नारनौल में धीरूभाई पटेल ने दावेदारों से दो बार ली जानकारी अशोक कुमार कौशिक हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी ने टिकट के दावेदारी कार्यकर्ताओं के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने टिकट के लिए दावेदारी करने वाले कार्यकर्ताओं का इंटरव्यू लेना शुरू कर दिया है। शनिवार से जिला महेंद्रगढ़ की अटेली, नारनौल, नांगल चौधरी व महेंद्रगढ़ सीटों से दावेदारों का दिल्ली में इंटरव्यू जारी है। इससे पहले नारनौल में भिवानी, दादरी, रेवाड़ी, तथा महेंद्रगढ़ के जोनल कोऑर्डिनेटर धीरूभाई पटेल व महेंद्रगढ़ के कोऑर्डिनेटर गोपाल सिंह ने दो बार दावेदारों से मुलाकात की। हरियाणा कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में राज्य के करीब ढाई हजार से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किए हैं। आवेदन करने वालों की यह सूची अभी तक कांग्रेस हाईकमान के पास पहुंची भी नहीं कि कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया पिछले कई दिनों से टिकटार्थियों के इंटरव्यू कर रहे हैं। इंटरव्यू में पूछे जा रहे ये सवाल इंटरव्यू में टिकट के दावेदारों से पूछा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट क्यों दे। अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता तो उनके स्थान पर टिकट का दावेदार दूसरा व्यक्ति कौन हो सकता है। इंटरव्यू के दौरान टिकटार्थियों की पुराने राजनीतिक इतिहास, दल-बदल और कांग्रेस के प्रति निष्ठा का भी आंकलन किया जा रहा है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया के कार्यालय से राज्य के हर जिले के आवेदकों को इंटरव्यू के लिए फोन जा रहे हैं। करीब एक दर्जन जिलों के आवेदकों के इंटरव्यू हो चुके हैं तो कुछ के चल रहे हैं। नई दिल्ली में पार्टी प्रभारी की उपलब्धता के हिसाब से टिकटार्थियों को इंटरव्यू का समय दिया जा रहा है। टिकट के आवेदन के लिए जारी किए गए तीन ई-मेल सूत्रों के अनुसार करीब एक हजार आवेदकों ने पार्टी प्रभारी द्वारा जारी तीन ई-मेल आईडी पर टिकट के लिए आवेदन भेजे हैं। हरियाणा कांग्रेस कमेटी के पास टिकट के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 10 अगस्त थी। इसके बाद आवेदन की कोई तारीख नहीं बढ़ी है। अगले दो दिनों के भीतर विधानसभावार पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के माध्यम से टिकट के दावेदारों की पूरी सूची प्रदेश प्रभारी को भेज दी जाएगी। पार्टी प्रभारी ने यह आवेदन हरियाणा कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में किए जाने वाले आवेदनों से अलग मांगे थे। 5 हजार से 20 हजार के बीच रखी गई आवेदन राशि सैकड़ों टिकटार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने हरियाणा कांग्रेस कमेटी के पास भी टिकट के लिए आवेदन किए और पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया द्वारा जारी ई-मेल पर भी अपने आवेदन भेजे हैं। हरियाणा कांग्रेस कमेटी के पास जो आवेदन किए गए हैं, उनकी फीस 5 से 20 हजार रुपये निर्धारित थी, जबकि पार्टी प्रभारी के पास किए जाने वाले आवेदनों की कोई फीस निर्धारित नहीं थी। कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा के भी काफी समर्थकों ने हरियाणा कांग्रेस कमेटी के साथ-साथ सीधे शैलजा को भी अपने आवेदन पत्र सौंपे हैं। एक साथ तीन मोर्चों पर लिए गये आवेदनों के बाद पार्टी के गंभीर टिकटार्थी असमंजस में पड़ गये। पार्टी प्रभारी ने अपनी ई-मेल पर आये आवेदनों की पड़ताल के बाद उन्हें दिल्ली बुलाना आरंभ कर दिया है। दुविधा में टिकट की दावेदारी करने वाले कार्यकर्ता आवेदकों के इंटरव्यू का यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा है। हरियाणा कांग्रेस कमेटी को प्रभारी द्वारा लिए जाने वाले इंटरव्यू की प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं है। पार्टी प्रभारी की ओर से हरियाणा को तीन जोन में बांटकर प्रत्येक जोन के लिए अलग-अलग तीन ई-मेल आईडी जारी की गई थी। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि टिकट हरियाणा कांग्रेस कमेटी के पास आवेदन करने वालों को मिलेंगे या पार्टी प्रभारी की ई-मेल पर आवेदन भेजने वालों के नाम पर विचार किया जाएगा। टिकट के दावेदारों को तलब कर ले रहे हैं इंटरव्यू कांग्रेस के भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा मामलों के प्रभारी, जोनल कोऑर्डिनेटर, जिला कोआर्डिनेटर व पर्यवेक्षक अपनी पूरी ‘पावर’ दिखा रहे हैं। नारनौल व नांगल चौधरी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को टिकट के लिए आवेदन करने को कहा हुआ है। दस अगस्त तक आवेदन चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जमा किए गए। सामान्य वर्ग के लिए 20 हजार तथा अनुसूचित जाति और महिलाओं के लिए पांच हजार रुपये फीस तय की हुई है। वहीं दूसरी ओर, प्रदेश प्रभारी अपने पास ना केवल अलग से आवेदन मंगवा रहे हैं बल्कि उन्होंने टिकट के लिए आवेदन करने वाले नेताओं को दिल्ली तलब करना भी शुरू कर दिया है। उनके कार्यालय से हरियाणा के उन नेताओं के पास फोन आ रहे हैं, जो विधानसभा के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को नई दिल्ली बुलाकर उनका ‘इंटरव्यू’ लिया जा रहा है। कांग्रेस में यह अपनी तरह का नया कल्चर है। आमतौर पर आवेदन फार्म आने के बाद उनकी छंटनी होती है और इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा पैनल तैयार किए जाते हैं। वे टिकटार्थियों की वित्तीय स्थिति के साथ-साथ उन्हें टिकट नहीं मिलने पर दूसरे दावेदार का नाम भी पूछ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अभी तक 2500 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। आवेदन चूंकि 10 अगस्त तक होने थे। इससे पहले लोकसभा चुनावों में भी टिकट के लिए आवेदन करवाया गया था। लेकिन उस समय किसी तरह की फीस नहीं थी। पार्टी द्वारा जब फीस के साथ आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई तो उसी दौरान प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी प्रदेश को तीन जोन में बांटकर हर जोन के लिए अलग से ईमेल एड्रेस पब्लिक किया था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम लिखे पत्र में उन्होंने टिकट के दावेदारों नेताओं को कहा था कि वे पार्टी मुख्यालय में फार्म जमा करवाने के साथ-साथ उनके पास भी संबंधित जोन से जुड़ी ईमेल पर आवेदन भेजें। इसी के तहत वे टिकट के दावेदार नेताओं को बुलाकर उनसे पूछताछ कर रहे हैं। अब 10 तक कर सकेंगे आवेदन कांग्रेस ने विधानभा चुनाव की टिकट के लिए आवेदन की तारीख 10 अगस्त तक बढ़ा दी थी। तीन जुलाई से आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी और 31 जुलाई आवेदन की आखिरी तारीख तय की गई थी। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विधानसभा की नब्बे सीटों के लिए 2500 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। विधायकों के लिए भी अनिवार्य पार्टी यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि टिकट के लिए मौजूदा विधायकों को भी आवेदन करना होगा। 20 के करीब विधायकों द्वारा अभी तक आवेदन किया जा चुका है। आमतौर पर कांग्रेस में सिटिंग-गैटिंग का फार्मूला चलता है लेकिन इस बार सभी मौजूदा विधायकों को टिकट मिलने के आसार नहीं हैं। कई विधायकों की टिकट पर तलवार है। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी को मिले फीडबैक के हिसाब से इन विधायकों के खिलाफ ग्राउंड पर लोगों में नाराजगी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी दो-टूक कह चुके हैं कि पार्टी के प्रति वफादार और जिताऊ नेताओं को ही टिकट दिया जाएगा। तीन एजेंसियां कर रही सर्वे सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों का चयन करने के लिए कांग्रेस द्वारा तीन एजेंसियों से अलग-अलग सर्वे करवाया जा रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस के लिए सर्वे करने वाले सोनू कानूगोलू द्वारा लोकसभा की तरह इस बार हरियाणा में भी सर्वे किया जा रहा है। बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा भी अपने स्तर पर सर्वे करवाया जा रहा है। इसी तरह से एक ओर प्राइवेट एजेंसी को प्रदेश की सभी नब्बे सीटों के सर्वे की जिम्मेदारी दी हुई है। तीनों रिपोर्ट का मिलान करने के बाद कांग्रेस प्रत्याशियों का चयन करेगी। Post navigation मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी घोषणाओं पर घोषणा करके हरियाणा वासियों को झांसे देकर क्यों ठग रहे थे? विद्रोही राज्यसभा उपचुनाव के बाद भंग की जा सकती है हरियाणा विधानसभा !