कहा: सन्त समाज में फैले पाखंड और प्रपंच को समाप्त कर इंसान को भक्ति के मार्ग पर डालते हैं। इंसान को परमात्मा के बाद दूसरा दर्जा है लेकिन नशे विषयो में फंस कर जीवन व्यर्थ कर रहा है : कंवर साहेब कहा : आज समाज में नशे का बोलबाला है और युवा वर्ग इसके दलदल में धंसते जा रहे हैं। चरखी दादरी/भादरा , जयवीर सिंह फौगाट, 19 सितंबर, जिसका विश्वास दॄढ है सत्संग के महत्व को भी वही जानता है। सत्संग इंसान के भाव सँवारता है। सत्संग इंसान को गुणग्राही बनाता है। सत्संग भक्ति का आधार है। एक सत्संगी हॄदय में ही परमात्मा का वास होता है। यह सत्संग वचन परमसन्त सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने भादरा के राजगढ़ रोड पर स्थित राधास्वामी आश्रम में फरमाए। हुजूर ने कहा कि जिसे लग्न लग जाती है उसकी तो दशा ही बदल जाती है। ये लगन शेख फरीद, पीपा जी, भृतहरि, गोपीचंद को लगी थी। गुरु जी ने कहा कि सन्तो का काम समाज में फैले पाखंड और प्रपंच को समाप्त कर उसे भक्ति के मार्ग पर डालना है। सत्संग इंसान को जीवन का असल महत्व बताता है। उन्होंने फरमाया कि इंसान को परमात्मा के बाद दूसरा दर्जा दिया गया है लेकिन इंसान नशे विषयो में फंस कर 84 लाख यौनि में सर्वोत्तम यौनि को व्यर्थ कर रहा है। आज समाज में नशे का बोलबाला है। युवा वर्ग इसके दलदल में धंसते जा रहे हैं। भक्ति तो बहुत दूर है वो तो जीवन को ही रोग भोग से बिगाड़ रहे हैं। विचलित होते हुए बच्चों के लिए मां बाप सही भूमिका नहीं निभा रहे। उन्होंने कहा कि बेशक ध्यान भजन में ना बैठना लेकिन अपनी संतान को संस्कारी बना लो। हुजूर महाराज जी ने कहा कि परमात्मा सबको छूट देता है। सबको कर्म करने की आजादी है। वो तो शांति से सबका मुजरा ले रहा है। उसकी लाखो करोड़ो आंखे हैं। आपका एक कर्म भी उस से अछूता नहीं है। इन कर्मों की मार से तो केवल सन्त सतगुरु ही बचा सकते हैं। जो सतगुरु के द्वार पर टिका रहता है उसका मोल भी अनमोल होता है। गुरु के दर पर कुते की भांति वफादारी से टीको रहो आपका निश्चित रूप से कल्याण हो जाएगा। हुजूर कंवर साहेब जी ने फरमाया कि अपने दिल में दया यकीन और श्रद्धा रखो। परोपकार और परमार्थ का मार्ग मत छोड़ो। अपने गुरु के प्रति ऐसा भाव रखो कि एक पल भी मत बिसारो। गुरु आपको कभी नहीं छोड़ता आप ही गुरु को छोड़ देते हो। गुरु के दर पर सब अपने स्वार्थों के लिए आते हो। कोई संतान के लिए तो कोई धन संपदा नौकरी के लिए। कोई सुखों के लिए तो कोई ऐशो आराम के लिए। जो जिस भाव से आता है वो वही पाता है। ऐसे में यदि परमार्थ के लिए आओ तो कल्याण ही कल्याण है। उन्होंने फरमाया कि स्वर्ग और नरक दोनों इसी जीवन में हैं। जो कुछ भोगना है उसे यही भोगना है। जो अपना जगत बना लेता है उसका अगत भी बन जाता है। गुरु महाराज जी ने उच्च कोटि का आद्यात्म परोसते हुए कहा कि जो गुरु की आज्ञा को मानते हैं वही गुरु की रमज को समझ सकते हैं और जो गुरु की रमज को समझ लेता है उसका काल कुछ नहीं बिगाड़ सकता। दुनिया आपको नीचा गिराती है लेकिन गुरु आपको हौसला देकर ऊंचा उठाता है। उन्होंने कहा कि कभी किसी को हीन भावना और दुर्बल विचार मत देना। दो तो हमेशा हौसला दो। क्या पता आपके हौसले से वो उस चीज को हासिल कर ले जिसका उसने विचार छोड़ दिया है। उन्होंने अमोली सीख देते हुए कहा कि गुरु वचन को हमेशा हॄदय में रखो। जब आप जीवन मे निराश और हताश हो जाओ तब गुरु के वचन का गुणावन किया करो आपको रास्ता सूझ जाएगा। नकारात्मक ख्यालो को एक क्षण भी अपने मन मे मत टिकने दो। अपने अभ्यास को सकारात्मक बातों के लिए लगाओ। अपने खान पान को पाक पवित्र करो। अपनी बैठक अच्छे और गुणी लोगो के संग करो। संग का महत्व बहुत अधिक है। गुरु को मानस नहीं सतपुरुष मानो। इधर उधर की भटकना छोड़ कर गुरु पर टीको। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि एक एक सांस तीन लोक के मोल का है इसको हम व्यर्थ कैसे गंवा सकते है। समय को रोक नहीं सकते लेकिन उसका भरपूर लाभ तो उठा सकते हैं। ये पद प्रतिष्ठा कुछ काम नहीं आएंगे। पंडित राजे महाराजे भूपति आपको काल के मुख में जाने से नहीँ रोक सकते है। काल के ग्रास से तो सतगुर ही बचाएगा। औरो को सुधारने से पहले अपने घर को सुधार लो। औरो को सीख देने से पहले अपने आप को परखो। खुद के मन में प्रेम नहीं है और दूसरों को उपदेश देते हो। खुद अंधे है और दूसरे को रास्ता बता रहे हैं। हुजूर ने कहा कि भक्ति में भेद नहीं है ना ही इसका मार्ग दुहेला है। ये सहज मार्ग है। जो अपने हक हलाल की कमाई खाता है। माँ बाप बड़े बुजुर्गों की सेवा करता है। बच्चों को अच्छी शिक्षा देता है भक्ति घर बैठे कर सकता है। उन्होंने कहा कि करो तो अच्छा करो और अगर अच्छा कर भी ना सको तो कम से कम बुरा तो ना करो। Post navigation लोगों को ड्रग्स फ्री हरियाणा का सकारात्मक संदेश देकर संपन्न हुई साइक्लोथॉन गुरुमुख ही गुरु की रजा को समझता है : कंवर साहेब जी