भाजपा पूंजीपतियों को दे रही खुली छूट, किसानों पर कर रही भारी जुर्माना और मुकदमा दर्ज 

विधायक आदित्य सुरजेवाला ने हरियाणा विधानसभा सत्र में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर उठाया मुद्दा

चंडीगढ़, 28 मार्च 2025 – कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने आज हरियाणा विधानसभा सत्र में बहुत ही अहम मुद्दा उठाया। हरियाणा प्रदेश में बढ़ रहा वायु प्रदूषण को लेकर विधायक आदित्य सुरजेवाला ने चिंता व्यक्त की। सदन में अपने अभिभाषण में वायु प्रदूषण पर चर्चा करते हुए आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि जहां हरियाणा प्रदेश आज शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार में नंबर एक होना चाहिए लेकिन इसके विपरीत आज हरियाणा वायु प्रदूषण में नंबर एक पर पहुंच चुका है। 

उन्होंने कहा कि आज अगर भारत की टॉप 10 प्रदूषित शहरों का जिक्र हो तो उनमें हरियाणा के 10 शहरों का नाम आना स्वाभाविक है। हरियाणा का सबसे प्रदूषित शहर गुरुग्राम जिसका राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 489 पहुंच गया है। वो भारत में दिल्ली के बाद नंबर एक है। टॉप 10 में फरीदाबाद , रोहतक, बहादुरगढ़ और चरखी दादरी आते हैं। और अगर हमारे 24 शहरों में डाटा इकठ्ठा करें तो दुनिया के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में हरियाणा प्रदेश के नाम आते।

आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को रिटायर्ड हुए 6 महीने हो चुके हैं। लेकिन हरियाणा सरकार 6 महीने से HSPCB के चेयरमैन की नियुक्ति नहीं कर पाई है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल में कई बार भाजपा सरकार को आदेश दिया कि स्टाफ को बढ़ाया जाए। लेकिन 2024 तक 481 में से 303 पद खाली पड़े थे। जहां 21 अफसर चाहिए वहां सिर्फ 8 अफसर काम कर रहे हैं। तो अब बताइए, काम कैसे चलेगा। इतना ही नहीं HSPCB का data collection agency के साथ कॉन्ट्रेक्ट फरवरी 2025 में खत्म हो चुका है और डाटा रिपोर्टिंग दिसंबर 2024 में ही बंद हो चुकी है। गजब है जो टेंडर पुराना कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने से पहले ही फाइनल हो जाना चाहिए था, उसका आज मार्च के अंतिम दिन तक भी नया टेंडर नहीं निकाला गया। ये भाजपा के शासन की सच्चाई। न डाटा, न ड्यूटी पर कर्मचारी, और सरकार पॉलिसी बनाने की बात करती है। भाजपा को कौन समझाएं कि जहाँ आंकड़े गायब हों और अफसर नदारद, वहाँ नीति सिर्फ कागज़ की कहानी बनकर रह जाती है। उन्होंने कहा कि HSPCB का चेयरमैन कब नियुक्त होगा? आंकड़ा संग्रह एजेंसी का टेंडर कब निकाला जाएगा? 

आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि पड़ोसी राज्य से लेकर हमारी हरियाणा की सरकार भी हमारे किसानों का नाम बदनाम कर रही है उन्होंने किसान पर वायु प्रदूषण होने का इल्ज़ाम पराली जलाने को दिया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रधानमंत्री ऑफिस को बताया की एनसीआर एरिया में पराली जलाने से प्रदूषण का प्रभाव सिर्फ़ 1 प्रतिशत है। लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार प्रदूषण फैलने का 99 प्रतिशत दोष किसानो पर डालती है। पराली जलाने की परंपरा तो सदियों से है, लेकिन आज हवा में ज़हर क्यों घुल रहा है? क्योंकि आज शहरों में जो वायु प्रदूषण बढ़ रहा है वो इंडस्ट्री , गाड़ियों, का, गाड़ियों का, निर्माण कार्यों, बेतहाशा अवैध खनन से बढ़ रहा है। जिस पर अंकुश लगाने की जगह भाजपा सरकार उन्हें और ज्यादा बढ़ावा दे रही है। 

उन्होंने कहा कि जन विश्वास बिल के माध्यम से भाजपा सरकार ने अनेक पर्यावरणीय बिल में क़ैद की सज़ा के प्रावधान में सुधार करके आर्थिक जुर्माना बना दिया। व्यापार करने में आसानी को लेकर भाजपा सरकार ने घोषणा की, लेकिन क्या इसका असली फ़ायदा भाजपा सरकार पूंजीपतियों को नहीं दे रही? क्या इससे उन्हें प्रदूषण फैलाने की खुली छूट’ मिल गई। भाजपा का किसान को दोषी बनाना ही सबसे आसान काम है? जिस किसान ने हमें रोटी दी, जिसने हमें जिंदा रखा, उसी “अन्नदाता” को आप सबसे पहले कटघरे में खड़ा करते हो? याद रखिएगा – “जहाँ अन्नदाता रोता है, वहाँ राष्ट्र की आत्मा भी रोती है।” भाजपा की डबल इंजन सरकार ने तो जैसे किसानों की इज़्ज़त को निम्न प्राथमिक कार्य बना दिया है। हरियाणा प्रदेश की अनेक फैक्ट्रियों ने एनओसी से लेकर उत्सर्जन दिशा निर्देश की कोई मूलीयत ना रखते हुए, उनकी धज्जियाँ उड़ा दी -लेकिन आज भी उनके दरवाज़े खुले है और चिमनियों से काले, सफेद, और रंगबिरंगे बादल निकल रहे है -ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा शासन है बेईमान, और जेबें है गर्म”। आज पूंजीपतियों को तो क्लीन चिट दी जा रही है लेकिन किसानो पर हज़ारों केस थोपे जा रहे है, जेल भेजा जा रहा है, जुर्माना लगाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि क्या ये है हमारे किसानो के साथ इंसाफ़ है? कब ये सरकार एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप बंद करके, जिम्मेदारी उठाएगी और वायु प्रदूषण के असली दोषियो को रोकेगी?

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