आयोजकों ने प्रचारित किया मुख्य वक्ता मनोहर लाल और राव इंद्रजीत 

मंच पर राव इंद्रजीत का नाम वाली कुर्सी बनी रही जिज्ञासा का केंद्र

पूर्व सीएम खट्टर के नजदीकी पूर्व मंत्री राव नरवीर भी नहीं पहुंचे

भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत के राजनीतिक गढ़ में ही थी विजय संकल्प रैली

फतह सिंह उजाला 

पटौदी 2 मई । आखिर ऐसा क्या हुआ और क्या करण रहे ? यह अपने आप में अबूझ पहेली बन गए हैं । एक दिन पहले ही बुधवार को भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक गढ़ पटौदी के पुराने अनाज मंडी हेलीमंडी परिसर में विजय संकल्प रैली का आयोजन किया गया । रैली में राव इंद्रजीत के नहीं पहुंचने को लेकर भी जहां लोगों में जिज्ञासा बनी हुई है। वही विपक्ष के द्वारा भी अपना-अपना आकलन किया जा रहा है।

लोगों के बीच में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि क्या राव इंद्रजीत सिंह का नाम रैली के लिए प्रचारित करके विजय संकल्प रैली में भीड़ जुटा गई ? रैली के आयोजकों में मुख्य रूप से पटौदी के विधायक एडवोकेट सत्य प्रकाश का नाम शामिल है । उनके द्वारा स्वयं प्रचारित किया गया पुरानी अनाज मंडी हेली मंडी में विजय संकल्प रैली को संबोधित करने के लिए पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और भाजपा उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सहित अन्य नेता भी पहुंचेंगे । इनमें बड़ा और मुख्य नाम पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बेहद नजदीक पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह का नाम शामिल है । लेकिन विजय संकल्प रैली में राव नरवीर की भागीदारी भी दिखाई नहीं दी। विजय संकल्प रैली के लिए हेली मंडी से लेकर पटौदी और आसपास के इलाके में फ्लेक्स होर्डिंग की बाढ़ आई हुई देखी गई । इनफ्लेक्स होर्डिंग में मुख्य रूप से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी पूर्व मंत्री राव नरवीर सिंह के चेहरे शामिल रहे हैं।

सवाल यह है कि जब भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भाजपा पार्टी के उम्मीदवार हैं। ऐसे में विजय  संकल्प रैली का टाइम टेबल पहले से तय था या फिर राव इंद्रजीत सिंह को विश्वास में ही नहीं लिया गया और रैली की घोषणा कर दी गई। इस रैली के आयोजकों के द्वारा कई दिन पहले से ही सोशल मीडिया पर भी युद्ध स्तर पर रैली और रैली में आमंत्रित या फिर पहुंचने वाले नेताओं के विषय में जोर-जोर से प्रचार किया जाता रहा । विजय संकल्प रैली के मंच पर आमंत्रित नेताओं और अतिथियों के लिए कुर्सियां रखी गई । खास बात यह रही की अग्रिम पंक्ति जिस में  की स्वयं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज, मंत्री कुंवर संजय सिंह , विधायक सत्य प्रकाश, भाजपा नेता कमल यादव सहित और भी कई प्रमुख नेता शामिल रहे। लेकिन इसी पंक्ति में ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह नाम की स्लिप लगी हुई कुर्सी खाली ही रही । 

आयोजकों के द्वारा रैली का समय 3:00 बजे का घोषित किया गया । लेकिन जैसा की अक्सर होता है वही हुआ और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पहुंचने पर ही विजय संकल्प रैली अपने चरम पर पहुंची । रैली स्थल पर मौजूद लोगों में भी जिज्ञासा के साथ-साथ काना-फूसी राव इंद्रजीत सिंह के नहीं आने को लेकर बनी ही रही । विपक्ष के नेताओं का कहना है कि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बीच में  जिस प्रकार से अक्सर खींचतान देखने को मिलती रही है । पटौदी क्षेत्र के लोगों ने भी अपनी आंखों से उसे बानगी को भी देख लिया है। बहरहाल विजय संकल्प रैली समाप्त हो चुकी है । लेकिन रैली के मंच पर खाली एक कुर्सी को लेकर लंबे समय तक लोगों के बीच विशेष रूप से राव इंद्रजीत के समर्थकों में जिज्ञासा बनी ही रहेगी।

जनसंपर्क में रैली शामिल नहीं

बुधवार 1 मई को भाजपा उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपने चुनाव प्रचार सहित जनसंपर्क के लिए बावल विधानसभा क्षेत्र के गांव में दौरे पर रहे। उनका यह टूर प्रोग्राम एक दिन पहले ही मंगलवार को सार्वजनिक कर दिया गया था । दूसरी तरफ महत्वपूर्ण बात यह है कि इस टूर प्रोग्राम में बावल विधानसभा क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों के नाम शामिल रहे। लेकिन उनके ही राजनीतिक गढ़ पटौदी के पुराने हेली मंडी अनाज मंडी में आयोजित संकल्प रैली को लेकर राव इंद्रजीत सिंह के आगमन का किसी प्रकार का टाइम टेबल अथवा सूचना नहीं थी । कथित रूप से सूत्रों के मुताबिक राव इंद्रजीत सिंह की तरफ से समय रहते ही विजय संकल्प रैली में शामिल होने के लिए अपने पहले से निर्धारित जनसंपर्क अभियान के कारण असमर्थता जाहिर कर दी गई थी।

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