कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया गया
मध्यप्रदेश के खादी कुर्ते व फूड प्रोडक्ट भी लोगों को कर रहा आकर्षित
मेले में सांस्कृतिक संध्या का भी लोगों ने लिया आनंद
सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक चलने वाला यह मेला सबके लिए निःशुल्क है

गुरुग्राम, 07 नवंबर। सरस आजीविका मेला 2023 में आज स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए एक बार फिर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आज स्टार्टअप को लेकर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आज बताया गया कि कैसे एसएचजी की महिलाएं अपना स्टार्टअप कर सकती हैं। कार्यशाला की शुरुआत राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) की दिल्ली ब्रांच की सेंटर हेड डॉ. रुचिरा भट्टाचार्य के संबोधन से हुआ। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह से महिलाएं खुद को इस कार्यशाला से एक सफल उद्यमी बन सकती हैं। इसके साथ ही एनआईआरडीपीआर के सहायक निदेशक चिरंजी लाल कटारिया ने बताया कि इस वर्कशॉप की पूरी सीरीज इन महिलाओं की आवश्यकताओं के हिसाब से ही रखा गया है। साथ ही उन्होंने इन महिलाओं को बताया कि इस कार्यशाला से आप लोगों को लाभ उठाना चाहिए।

वहीं, कार्यशाला के दौरान एनआरएलएम के नेशनल मिशन मैनेजर राजीव सिंघल ने बताया कि एसएचजी की महिलाएं स्टार्टअप इंडिया से सीख कर कैसे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकती हैं। साथ ही डीपीआईआईटी से पल्लवी गुप्ता व नीरज गुप्ता ने भी इन महिलाओं को स्टार्टअप के गुर बताए। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप इंडिया व्यबसाइट के माध्यम से औद्योगिक साझेदारी कैसे बढ़ाई जा सकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि एक स्टार्टअप से कम से कम ग्यारह लोगों के लिए रोजगार पैदा होती है। इस मौके पर इन महिलाओं को देशभर के नामचीन कंपनियों में काम करने वाले अखिल गुप्ता, नवीन यादव, मणिक सहगल जैसे अतिथियों को वर्कशॉप में व्याख्यान के लिए बुलाया गया। इस दौरान इन एसएचजी महिलाओं ने बताया कि आज के सेशन से इन महिलाओं का मनोबल बढ़ा है। इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया गया। इसमें सौ से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।

ज्ञात हो कि उत्पादों से जुड़े अलग-2 विषयों पर मेले में भाग लेने वाली 800 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए कार्यशाला आयोजित की जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर पैकेजिंग, ब्रेंडिंग, बिजनेस प्रपोजल तैयार करने, सोशल मीडिया प्लैटफार्म का उत्पादों की मार्किटिंग में उपयोग करने, वित्तीय प्रबंधन से लेकर कई अन्य विषयों के बारे मे प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा महिलाओं को सीधे बाज़ार से जोड़ने हेतु बी-टू-बी व बी-टू-सी बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं।

मध्यप्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर सतेंद्र सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश के कुल 20 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें कि 19 हेंडीक्राफ्ट व हेंडलूम के औऱ एक फूड प्रोडक्ट के स्टॉल हैं। मध्यप्रदेश के सतना जिले से आई हुईं अम्बे एसएचजी ग्रुप की प्रीती सेन ने बताया कि हमारे एसएचजी ग्रुप में कुल बारह लोग हैं। हमारे स्टॉल नंबर 55 पर खादी के कुर्ते, रेपरॉन, प्लाजो कुर्तियां, फूल ड्रेस के आईटम मौजूद हैं। यहां पर डेढ़ सौ रुपये से लेकर पंद्रह सौ रुपये तक के सामान उपलब्ध हैं। ज्ञात हो कि प्रीती लखपति दीदी की कैटेगरी में आती हैं जबकि इनकी मासिक आय पहले पांच से सात हजार रुपये थी लेकिन अब इनकी मासिक आय चालीस हजार के पार है औऱ कुशलता पूर्वक अपनी परिवार का निर्वन कर रही हैं। आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद यह बदलाव आया है। वहीं, मध्यप्रदेश से ही शिवपुरी जिले से आई हुईं गद्दी महाराज स्वयं सहायता समूह की विनीता जादौन ने बताया कि हमारे स्टॉल नंबर 341 पर आंवला कैंडी, सिड्स, फ्लैक सिड्स, चियर सिड्स, आंवला कैंडी, हींग गोली, अनार दाना, आम पापड़, संतरे की खट्टी मीठी गोली, पान चॉकलेट, कश्मीरी पान, जयपुरी पान, बनारसी पान, अथाना मिर्ची अचार, इमली आदि उपलब्ध हैं। जो कि तीस रुपये से लेकर हजार रुपये तक के सामान हैं।

वहीं, मेले में सांस्कृतिक संध्या का भी लोगों ने आनंद लिया। सांस्कृतिक संध्या में नियमित रूप से पांच बजे से हरेक राज्यों के लोक नृत्य व संगीत की प्रस्तुति की जाती है।

ज्ञात हो कि राजधानी से सटे गुरुग्राम में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा हरियाणा सरकार के सहयोग से आयोजित सरस आजीविका मेला का आयोजन किया जा रहा है। 26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक आयोजित होने वाला मेला भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शा रहा है। पहले दिन ही इस मेले का आकर्षण लोगों को अपनी तरफ खींच लाया। यहां हर आयु वर्ग के लोग मेला देखने व खरीदारी करने में आ रहे हैं।

गुरुग्राम के सेक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में लगे इस मेले में देश के 28 राज्यों के 400 से अधिक स्टॉलों पर लोग खरीदारी के लिए आ रहे हैं। मेले की विविधता लोगों को आकर्षित कर रही है। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं की विशेष उपस्थिति वाला यह मेला महिला सशक्तिकरण की एक बेहतरीन मिसाल है जहां न केवल वह अपना उत्पाद लेकर आई हैं बल्कि वह भारत की विविधता और अनेकता में एकता का संदेश भी दे रही हैं। आयोजकों के लिए यह मेला निःशुल्क है। सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक चलने वाले इस मेले में लोगों की खासी दिलचस्पी है। दूसरी बार यह मेला गुरुग्राम में लग रहा है और लोग इसको लेकर उत्साहित हैं।

इस मेला में 28 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की 800 दीदी अपनी कला एवं संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों की स्टॉल लगाई हैं।

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