टिकट घोषणा से पूर्व हरियाणा भाजपा में घमासान ……

कश्मीर में 12 घंटे में हो गया उम्मीदवारों का ऐलान, हरियाणा में क्यों देरी कर रही है भाजपा

पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को गोहाना सीट से टिकट देने की बात सामने आते ही कार्यकर्ताओं में रोष

कहा बाहरी प्रत्याशी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा

अशोक कुमार कौशिक 

टिकट बंटवारे से पहले ही हरियाणा भाजपा में घमासान मचा हुआ है, जिसके चलते भाजपा की अंतर कलह भी खुल के सामने आ रही है।

25 अगस्त को दिल्ली में देर रात तक भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। यह बैठक जम्मू-कश्मीर में उम्मीदवारी तय करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में उम्मीदवार तय किए गए और 12 घंटे के भीतर उसकी लिस्ट भी जारी कर दी गई। इसी तरह की एक बैठक 29 अगस्त को हरियाणा को लेकर भी बुलाई गई। यह बैठक भी करीब उतनी ही देर चली, जितनी देर कश्मीर को लेकर हुई थी, लेकिन हरियाणा में बीजेपी ने बैठक के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की। हरियाणा के सियासी गलियारों में बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट नहीं आना चर्चा का विषय बना हुआ है। वो भी तब, जब राज्य में अब से 30 दिन बाद विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे।

बीजेपी क्यों नहीं जारी कर रही लिस्ट जारी?

1. मुख्यमंत्री की सीट पर ही पेच- 

हरियाणा ने नए-नवेले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अभी करनाल सीट से विधायक हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि सैनी अपनी सीट बदल सकते हैं। शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह बड़ौली ने भी इसको लेकर बयान दे दिया।

बड़ौली ने कहा कि मुख्यमंत्री लाडवा सीट से लड़ेंगे। इस बयान ने राज्य की सियासी सरगर्मी बढ़ा दी। शाम को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि मैं करनाल से ही लडूंगा। मुख्यमंत्री ने करनाल में रोड शो भी किए।

कहा जा रहा है कि करनाल सीट पर पंजाबी मतदाताओं का दबदबा है। यहां पर बीजेपी को लग रहा है कि चुनाव में कोई उलटफेर न हो जाए। ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए यह किरकिरी साबित हो सकता है।

2. अभी पर्चा दाखिल होने में वक्त- 

बीजेपी की लिस्ट क्यों जारी नहीं हो रही है, इसको लेकर एक वजह नामांकन की तारीख है। हरियाणा में 5 सितंबर से सभी 90 सीटों के लिए पर्चे भरे जाएंगे। 12 सितंबर तक उम्मीदवार यहां पर नामांकन दाखिल कर सकते हैं। यानी अभी नामांकन दाखिल करने में यहां 12 दिन का वक्त बचा है।

कश्मीर में जो लिस्ट जारी की गई थी, उसकी वजह नामांकन की तारीख ही थी। वहां पर नामांकन की तारीख में सिर्फ एक दिन का वक्त बचा था। नामांकन की तारीख में अभी वक्त है, इसलिए कांग्रेस ने भी यहां सूची जारी नहीं की है।

3. जींद में अमित शाह की रैली- 

गृह मंत्री अमित शाह 1 सितंबर को हरियाणा के जींद में रैली करेंगे। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस रैली से पहले लिस्ट जारी कर नकारात्मक खबरों की वजह से मीडिया में नहीं रहना चाहती है।

शाह जींद की रैली के जरिए जाटों को रिझाने की कोशिश करेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार पार्टी जाटों को लुभाने के लिए इतनी बड़ी रैली कर रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जाटों को देशभक्त कौम बताया था।

4. नाम आने से पहले ही बगावत- 

फतेहाबाद की रतिया और रोहतक की गोहना सीट पर उम्मीदवारों के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बगावत तेज हो गई है। गोहना में रोहतक के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को टिकट दिए जाने की चर्चा है, जिसके पार्टी के भीतर दूसरे खेमे ने बिगुल फूंक दिया है।

दूसरे गुट का कहना है कि यहां पर स्थानीय उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए। इसी तरह रतिया सीट का मामला है। फतेहाबाद की रतिया सीट पर पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दिए जाने की चर्चा है।

गौरतलब है कि गोहाना सीट से टिकट की रेस में राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक और पूर्व सांसद अरविंद शर्मा का नाम चर्चा में है। वहीं गोहाना में पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को गोहाना सीट से टिकट देने की बात सामने आते ही कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरु कर दिया है। 

लक्ष्मण नापा और जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की । इसमें निर्णय लिया गया कि रतिया से स्थानीय नेता कोई टिकट दिया जाए। बैठक के बाद एक पत्र भी जारी किया गया जिसमें तीन स्थानीय नेताओं के नाम रखे गए। इन तीन नेताओं को ही टिकट का दावेदार बताया गया। है इसमें विधायक लक्ष्मण नापा जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ-साथ भाजपा नेता मुख्तार सिंह बाजीगर का नाम शामिल है। साथ ही इस पत्र पर तीनों नेताओं के हस्ताक्षर भी करवाए गए। यहां से विधायक लक्ष्मण नापा ने बगावती रूख अख्तियार कर लिया है। नापा ने पार्टी जिलाध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि क्षेत्र की जनता बाहरी उम्मीदवारों को सहन नहीं कर पाएगी।

बाहरी प्रत्याशी स्वीकार नहीं किया जाएगा

जिसके अंतर्गत शुक्रवार को पूरा चौक पर इकट्ठा हुए कार्यकर्ताओं ने अरविंद शर्मा का न केवल पुतला फूंका, बल्कि कुछ नेता विरोध करने के लिए दिल्ली स्थित हरियाणा भाजपा के इंचार्ज केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर तक भी पहुंच गए। उल्लेखनीय है कि अरविंद शर्मा के अलावा फतेहाबाद की रतिया सीट से सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को भी टिकट देने का भी विरोध हो चुका है। सुनीता दुग्गल के खिलाफ स्थानीय भाजपा नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष को चिट्ठी लिख टिकट बदलने की मांग की थी। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि बाहरी प्रत्याशी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

दक्षिणी हरियाणा में टिकट कटने की आशंका हड़कंप, नेताओं ने दिल्ली में डाला डेरा

दक्षिणी हरियाणा में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बड़े दखल के बाद कई विधायकों की टिकट पर खतरा आ गया है। इसमें पटौदी से सत्य प्रकाश जरावता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, नारनौल से ओम प्रकाश यादव, बावल से डॉक्टर बनवारी लाल और कोसली से लक्ष्मण यादव का नाम शामिल है। विधायक लक्ष्मण यादव ने टिकट पर तलवार लटकने की चर्चा के बीच केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। यादव ने कहा कि उन्हें कोसली की जगह रेवाड़ी सीट दे दी जाए। वही अटेली के विधायक सीताराम यादव की टिकट भी कट गई है। यहां से राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव की टिकट फाइनल हो गई है।

सुत्रों अनुसार बावल सीट से डा बनवारी लाल की टिकट खतरे में है। इस सीट पर राव इंद्रजीत सिंह ने डॉक्टर संजय मेहरा का नाम दिया है। नारनौल से भी विधायक ओम प्रकाश यादव की टिकट कटने की जानकारी है यहां से राव इंद्रजीत सिंह ने संदीप यादव नीरपुर का नाम दिया है।

5. हरियाणा में बहुत नजदीकी मुकाबला – 

हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं, जहां सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 46 सीटों पर जीतना जरूरी है। हालिया लोकसभा चुनाव में नजदीकी मुकाबला देखने को मिला। लोकसभा चुनाव में तो दोनों पार्टियों को 10 में से 5-5 सीटों पर जीत मिली, लेकिन इस नतीजे को अगर विधानसभा सीटों के हिसाब से देखा जाए तो राज्य की 90 में से 46 सीटों पर इंडिया गठबंधन को और 44 सीटों पर एनडीए को बढ़त मिली थी।

2019 में बीजेपी 40 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, उस वक्त जेजेपी की वजह से उसकी सरकार बन गई थी। इस बार समीकरण अलग हैं। कहा जा रहा है कि टिकट की मारामारी की वजह से अगर बीजेपी को कुछ सीटों पर नुकसान होता है तो खेल बदल सकता है।

हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव, 4 को नतीजे आएंगे

हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए 1 अक्टूबर को मतदान कराए जाएंगे। 4 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी। हालांकि, बीजेपी ने चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग की थी।

पार्टी का कहना था कि 1 अक्टूबर को लॉन्ग वीकेंड की शुरुआत हो रही है, जिससे मतदान के प्रतिशत पर प्रभाव पड़ेगा, इसलिए मतदान की तारीख में बढ़ोतरी की जाए। हालांकि, आयोग ने पार्टी की डिमांड को खारिज कर दिया।

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