वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

चंडीगढ़, 28 मार्च – हरियाणा को आखिरकार आधिकारिक राज्य गीत मिल गया है। शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा में राज्य गीत चयन समिति के चेयरपर्सन लक्ष्मण सिंह यादव ने समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से स्वीकृत कर लिया। इस ऐतिहासिक मौके पर सदन में “जय-जय-जय हरियाणा” गीत को सुनाया गया, जिसे सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी सराहा।

गीत स्वीकृत होने पर विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने प्रदेशवासियों को बधाई दी और गीत के गायन के मापदंड तय करने के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की भी घोषणा की।

गीत चयन प्रक्रिया और विशेषताएँ

समिति के चेयरपर्सन लक्ष्मण सिंह यादव ने बताया कि समिति को प्राप्त सभी गीतों पर गहन विचार-विमर्श के बाद इस गीत का चयन किया गया। गीत को हरियाणा के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, भौगोलिक संरचना और प्रदेश की विकास यात्रा के संदर्भ में परखा गया। साथ ही, गीत के अर्थ, भाव, लय और संगीत के मापदंडों पर भी ध्यान दिया गया।

गीत में हरियाणा के इतिहास को समेटने के लिए वैदिक काल की संस्कृत, हिंदी और वर्तमान हरियाणवी भाषा का संतुलित और तार्किक प्रयोग किया गया है। गीत में प्रदेशवासियों की सादगी, उत्सवधर्मी संस्कृति, आपसी भाईचारे और शिक्षा व व्यापार के महत्व को भी प्रमुखता दी गई है।

गीत का भाव और उद्देश्य

गीत में जहां हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को काव्यबद्ध किया गया है, वहीं किसानों, वीर सैनिकों और खिलाड़ियों के योगदान को भी रेखांकित किया गया है। यह गीत न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करेगा बल्कि प्रदेश में व्याप्त राष्ट्र गौरव की भावना को भी सशक्त बनाएगा।

गीत की प्रस्तुति और रचनाकार

समिति द्वारा अनुशंसित इस गीत को डॉ. बाल किशन शर्मा ने लिखा है, डॉ. श्याम शर्मा ने गाया है, श्री पारस चोपड़ा ने संगीतबद्ध किया और सुश्री मालविका पंडित ने इसका निर्देशन किया है।

हरियाणा राज्य गीत: “जय-जय-जय हरियाणा”

अंतरा 1:
जय-जय-जय हरियाणा, जय-जय-जय हरियाणा
पावन धरती वेदों की, जहां हुआ हरि का आना
जय-जय-जय हरियाणा, जय-जय-जय हरियाणा

गीता ज्ञान धरोहर इसकी, महाभारत इतिहास
मुकुट शिवालिक आधार अरावली, यमुना बहती पास
मौज मनावे, कातक न्हावे, पूरी मन की आस
सरस्वती के अमृत रस का, यहीं सदा है वास
सादा जीवन, सादा बाणा, दूध दही का खाना
जय-जय-जय हरियाणा, जय-जय-जय हरियाणा

अंतरा 2:
छैल-छबीले, मर्द निराले, सुंदर स्याणी नार
होली, दिवाली, ईद, गुरपुरब, मनते तीज-त्योहार
भाईचारा जग से न्यारा, बढ़े प्यार में प्यार
दिल दिन दुगनी, अर रात चौगुनी, शिक्षा और व्यापार
बजते डेरू, ढोल, नगाड़े, सांग, रागनी गाना
जय-जय-जय हरियाणा, जय-जय-जय हरियाणा

अंतरा 3:
उपजाते हैं फसल सुनहरी, खेतों बीच किसान
खेल खिलाड़ी मेडल लाकर करें देश का मान
सीमाओं पर हरदम चौकस यहां के वीर जवान
छोटा सा प्रदेश, देश की अजब निराली शान
अतिथि देवो भव यहां सेवा धर्म निभाना
जय-जय-जय हरियाणा, जय-जय-जय हरियाणा

समिति का गठन और योगदान

समिति में चेयरपर्सन लक्ष्मण सिंह यादव के साथ विधायक गीता भुक्कल, विनोद भ्याना, बलवान सिंह दौलतपुरिया, आदित्य देवीलाल सदस्य के रूप में शामिल रहे। लोक कलाकार पद्मश्री महावीर सिंह गुड्डू ने विषय विशेषज्ञ के रूप में योगदान दिया।

विधानसभा में गीत की सराहना

सदन में “जय-जय-जय हरियाणा” गीत सुनते ही सभी सदस्यों ने तालियों के साथ इसका स्वागत किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक सुर में इस गीत को प्रदेश की पहचान बताते हुए इसे हरियाणवी अस्मिता का प्रतीक माना।

हरियाणा का आधिकारिक राज्य गीत अब प्रदेश की विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों में भी गूंजेगा, जो हरियाणा की गौरवशाली संस्कृति, वीरता और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक बनेगा।

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