बच्चों को पढ़ाना पैरेंट्स की चॉइस होती है न की स्कूल वालों की चॉइस: सीमा त्रिखा

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद नहीं कर सकते, क्योंकि उनमें बच्चे पढ़ रहे हैं: शिक्षा मंत्री 

नारनौल में स्कूल प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन आयोजित, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा रहीं मुख्य अतिथि

बेहतरीन कार्य करने वाली एसएमसी, अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को किया सम्मानित

सरकारी स्कूलों के बच्चे अब हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में कर रहे बेहतरीन प्रदर्शन 

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने आज नारनौल में मीडिया के समक्ष कहा कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद नहीं कर सकते, क्योंकि उनमें भी बच्चे पढ़ रहे हैं तथा सभी के लिए ‘राइट टू एजुकेशन’ उनका अधिकार है। इसलिए अगर इन स्कूलों को बंद कर देंगे तो वहां के बच्चे कहां जाएंगे। वे आज यहां सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आई हुई थी। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। 

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल खुले हैं, लेकिन कई जगह ये बहुत दूरी पर होते हैं। जिसके कारण मां-बाप इन स्कूलों में अपने बच्चों को नहीं डाल सकते। इसलिए गली मोहल्ले में छोटे स्कूल खुले हुए हैं। इन स्कूलों में मां-बाप अपने बच्चों को डाल देते हैं, क्योंकि वे उनके घर के नजदीक होते हैं तथा उनकी फीस भी कम होती है। वहीं मां-बाप इन स्कूलों में अपने बच्चों को डालकर पूरा दिन काम करके अपने परिवार के लिए पैसे भी कमा लेते हैं। इसलिए गली मोहल्लों में खुले हुए छोटे स्कूलों को बंद नहीं किया जा सकता। 

उन्होंने कहा कि राइट टू एजुकेशन के तहत शिक्षा प्राप्त करना हर बच्चे का अधिकार है। इसलिए यदि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा तो वहां पढ़ने वाले बच्चे कहा जाएंगे और वे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल अवैध नहीं होता। सभी स्कूल वैध होते हैं। हां बिल्डिंग जरूर अवैध हो सकती हैं। 

श्रीमती त्रिखा ने कहा कि स्कूल तो शिक्षा का मंदिर होते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारे परिवार अभी भी ऐसे हैं जो फीस देने के लायक नहीं है इसलिए छोटे स्कूल ऐसे परिवारों के बच्चों को पढ़ाकर उनकी मदद ही करते हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाना पैरेंट्स की चॉइस होती है न की स्कूल वालों की चॉइस। हर पेरेंट्स देखा है कि उनके बच्चों को कहां पढ़ाया जाए। इसलिए पेरेंट्स ही अपनी मर्जी से स्कूल सुनकर बच्चों को वहां पर पढ़ने के लिए भेजते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक कोई ऐसा आदेश जारी नहीं किया है कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद किया जाए।

हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि सरकार की बेस्ट शिक्षा नीति की बदौलत आमजन का सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। अब सरकारी स्कूलों के बच्चे हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री आज नारनौल के सभागार में स्कूल प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित रही थीं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में करीब 25 लाख से ऊपर विद्यार्थियों को संस्कारमय शिक्षा देकर सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता पूरक शिक्षा प्रदान करने में अध्यापकों के साथ-साथ हर विद्यालय में बनी स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां यानि एसएमसी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह समितियां एक तरह की निगरानी समिति हैं, जो स्कूलों में मिल रही शिक्षा और सुविधा पर नजर रखती हैं।

इससे पहले शिक्षा मंत्री ने सभागार परिसर में विभिन्न स्कूली विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने बच्चों के साथ संवाद किया तथा बच्चों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट की सराहना की। इस मौके पर उत्तम कार्य करने वाली एसएमसी व उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों व अध्यापकों को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने जय हिंद के साथ सबका अभिवादन करते हुए कहा कि जिन स्कूलों में एसएमसी जागरूक है, वे स्कूल निश्चित तौर पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं। एक बच्चे का सर्वांगीण विकास में माता-पिता के साथ-साथ गुरूजन का भी योगदान होता है। वर्तमान परिवेश में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार देना भी बहुत जरूरी है। बच्चों में संस्कार होंगे तो उनमें राष्ट्र प्रेम की भावना भी प्रबल होगी।

हरियाणा प्रदेश के युवा प्रत्येक क्षेत्र में आगे हैं। इसके साथ-साथ सेना में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। दक्षिणी हरियाणा सैनिकों की खान है। 

उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन के तहत सभी जिलों में जाकर एसएमसी के सदस्यों से सीधा संवाद किया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता और सुधार लाने के लिए उनसे सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। 

 उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य की भी चिंता कर रही है। जहां केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना चलाकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं, वहीं प्रदेश सरकार ने इसमें विस्तार करते हुए चिरायू योजना के तहत इसका दायरा बढ़ाया है। इस व्यवस्था से प्रदेश के लाखों जरूरतमंद परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है। 

शिक्षा मंत्री ने सभी एसएमसी से आह्वान किया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे हमेशा गुड मॉर्निंग के बजाय ‘जय हिन्द’ बोलकर सभी का अभिवादन करें। इस मौके पर उन्होंने एसएमसी सदस्यों से सीधा संवाद किया और सुझाव भी आमंत्रित किए।

शास्त्रीय गायन में विशेष पहचान बना चुकी कुमारी तनिष्का सैनी ने अपनी गायन शैली वंदे मातरम से कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए।

इस मौके पर एसडीएम डा जितेंद्र सिंह, जिला परिषद के चेयरमैन डॉ राकेश कुमार, नगर परिषद चेयरपर्सन कमलेश सैनी, बीजेपी के जिला प्रधान दयाराम यादव, शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक प्रवीण सांगवान, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।

‘एक पेड़ मां के नाम’ के साथ-साथ एक पौधा औलाद के नाम भी लगाएं : शिक्षा मंत्री 

स्कूल प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में नागरिकों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करते हुए शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ विशेष मुहिम चलाई है। हम सभी को इस मुहिम में भागीदारी करते हुए पौधा रोपण करना चाहिए। इतना ही नहीं इस मुहिम में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए एक पौधा औलाद के नाम करते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करें।

आकर्षण का केंद्र बनी सेल्फ चार्जिंग इलेक्ट्रिक साइकिल

सभागार में आयोजित स्कूल प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने विभिन्न स्कूलों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में बनाए गए मॉडल की काफी सराहना की। उन्होंने बच्चों की हौसला अफजाई की तथा उनके साथ कई देर तक संवाद भी किया।

इस मौके पर आरोही मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडाना के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई सेल्फ चार्जिंग इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में शिक्षा मंत्री ने कई देर तक बातचीत की। 12वीं की साइंस कक्षा के आकाश तथा उनके कोऑर्डिनेटर अभिषेक ने अपने गणित अध्यापक राज्यपाल की देखरेख में यह मॉडल लैब में तैयार किया है। आकाश को हरियाणा सरकार ने इंस्पायर अवार्ड से सम्मानित भी किया है। यह इलेक्ट्रिक साइकिल आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही। इस साइकिल पर एक 12 वोल्ट की बैटरी लगाई गई है जिसे सोलर पैनल के माध्यम से चार्ज किया जा सकता है। इस पर एक अल्टीनेटर भी लगाया गया है जो साइकिल को चलते वक्त भी अतिरिक्त बैटरी को साथ ही साथ रिचार्ज करती रहती है।

स्कूल प्रबंधन समिति के कार्यों की लघु फिल्म के माध्यम से दी जानकारी

सभागार में आयोजित स्कूल प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा की मौजूदगी में विभिन्न वक्ताओं ने स्कूल प्रबंधन समिति के कार्यों के बारे में जानकारी दी।

सबसे पहले एपीसी डॉक्टर विक्रम सिंह व हरमिंदर यादव ने स्कूल प्रबंधन समिति का स्कूल के विकास में योगदान पर जानकारी दी। उन्होंने बजट, योजना तथा खरीद के संबंध में भी जानकारी दी । इसके बाद स्टीम लैब के बारे में रविंद्र अग्रवाल ने अपनी प्रेजेंटेशन दी। इस मौके पर स्कूल प्रबंधन समिति प्रशिक्षण को लेकर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई जिसके माध्यम से स्कूल प्रबंधन समिति की पूरी कार्यप्रणाली के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

ये हुए सम्मानित

सभागार में आयोजित स्कूल प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने बेहतरीन कार्य करने वाली एसएमसी, अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को सम्मानित किया। शिक्षा मंत्री ने 12 एसएमसी, 25 स्टार अध्यापक, 5 टैक्स्ट बुक राइटर अध्यापक, 10 मेंटर, 15 टॉपर स्कूल तथा 35 सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को सम्मानित किया।

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