कहा – प्रॉपर्टी आई डी बनी ज़िंदगी के लिए अभिशाप, परिवार पहचान पत्र बना परिवार परेशान पत्र
सरकार ने #Family_ID व #Property_ID बनाकर लोगों के गले में सांप डाल दिया है। सरकार की असल मंशा लोगों की जेब पर नज़र रखना है-किरण चौधरी
रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी व सुरेश गुप्ता ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ सचिवालय तक किया रोष प्रदर्शन

कैथल, 13 अगस्त 2023 – आज कैथल जिले में प्रॉपर्टी आईडी की खुली लूट व गड़बड़झाले के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व मंत्री व तोशाम से विधायक किरण चौधरी व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने जन आक्रोश प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ की प्रभारी व पूर्व अध्यक्ष कुमारी शैलजा का छत्तीसगढ़ में कार्यक्रम होने के कारणवश पहुंच नहीं पाई। हजारों समर्थकों व कैथलवासियों के साथ रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी व सुरेश गुप्ता ने भाई उदय सिंह किला से सचिवालय तक पैदल मार्च व प्रदर्शन करते हुए हरियाणा सरकार के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।

पूर्व सीएलपी लीडर किरण चौधरी ने कहा कि भाजपा जजपा सरकार ने महिलाओं, किसान, गरीब की थाली से रोटी छिनने का काम किया। किसानों को फसलों के दाम नहीं दिए। लागत पर डबल मुनाफा नहीं दिया। गृहिणियों को महंगाई की मार से परेशान व उन्हें अपमान करने का काम किया है। किरण चौधरी ने रणदीप सुरजेवाला को लेकर जनता को कहा कि रणदीप का हाथ थाम लीजिए, एक वो ही आपकी लड़ाई लड़ सकता है, आपको नौकरी दे सकता है, इलाके व हरियाणा को बदल सकता है। खट्टर व दुष्यंत सरकार को धराशायी करके आमजनमानस की एक सुदृढ़ व मजबूत सरकार बना सकता है। ये लड़ाई आज कैथल से शुरुआत की है जो निरन्तर पूरे हरियाणा में आगे बढ़ेगी और भाजपा जजपा सरकार को नेस्तनाबूद करेगी।
सरकार ने #Family_ID व #Property_ID बनाकर लोगों के गले में सांप डाल दिया है। सरकार की असल मंशा लोगों की जेब पर नज़र रखना है।

भाजपा जजपा सरकार के खिलाफ हजारों की तादाद में शामिल हुए लोगों की हाजिरी से गदगद हुए रणदीप सुरजेवाला ने सभा में मौजूद लोगो में जोश भरते हुए कहा कि खट्टर व दुष्यंत सरकार के दिन अब लद चुके हैं। इतनी भारी संख्या में भीड़ इस बात की गवाह है कि खट्टर सरकार की कुनीतियों से जनता अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रही है।

सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर हरियाणवी बेहाल – खट्टर सरकार के मित्र मालामाल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का मनोहरकाल चला हुआ है। हरियाणा प्रदेश के 88 शहरों (11 मुनिसिपल कॉर्पोरेशन, 23 मुनिसिपल काउंसिल, व 54 मुनिसिपल कमिटी) में 1 करोड़ से अधिक हरियाणवी अपनी प्रॉपर्टी आईडी सही कराने के लिए महीनों से दलालों के हाथ लुट पिट रहे हैं। 88 शहरों के 1 करोड़ से अधिक नागरिकों की जिंदगी बिचौलियों, दलालों, और सरकारी अधिकारियों की रिश्वतखोरी की भेंट चढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता भाजपा-जजपा सरकार को पानी पी-पीकर कोस रही है, धिक्कार रही है, दर-दर की ठोकरें खा रही है, पर न कोई सुनने वाला, और न कोई राहत देने वाला। श्री मनोहर लाल खट्टर व श्री दुष्यंत चौटाला अब रोम के शासक “नीरो की भूमिका में हैं, जैसे कि “जब रोम जल रहा था, तो नीरो बाँसुरी बजा रहा था। अंतर केवल इतना है कि आज के हरियाणा के नीरो की ये जोड़ी हैलीकॉप्टर की सवारी कर रही है और लोग सड़कों पर छाती पीट रहे हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी की लूट-खसूट में भटकते लोगों की समस्याएं देखिएः

● दलालों व कर्मचारियों ने ‘वैध कॉलोनी’ को ‘अवैध कॉलोनी में डाल दिया, तथा ‘अवैध कॉलोनी’ को ‘वैध कॉलोनी में डाल दिया।
● अधिकतर प्रॉपर्टी की मल्कियत मालिक की बजाय किसी और के नाम चढ़ा दी। कई जगह किराएदारों को मालिक दिखा दिया।
● कई-कई मकानों की एक प्रॉपर्टी आईडी बना दी। अब मकान मालिक आपस में उलझते घूम रहे हैं।
● प्रॉपर्टी का एरिया व मकान का साईज, दोनों जानबूझकर गलत भर दिए। अब अधिकतर पुराने मकानों की रजिस्ट्री की मल्कियत उपलब्ध नहीं है, व लोग लूटपाट के शिकार हैं।
● एक ही प्लॉट की दो-दो प्रॉपर्टी आईडी बना दीं, या फिर मकान के अलग-अलग कमरों की अलग आईडी बना दी। अब लोग ठीक करवाने के लिए धक्के खा रहे हैं।
● रिहायशी मकानों को जानबूझकर कमर्शियल दिखा दिया। कमर्शियल प्रॉपर्टी व दुकानों को रिहायशी दिखा दिया। अब लोगों को इसे दुरुस्त करवाने के लिए रिश्वतखोरी का शिकार बनना पड़ रहा है। सरकारी जमीन पर बनी झुग्गियों व ग्रीन बेल्ट तक की प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई। नगर पालिका, सरकारी विभागों की जमीन पर नाजायज कब्जाधारियों की भी प्रॉपर्टी आईडी बन गई। अब वो प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर हजारों करोड़ की सरकारी संपत्तियों को अपना बताने लगे हैं।
● प्रॉपर्टी आईडी से जुड़े फोन नंबर बदलकर दूसरे जिलों के लोगों के फोन नंबर लगा दिए गए हैं। अब उन पर मैसेज आता ही नहीं, तथा दुरुस्ती के लिए हजारों की रिश्वत देनी पड़ रही है।
● खट्टर सरकार ने कानून बदलकर शहरी प्रॉपर्टी की बिक्री, ट्रांसफर, गिफ्ट इत्यादि पर नो ड्यूज़ अनिवार्य कर दिया है।
● लूट का आलम यह है कि खुद के प्लॉट की प्रॉपर्टी आईडी बनवाने से पहले नगर पालिका के अधिकारियों ने शर्त रखी है कि प्लॉट की चारदीवारी करवाई जाए। 100 गज के प्लॉट की भी टैंपरेरी चारदीवारी करवाने का खर्चा कम से कम ₹50,000 हैं, और रैगुलर चारदीवारी का खर्चा ₹100,000 तक है। अगर यह न करना हो, तो रिश्वत देनी पड़ती है।
● नो ड्यूज़ सर्टिफिकेट पोर्टल के नाम पर भारी धांधली और भ्रष्टाचार खुलेआम चल रहा है।

इन सभी समस्याओं को लोग भुगत रहे हैं, नतीजा यह है कि शहरों में प्रॉपर्टी की एनओसी नहीं मिल रही। मकानों का नक्शा पास नहीं हो रहा। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या लीज या किरायानामा नहीं हो रहा। प्रॉपर्टी की विरासत नहीं हो रही। प्रॉपर्टी पर बैंकों द्वारा लोन पास नहीं हो रहे। बकाया प्रॉपर्टी टैक्स नहीं दिया जा रहा। बकाया प्रॉपर्टी टैक्स के ब्याज में 100 प्रतिशत छूट नहीं मिल रही। इसके अलावा भी लोगों की परेशानी के हजारों और कारण बने हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे पूरी तरह फेल, मुख्यमंत्री खट्टर गलत फैसले करें और सारी पब्लिक दंड भरे। प्रॉपर्टी आईडी सर्वे के लिए 13 अगस्त, 2019 को डायरेक्टर, लोकल बॉडी व याशी कंसल्टिंग सर्विसेज़ प्राईवेट लिमिटेड, जयपुर में लिखित एग्रीमेंट हुआ एग्रीमेंट की कॉपी संलग्नक A1 है। एग्रीमेंट की क्लॉज़ 7.1 के मुताबिक यह काम 4 महीने यानि 12 दिसंबर, 2019 तक पूरा करना था। ठेकेदार पर विशेष मेहरबान खट्टर सरकार ने दसियों एक्सटेंशन दे डाले और तीन साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी अधिकतर काम गलत व बोगस निकला।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 88 शहरों में 42.70 लाख प्रॉपर्टी का सर्वे किया गया, जिसमें 85 प्रतिशत सर्वे गलत निकला । खुद मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने 07 जुलाई, 2023 को यह स्वीकारा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 8 लाख गलतियाँ पकड़ी गईं। खुद स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने 17 दिसंबर, 2022 को यह स्वीकारा कि प्रॉपर्टी आईडी में 15.50 लाख गलतियाँ मिलीं। इसके विपरीत मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर ने 7 जुलाई, 2023 को यह कह दिया कि 8 लाख गलतियाँ मिलीं। अब मुख्यमंत्री और उनके मंत्री में ही प्रॉपर्टी आईडी की गलतियों को लेकर 100 प्रतिशत विरोधाभास हो तो आम जनमानस का क्या हाल होगा?

सुरजेवाला ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे वाली याशी कंपनी की भयंकर त्रुटियाँ पकड़े जाने के बावजूद न टेंडर कैंसल किया गया, न पैनल्टी लगाई, और न ही ब्लैक लिस्ट किया – मिली भगत साफ है। एग्रीमेंट (संलग्नक A1) की क्लॉज़ 41.5 में साफ लिखा है कि अगर प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 10 प्रतिशत तक गलतियाँ पाई गईं, तो ठेकेदार कंपनी को दोगुना जुर्माना लगेगा। अगर प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की गलतियाँ 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत होंगी, तो जुर्माना चार गुना होगा, अगर गलतियाँ 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत होंगी, तो जुर्माना 8 गुना होगा, और अगर गलतियाँ 20 प्रतिशत से अधिक होंगी, तो टेंडर कैंसल कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में याशी कंपनी द्वारा 85 प्रतिशत गलतियाँ होने के बावजूद न तो खट्टर सरकार ने टेंडर कैंसल किया, न जुर्माना लगाया, और न ही कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया। पूरा हरियाणा गवाह है कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 85 प्रतिशत से अधिक गलतियाँ हैं। तो फिर ठेकेदार कंपनी के खिलाफ पैनल्टी या टेंडर खारिज करने व याशी कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी घोटाला चल रहा था, और खट्टर सरकार व उसके अधिकारी आँखें मूंद सोए पड़े थे। टेंडर एग्रीमेंट की क्लॉज़ 40.2.1 के मुताबिक पूरे प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की लगातार निगरानी के लिए डायरेक्टर, लोकल बॉडीज की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कमिटी का गठन हुआ था, जिसे हर 15 दिन में प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की दुरुस्ती बारे जाँच करनी थी व पूरे प्रोजेक्ट के वर्क शेड्यूल की मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी भी थी। इसी प्रकार टेंडर एग्रीमेंट की क्लॉज़ 40.2.2 के मुताबिक, ‘स्टीयरिंग कमिटी का गठन हुआ, जिसे प्रॉपर्टी आईडी प्रोजेक्ट के खत्म होने तक सारी जिम्मेवारी का निर्वहन करना था। सच्चाई यह है कि याशी कंपनी ने मनमर्जी से पूर्णतया गलत सर्वे किया, खट्टर सरकार व उसके अधिकारियों ने न कोई मॉनिटरिंग की, न जिम्मेवारी निभाई। हरियाणा की 1 करोड़ जनता को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया ।

उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार खुद याशी कंपनी को “क्लीन चिट दे रही – न ठेकेदार कंपनी पर कार्रवाई और न ही गलत प्रॉपर्टी आईडी सर्वे पर दस्तखत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई एफआईआर। याशी कंपनी द्वारा किए गए प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की रैंडम जाँच करके नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के अधिकारियों द्वारा प्रॉपर्टी आईडी सही होने का सर्टिफिकेट दिया गया, व इसके आधार पर गुपचुप तरीके से सरकारी खजाने से ठेकेदार कंपनी को 60 करोड़ रु. का भुगतान भी हो गया । स्थानीय निकाय मंत्री, श्री कमल गुप्ता ने तो याशी कंपनी को क्लीनचिट देते हुए प्रॉपर्टी सर्वे की गड़बड़ियों का ठीकरा हरियाणा के कर्मचारियों पर फोड़ दिया।

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि ठेकेदार कंपनी पर कार्रवाई करने की बजाय खट्टर सरकार ने सरकारी खजाने से 60 करोड़ रुपया का भुगतान याशी कंपनी को कर दिया। क्या मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम याशी कंपनी पर इस विशेष मेहरबानी का कारण बताएंगे? क्या यह सीधे-सीधे भ्रष्टाचार नहीं ?

अगर प्रॉपर्टी आईडी सर्वे गलत है, तो याशी कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर उस पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी तथा मिलीभगत करने वाले सभी अधिकारियों पर भी एफआईआर होनी चाहिए। हिंदुस्तान के इतिहास में शायद यह पहला केस है, जहाँ खुद मंत्री ठेकेदार कंपनी को क्लीनचिट दे रहे हैं, व ठेकेदार कंपनी की गलतियों का ठीकरा सरकारी कर्मचारियों पर फोड़ रहे हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में भयंकर गलतियों और घोटालों की वजह से “प्रॉपर्टी टैक्स” रिकवर नहीं किया जा रहा। सबसे बड़ी त्रासदी तो उस दिन होगी, जिस दिन 42.70 लाख शहरी प्रॉपर्टीज़ के प्रॉपर्टी टैक्स बिल जारी होंगे क्योंकि उस दिन न मल्कियत सही होगी, न लैंड यूज सही होगा, न प्लॉट एरिया सही होगा, और न ही सैंक्शंड और अनसैंक्शंड कॉलोनी का अंतर होगा। इसीलिए न प्रॉपर्टी बिल इश्यू किए जा रहे, और सरकार खजाने को चूना लग रहा है।

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि हरियाणा के लोगों को प्रॉपर्टी आईडी के जंजाल से फौरन मुक्ति मिले, तथा याशी कंपनी व सरकार में बैठे अधिकारियों व सफेदपोशों पर एफआईआर दर्ज कर फौरन कार्रवाई की जाए ।