अतीत के आईने में ……. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में फैले दंगों से नारनौल भी अछूता नही रहा

– शहर के लोगों ने घरो से भाग कर बचाई थी अपनी जान

-जब तत्कालीन भाजपा विधायक रामबिलास शर्मा ने स्वयं रिक्शा चलाकर मंगल सेन के कार्यक्रम की मुनादी की थी

-शहर में चले 9 दिन तक धरने व प्रदर्शन को लेकर तत्काल भजनलाल सरकार घबराकर सभी 240 बंदियों को भिवानी जेल से किया रैफर

भारत सारथी कौशिक 

नारनौल। हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा की महेंद्रगढ़ के साथ-साथ हरियाणा में भी एक जुझारू नेता के रूप में पहचान होती है। नारनौल के नजदीक गांव निवाज नगर निवासी मानसिंह सैनी ने रामबिलास के संघर्ष की कहानी बताते हुए बताया कि 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी दंगे भड़क गए थे और बेगुनाह लोगों को मौत का शिकार होना पड़ा था। स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हत्या का आरोप पंजाब के उनकी सुरक्षा में तैनात दो युवकों पर लगा था जिसकी वजह से पंजाब के लोग देशभर में लोगों के निशाने पर थे। 

उन्होंने कहा कि नारनौल शहर थाना में उस समय एक सरदार थानेदार होता था। दंगों के दौरान नारनौल में तैनात थानेदार की मौत हो गई थी। पुलिस ने उस थानेदार की मौत के आरोप में लगभग 240 लोगों को गिरफ्तार कर भिवानी जेल में बंद कर दिया था, जिसमें अधिकांश सैनी बिरादरी के लोग थे। जेल जाने वाले लोगों में सैनी सभा के प्रधान माडुराम सैनी,ताराचंद सैनी, होशियार सैनी, क्रांति लाल सैनी, कैलाश शर्मा, गोविंद भारद्वाज प्रमुख रूप से थे। 

पुलिस प्रशासन द्वारा शहर में पुलिस थानेदार की हत्या के बाद किए गए तांडव के चलते नारनौल शहर के सैनीपुरा,पीरआगा, इस्लामपुर व खड़खड़ी आदि मोहल्लों में लोगों ने घरों से निकलकर अपनी जान बचाई थी। घरों में रह रहे पशुओं को चारा व पानी पिलाने वाला व्यक्ति भी घर में नहीं था। उस समय महेंद्रगढ़ से प्रो.रामबिलास शर्मा विधायक होते थे। रामबिलास शर्मा ने  भिवानी जेल में बंद 240 लोगों को छुड़ाने की कमान संभाल रखी थी। रामबिलास शर्मा ने अपने साथियों की एक टीम बनाकर घर-घर पहुंच दरवाजे तोड़, चारे व पानी से बेचैन पशुओं को चारा डालकर पानी पिलाने का कार्य किया। तत्कालीन भाजपा नेता डॉक्टर मंगल सेन का नारनौल में कार्यक्रम रखवा कर स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध धरना व प्रदर्शन शुरू करना शुरू किया था। 

रामबिलास शर्मा ने मुरारी पंचर वाले को शहर में मंगल सेन के कार्यक्रम को लेकर मुनादी करवाने के लिए भेजा। जब मुरारी पंचर वाला शहर में मुनादी करने के लिए निकला तो पुलिस ने उसको पकड़ना चाहा और रिक्शा पंचर कर दिया लेकिन मुरारी भागने में सफल रहा। मुरारी ने यह बात विधायक रामबिलास शर्मा को आकर बताई तो रामबिलास शर्मा ने स्वयं रिक्शा चलाकर मुनादी की। 

डॉक्टर मंगल सेन तत्कालीन विधायक फुसाराम और प्रो. रामबिलास शर्मा की अगुवाई में चामुंडा मंदिर में बहुत ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई। रामबिलास शर्मा ने तत्कालीन जिला उपायुक्त एससी चौधरी व पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र बिश्नोई को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि नारनौल के निर्दोष 240 गिरफ्तार लोगों को जब तक शासन प्रशासन नहीं छोड़ेगा उनका शासन व प्रशासन के खिलाफ धरना व प्रदर्शन जारी रहेगा। 

रामबिलास शर्मा ने नूनी वाला पेट्रोल पंप पर अपना कार्यालय बना लिया और लगभग 9 दिन तक नारनौल शहर पूर्ण रूप से बंद रहा। स्वास्थ्य सेवाएं भी बंद रही। किसी दुकान पर किसी तरह का सामान नहीं मिला। पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के लंबे संघर्ष के बाद तत्काल मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल ने रामबिलास शर्मा, फुसाराम विधायक व अन्य लोगों को दिल्ली हरियाणा भवन में बुलाया और कहा कि आप जेल में बंद लोगों की जमानत करवा लो बाद में हम विचार करेंगे। लेकिन पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा इस बात पर अड़े रहे कि जब तक आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा जब तक भिवानी जेल में बंद सभी 240 लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा। आखिर प्रो. रामबिलास शर्मा के आंदोलन को देखकर तत्कालीन भजनलाल सरकार झुकी और महावीर चौक जो पहले नीमड़ी वाला के नाम से जाना जाता था पांच बसों में भिवानी से जेल में बंद सभी लोगों को लेकर रिहा किया, तब जाकर प्रो. रामबिलास शर्मा ने धरना समाप्त किया और नारनौल में दिवाली से भी ज्यादा खुशियां मनाई गई।

Post Comment

You May Have Missed

error: Content is protected !!