20 से 35 साल काम करने के बाद बिना नोटिस दिए कंपनी ने निकाला खट्टर और चौटाला सरकार की 75 प्रतिशत हरियाणा के लोगों को नौकरी देने की घोषणा बनी प्रदेश के लोगों के लिए जी का जंजाल रौनक शर्मा रोहतक- जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिंद रविवार को रेवाड़ी से चंडीगढ़ के लिए खुद की अर्थी लेकर चले प्राइवेट कंपनी के 21 कर्मचारियों से मिले | ये कर्मचारी उस कम्पनी में 20 से 35 साल तक काम कर रहे थे जिसके बाद बिना नोटिस दिए कंपनी ने इन कर्मचारियों को निकाल दिया | आज रोहतक के राजीव गांधी स्टेडियम के सामने पहुंचे और जहा नवीन जयहिंद उनसे मिलने गए | नवीन जयहिंद ने कर्मचारियो की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि कंपनी ने कर्मचारियों के साथ जिस तरह का व्यहवार किया है वो इंसानियत के लिए शर्मसार की बात है। इन्होने एक कम्पनी को इतने सालों तक अपने खून पसीने से सींचा है और एक झटके में इन्हें उठा कर निकाल दिया | जयहिंद ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक जगह तो उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला प्राइवेट कंपनियों में हरियाणा के लोगो को 75% आरक्षण देने की बात करते है और दूसरी तरफ हालत यें है की कंपनियों में 20 से 35 साल काम करने के बाद भी हरियाणा के लोगो को बिना नोटिस के निकाला जा रहा है, जो बिल्कुल भी सही नही है। जयहिंद ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस मामले को संज्ञान में ले और कर्मचारियों की समस्या का समाधान करें | अगर सरकार समाधान नहीं कर सकती है तो इन्हें फांसी पर चढ़ा दे, फूंक दे या फिर जेल में डाल दे | इनके पीछे इनका पूरा परिवार इस नौकरी की कमाई से जुड़ा हुआ है | जयहिंद ने कहा कि मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री इस तरह की कंपनियां जो मजदूरों का शोषण करती है उनके खिलाफ़ सख्त कार्यवाही करें। जयहिंद ने कहा कि एक कर्मचारी जिसकी अगले माह बेटी की शादी भी है जिसने लगभग 35 साल इस प्राइवेट कम्पनी में काम किया है | अब ये गरीब आदमी कहाँ जाएँ और परिवार को का गुजारा कैसे चलाये | सरकार की सिर्फ घोषणायें ही होती है | जमीनी हकीकत पर जनता सुविधाओं के लिए तरस रही है | नवीन जयहिंद ने कर्मचारियो को हौसला देते हुए कहा कि वो तन मन धन से कर्मचारियो के साथ खड़े है और उनके हर संघर्ष में उनका साथ देंगे | Post navigation खट्टर सरकार में बढ़े गरीब, लेकिन नहीं मिल रहा राशन : अनुराग ढांडा इंसान संसारी पदार्थो में खुशी ढूंढता है लेकिन फिर भी दुखी हैं : कँवर साहेब