जूझ रही है। इसलिए वह दूसरी लिस्ट जारी करने से पहले फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। बीजेपी को इस बात का डर है कि पहली लिस्ट जारी होने के बाद जिस तरह का घमासान पार्टी के भीतर से निकल कर सड़कों पर आया है, कहीं दूसरी लिस्ट के बाद भी ऐसा ही ना हो जाए। हालांकि बीजेपी ने दिखाया है कि वह दबाव में नहीं आएगी और घोषित किए गए उम्मीदवारों को नहीं बदलेगी। बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। इस तरह पार्टी को अभी 23 और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना है। हरियाणा में नामांकन की अंतिम तारीख 12 सितंबर है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी मंगलवार या बुधवार तक बचे हुए उम्मीदवारों को सियासी रण में उतार देगी। क्यों है दूसरी लिस्ट का इंतजार? बीजेपी की दूसरी लिस्ट का बेसब्री से इंतजार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस लिस्ट में अहीरवाल की बची हुई और नूंह जिले की सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों का फैसला होना है। यह साफ है कि अहीरवाल में बीजेपी को केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह की पसंद को नजर अंदाज कर पाना आसान नहीं होगा। इस बीच राव इंद्रजीत सिंह ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हरियाणा की जनता चाहती है कि वह राज्य के मुख्यमंत्री बनें हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लड़ रही है। मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर राव इंद्रजीत सिंह ने नाराजगी का इजहार किया था। मनाने की कोशिश भी हो रही नाकाम बताना होगा कि हरियाणा में पार्टी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद इंद्री से लेकर बवानी खेड़ा और हिसार से लेकर तोशाम, सोनीपत, उकलाना, कालांवाली और कई जगहों पर जितनी बड़ी बगावत हुई है, उससे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी हैरान है। पार्टी ने अपने बड़े नेताओं को बागी नेताओं को मनाने के काम में लगाया है लेकिन पार्टी को किसी तरह की बड़ी कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है। बहरहाल, दूसरी सूची में पार्टी को जिन 23 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना है, उसमें दक्षिण हरियाणा की 6 सीटें शामिल हैं। राव विरोधियों को भी दिये टिकट बीजेपी की पहली सूची से ऐसा लगता है कि वह अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के दबाव में नहीं आई है। राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को उनकी पसंदीदा अटेली सीट से जरूर पार्टी ने टिकट दिया है। इसके अलावा कोसली सीट पर पार्टी ने अनिल डहीना को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन बादशाहपुर सीट से राव नरबीर नरबीर सिंह को उतारकर पार्टी ने यह संकेत देने की कोशिश की कि वह राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी को उतनी ही तवज्जो देगी जिससे उसे बहुत ज्यादा नुकसान ना हो। इसलिए उसने पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को मैदान में उतार दिया। रेवाड़ी सीट पर भी राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों- मंजू यादव या सुनील मूसेपुर को टिकट दिलाना चाहते थे जबकि बीजेपी ने पिछला चुनाव कोसली से जीते लक्ष्मण यादव को रेवाड़ी से उम्मीदवार बना दिया। नांगल चौधरी की सीट पर भी सैनी सरकार के मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव को फिर से टिकट दे दिया। डॉ. अभय सिंह यादव को राव इंद्रजीत सिंह का सियासी विरोधी माना जाता है। 11 सीटों पर राव परिवार का दबदबा रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर दबदबा है। इनमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिलों की अलग-अलग विधानसभा सीटें शामिल हैं। दशकों तक इन सीटों पर रामपुरा हाउस का दबदबा रहा, लेकिन पिछले कुछ सालों में इन सीटों पर रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती चली गई। इसकी एक झलक पिछले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिली थी। खट्टर भी चाहते हैं समर्थकों के लिए टिकट बीजेपी को अपनी दूसरी लिस्ट में दक्षिण हरियाणा की पटौदी, बावल और नारनौल सीट पर टिकट देना है। इसके अलावा मेवात की नूंह, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका की सीट पर भी उम्मीदवारों का फैसला होना है। इस इलाके में राव इंद्रजीत सिंह का सियासी प्रभाव है और नूहं जिला तो उनकी संसदीय सीट गुरुग्राम में आता है। राव इंद्रजीत सिंह इन सीटों पर अपने करीबियों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे हैं लेकिन बीजेपी का नेतृत्व इन सीटों पर चुनाव में कराए गए सर्वे के साथ ही वरिष्ठ नेताओं की राय भी ले रहा है। बावल और नूहं जिले की सीटों पर केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं। ऐसे में बीजेपी के सामने मुश्किल इन सीटों पर पार्टी के दो बड़े दिग्गजों के बीच तालमेल बैठाने की है। जीटी बेल्ट में होगी मोदी की पहली चुनावी रैली बीजेपी राव इंद्रजीत सिंह पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहती। ऐसी स्थिति में वह अहीरवाल से निकलकर जाट बेल्ट औकर और जीटी बेल्ट में आने वाली सीटों पर भी फोकस कर रही है और जल्द ही कुरुक्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक चुनावी रैली होनी है। बीजेपी को इस बात का डर है कि अगर राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों को टिकट नहीं मिला तो वे चुनाव में बगावत कर सकते हैं। निश्चित रूप से ऐसी स्थिति में बीजेपी को नुकसान होगा लेकिन पहली लिस्ट से यह साफ संकेत मिलता है कि बीजेपी राव या किसी भी बड़े नेता के दबाव में नहीं आएगी। Post navigation हुड्डा को कंघी करते दिखे पीएसओ, वीडियो वायरल दो बार भाजपा के कब्जे में रही नांगल चौधरी सीट पर क्या कांग्रेस बन पाएगी विजेता