प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से कार्य करें कृषि विभाग : राव नरबीर

गुरुग्राम। रोहतक, हिसार व सिरसा लोकसभा क्षेत्र के कलस्टर प्रभारी तथा वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि तेजी से बदलते परिवेश व अधिक पैदावार की अंधी दौड़ में हमारा खानपान विषैला होता जा रहा है। जो बीमारियों के रूप में व्यक्ति के भीतर पहुंच रहा है। इसलिए प्राकृतिक खेती आज की बड़ी आवश्यकता बन चुकी है। कृषि विभाग एवं वैज्ञानिक गंभीरता के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अधिक से अधिक जागरुक करें तथा इसके प्रचार-प्रसार में कोई कमी न छोड़े।

पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के वजीरपुर स्थित नीमराणा पैलेस में प्राकृतिक खेती विषय पर आयोजित जिला स्तरीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज हवा, पानी व खानपान प्रदूषित होते जा रहे हैं। गुरुग्राम जैसे विकसित क्षेत्र में आर्थिक संपन्नता तो है, सेहत के प्रति लापरवाही दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हवा, पानी तथा खानपान की सामग्री हमारे हाथ के बाहर की चीजे होने के कारण हम चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। गुरुग्राम में  रहने वाला व्यस्ति संपन्न तो है, लेकिन शुद्ध खानपान से अभी भी दूर है। जब संपन्न लोग ही शुद्ध आहार नहीं ले पा रहे हैं, गरीब और मध्यम वर्ग की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। होर्टिकल्चर व एग्रीकल्चर विभाग को इस दिशा में जितना कार्य करना चाहिए, वो नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे गुरुग्राम जिले में जमीन की कमी है, उसके बावजूद जितनी भी जमीन है, उसका हम सदुपयोग करते हुए जैविक खेती को अपनाए तो अधिक पैदावार के साथ-साथ स्वास्थ्य भी बेहतर रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे, सडक़े तथा भवन तो निर्माण कर सकते हैं, लेकिन अगर शुद्ध भोजन नहीं मिला व हमारा शरीर स्वस्थ नहीं रहा तो हमारा विकास नहीं हो पाएगा और आने वाली नस्लें को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यहां तक कि गुरुग्राम रहने लायक भी नहीं रह पाएगा। उन्होंने कहा कि किसान जमीन व पानी की भी जांच अवश्य कराएं कि कौन सी फसल किस क्षेत्र में बेहतर हो सकती है। इससे किसान आर्थिक हानि से भी बस सकेगा।

उन्होंने कहा कि यदि प्रदूषण इतना ही बढ़ता रहा तो आने वाले समय में सरकार को हमारी राजधानी यहां से दो-चार सौ किलोमीटर दूर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह सोचने का विषय है। इसलिए कृषि विभाग की इसे लेकर बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। अधिकारियों को गांव-गांव जाकर लोगों को जागरुक करने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी एक-एक किसान व आमजन के पास पहुंचकर जैविक खेती के प्रति जागरुक करें। मात्र सेमिनारों का आयोजन कर कुछ हल निकलने वाला नहीं है, इसलिए विभाग गंभीरता दिखाते हुए इस दिशा में जल्द आवश्यक कदम उठाएं।

इस मौके पर जिला उद्यान अधिकारी डा. नेहा यादव, डा. अनिल कुमार, रतनलाल यादव, मंजू पूनिया, अरविंद कुमार, मान सिंह यादव, तिलकराज, यशपाल खोला समेत अनेकों जागरुक किसान मौजूद थे।

You May Have Missed

error: Content is protected !!