गुडग़ांव, 18 फरवरी (अशोक): शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों के नाम पर सडक़ों को खोद कर छोड़ दिया जाता है। कई बार तो सीवरेज व पेयजल की लाईनें डालने के लिए खोदे गए गड्ढे भी भरे नहीं जाते, जिससे सदैव दुर्घटना होने का भय बना रहता है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल व सीवर  लाइन डालने के लिए खोदे गए गड्ढों को भर तो दिया जाता है, लेकिन सडक़ का निर्माण नहीं किया जाता। जिससे पूरे दिन वाहनों की आवाजाही के चलते धूल का गुब्बार उठता रहता है। जोकि वायु प्रदूषण को बढ़ाने में  सहायक होता है।

इसी क्रम में सिविल लाइन क्षेत्र स्थित जिला एवं सत्र न्यायाधीश आवास के निकट झाड़सा रोड चौराहे की खुदाई तो अवश्य कर दी गई, लेकिन सडक़ निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया। चौराहे पर आने जाने वाले वाहनों के कारण धूल का गुब्बार पूरे दिन उठता रहता है, जिससे आने जाने वालों व क्षेत्रवासियों को भी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस चौराहे के आस-पास जहां उच्चाधिकारियों के सरकारी आवास भी हैं, वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश का आवास भी स्थित है।

शहर के बुद्धिजीवियों का कहना है कि जब पॉश क्षेत्र में ही धूल के गुब्बार उठते रहते हैं तो अन्य क्षेत्रों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा स्वत: ही लगाया जा सकता है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जहां पर भी नगर निगम का कार्य कराने के लिए खुदाई आदि कराता है तो खोदे गए गड्डों को तुरंत भरा जाए और सडक़ की मरम्मत भी साथ ही साथ करा दी जाए ताकि धूल के गुब्बार से बचा जा सके और वायु प्रदूषण के खतरे से भी आमजन को बचाया जा सके। नगर निगम प्रशासन को इस दिशा में कार्य करना चाहिए।

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