चुनाव आयोग ने की हरियाणा में राज्यसभा चुनाव की घोषणा ……… तीन सितंबर को डाले जाएंगे वोट

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में भाजपा को क्रॉस वोटिंग की आस

कांग्रेस और जजपा डाल रहे एक दूसरे के पाले में गेंद

राज्यसभा सीट के लिए भाजपाईयों में लॉबिंग 

भाजपा में अंदरूनी जबरदस्त खींचतान, महिला मोर्चा की सभी नियुक्तियां रद्द

अशोक कुमार कौशिक 

भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा में हुए बदलाव के बाद मचे घमासान को शांत करते हुए प्रदेशाध्यक्ष ने महिला मोर्चे में हुई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है और आगामी आदेशों तक मोर्चों व प्रकोष्ठों में बदलाव पर रोक लगा दी है। दूसरी और राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं उसे क्रॉस वोटिंग की आस है। राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपाइयों में लॉबिंग शुरू हो गई है। इस बीच, बुधवार को चुनाव आयोग ने इस सीट को भरने के लिए उपचुनाव कार्यक्रम भी घोषित कर दिया।

लोकसभा चुनाव के बाद कई प्रत्याशियों द्वारा जिला अध्यक्षों तथा अन्य पार्टी पदाधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें दी गई थी। इन शिकायतों के बाद नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने हाईकमान की स्वीकृति से करीब आधा दर्जन जिलों के अध्यक्ष बदल दिए। यह मामला शांत होने के बाद भाजपा महिला मोर्चा ने हाल ही में पांच जिलों की अध्यक्षों को बदल दिया था। यही नहीं कई जिला अध्यक्षों को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल कर दिया गया। जिसे लेकर विरोध शुरू हो गया। सूत्रों की मानें तो कई जिला अध्यक्ष प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने को लेकर संतुष्ट नहीं थी। इसके चलते उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री तथा प्रभारी के सामने यह मुद्दा उठाया। इस बीच पार्टी के विभिन्न मोर्चों व प्रकोष्ठों में पूर्व पदाधिकारियों को हटाकर नए पदाधिकारियों की तैनाती किए जाने पर भी विवाद हो गया।

भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इस विवाद को खत्म करते हुए पार्टी के सभी प्रदेश मोर्चा, प्रकोष्ठ, विभाग, जिला व मंडल आदि में किसी प्रकार के संगठनात्मक बदलाव पर रोक लगा दी है। अब मोर्चा अध्यक्ष अपने स्तर पर किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेंगे। भाजपा के प्रदेश कार्यालय प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया की तरफ से जारी पत्र में साफ किया गया है कि महिला मोर्चा द्वारा वर्तमान में की गई सभी घोषणाएं रद्द की जाती हैं।

हरियाणा में राज्यसभा के चुनाव में कोई हैरान कर देने वाली स्थिति नहीं है। भाजपा के पास बहुमत के लिए बेशक विधायकों की संख्या पर्याप्त नहीं है, लेकिन अगर विपक्ष में बिखराव हुआ और क्रॉस वोटिंग हुई तो वह इकलौती सीट जीत सकती है। रोहतक से राज्यसभा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। 

कुल 90 विधानसभा सीटों वाली सदन में फिलहाल भाजपा के पास विधायकों की संख्या 41 है। उनके साथ एक हलोपा व एक निर्दलीय साथ हैं। इनके अलावा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुकी किरण चौधरी भी भाजपा के पक्ष में वोट डालेंगी। कांग्रेस के पास 28 विधायक हैं। कांग्रेस के नेता एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही यह कहते हुए हाथ खड़े कर चुके हैं कि उनके पास संख्या बल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर भाजपा के विरोधी उन्हें वोट दें तो वे अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। 

वहीं कार्यक्रम घोषित होने से पहले कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी इस रिक्त हुई सीट के लिए गेंद एक-दूसरे के पाले में डाल रहे हैं। ऐसे में संभावना बहुत कम है कि विपक्ष की तरफ से इस सीट के लिए किसी को प्रत्याशी बनाया जाए।

कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने की संभावना इसीलिए नहीं है क्योंकि उसके पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है। जजपा के 10 और निर्दलीय विधायकों का अगर उसे समर्थन मिले तो प्रदेश में बड़ा खेल हो सकता है। लेकिन जजपा के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग व नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा खुलकर भाजपा के साथ हैं। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा और पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत भी सरकार के साथ हैं।

भाजपा के सहयोगी रही जन नायक जनता पार्टी के पास इस वक्त 10 विधायक हैं। इनके अलावा इनेलो का एक तथा चार निर्दलीय विधायक भाजपा के विपक्ष में हैं। यानी पक्ष और विपक्ष दोनों के पास संख्या बल 43-43 का है। मगर विपक्ष एकजुट नहीं है, क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही है। इसलिए भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में बहुमत के लिए पर्याप्त वोट माने जा रहे हैं। तस्वीर क्या बनती है यह तो आने वाला चुनाव ही बताएगा।

प्रदेश में कुल पांच सीट 

हरियाणा में राज्यसभा सीटों की संख्या कुल पांच है। इनमें से सांसद रामचंद्र जांगड़ा, कृष्णलाल पंवार, सुभाष बराला व कार्तिकेय शर्मा हैं। पांचवीं सीट दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था।

करीब दो साल की होगी टर्म

चुनाव आयोग ने हरियाणा से एक राज्यसभा सीट को रिक्त घोषित करते हुए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। अब तक कांग्रेस के हिस्से में रही इस सीट से करीब दो साल के लिए भाजपा अपना राज्यसभा सांसद सदन में भेजेगी। रिक्त हुई सीट का कार्यकाल 9 अप्रैल, 2026 तक होगा। हरियाणा में राज्यसभा की कुल पांच सीट हैं। भाजपा के सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्णलाल पंवार के अलावा भाजपा समर्थित कार्तिकेय शर्मा पहले से ही राज्यसभा में हैं।

कई दिग्गज दावेदार

सूत्रों का कहना है कि भाजपा के कई नेता राज्यसभा जाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं तोशाम विधायक किरण चौधरी, पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सहित कई नेताओं के नाम भाजपा गलियारों में लिए जा रहे हैं। इससे पहले पंजाब के एक नेता का नाम भी काफी चला था। माना जा रहा है कि भाजपा किसी बाहर के व्यक्ति को भी राज्यसभा भेजने पर विचार कर सकती है।

तीन सितंबर को डाले जाएंगे वोट

चुनाव आयोग ने हरियाणा में राज्यसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। तीन सितंबर को राज्यसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे। उसी दिन शाम पांच बजे तक परिणाम घोषित होने की संभावना है। अधिसूचना के मुताबिक नामांकन भरने की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू होगी जो 21 अगस्त तक चलेगी। इसके बाद 27 अगस्त तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे।

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