गुडग़ांव, 2 सितम्बर (अशोक) : बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर लगाए गए बिजली चोरी के आरोपों को सिविल जज साक्षी सैनी की अदालत ने गलत करार देते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान
उपभोक्ता को 7 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस किया जाए।

इस्लामपुर गांव के उपभोक्ता ओमप्रकाश के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली निगम ने उपभोक्ता पर आरोप लगाया था कि वह अपने कृषि के बिजली कनेक्शन का घरेलू उपयोग कर रहा है और बिजली निगम ने उस पर एक लाख 11 हजार 210 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता ने बिजली निगम से आग्रह किया था कि उसके पास बिजली का घरेलू कनेक्शन भी है तो वह कृषि कनेक्शन का घरेलू कामकाज के लिए क्यों इस्तेमाल करेगा। लेकिन बिजली निगम ने उसकी एक नहीं सुनी और उसको चेतावनी दी कि यदि उसने जुर्माना राशि जमा नहीं की तो उसके दोनों बिजली के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। जिस पर मजबूर होकर उसने जुर्माना  राशि का भुगतान बिजली निगम को कर दिया था और बिजली निगम के खिलाफ अदालत में मामला भी दायर कर दिया था।

अदालत ने बिजली चोरी के इस मामले की सुनवाई की। बिजली निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों व गवाहों से बिजली चोरी का मामला साबित नहीं हो सका।

जिस पर अदालत ने उपभोक्ता को बिजली चोरी के आरोपों से मुक्त करते हुए बिजली निगम को आदेश दिए कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का 7 प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान किया जाए। उधर उपभोक्ता ने बिजली निगम के
खिलाफ मानसिक रुप से परेशान करने का मामला दायर करने की तैयारियां भी शुरु कर दी हैं।

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