राक्षस वाले बयान को लेकर भाजपा जजपा सरकार पर रणदीप सुरजेवाला का पलटवार, कहा : युवा, दलित, किसान, महिला व आमजनमानस का गला घोंट रही निर्दयी खट्टर दुष्यंत सरकार
सुरजेवाला ने कहा कि वो और होंगे जो खट्टर-मोदी की गीदड़ भभकियों से डरते होंगे। एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के मुद्दे उठाना और सत्ता की आँखों में आँखें डालकर जन सापेक्ष सवाल पूछना ही मेरा धर्म है !

कैथल, 14 अगस्त 2023 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट के माध्यम से बयान जारी करते हुए कहा कि भरा नही जो करुणा से, जिसको जनजन से प्यार नही। शासक नही वह असुर है, जिसे किसान, मजदूर, गरीब व युवा से प्यार नही। इस संवाद में भावना और भावुकता शब्दों से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है, जिसे कोई संवेदनशील व्यक्ति ही समझ सकता है।

राक्षस वाले बयान को लेकर भाजपा जजपा सरकार पर रणदीप सुरजेवाला ने पलटवार करते हुए कहा कि जैसे कौरवों ने पांडवों के साथ छल करके उनके अधिकार छीने ठीक उसी प्रकार से भाजपा-जजपा सरकार हरियाणा के 3,59,00 CET पास युवाओं को चार साल धक्के खिलवा कर अब एक तरफ़ तो परीक्षा में बैठने से “डिस्क्वालिफ़ाई” कर रही है तो दूसरी और 6 अगस्त के पेपर के 100 में से 41 सवाल 7 अगस्त को रिपीट करवा व उसे सही बता युवाओं के भविष्य पर बुलडोज़र चला रही है। यही नहीं, 43 पर्चे लीक हो गए, भर्तियों में हेराफेरी हुई, पब्लिक सर्विस कमीशन में अटैची कांड हुआ, करोड़ों रुपये पकड़े गए, हमारे युवाओं के भविष्य पर ऐसा ग्रहण लगाने वाले क्या हैं – असुर रूपी या फिर देवता?

उन्होंने कहा कि यही भाजपा-जजपा सरकार जींद में गुरु रविदास, महर्षि वाल्मीकि, संत कबीर की मूर्ति तक नहीं लगाने दे रहे। चिलचिलाती गर्मी में ये समाज बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के नीचे बैठे हैं पर कोई सुनने वाला नहीं। दलित समाज के साथ ये व्यवहार क्या देवता रूप है या फिर असुरी? मेरे नज़रिये में हिंसा और अन्याय राक्षस प्रवर्ती का कार्य है।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के पौने नौ साल के कुशासन में देश का सबसे शांत प्रदेश हरियाणा तीन बार हिंसा का तांडव देख चुका है। आज़ादी के बाद पहली बार भाजपा सरकार में दो बार जातीय दंगे हुए, दर्जनों निर्दोष पुलिस की गोलियों से मारे गए और फिर पंचकुला में जो गोली बारी हुई और लोग मारे गए, वो गोली कांड आज भी रोंगटे खड़े कर देता है। क्या ये सब कुकृत्य देवीय: स्वरूप हैं?

उन्होंने कहा कि नूंह में हिंसा फैलाने की साज़िश हरियाणा की जनता ने समझदारी दिखाकर असफल कर दी अन्यथा चौथी बार भी हरियाणा रक्तरंजित हो जाता। इनकी हिंसा की प्यास यहीं नही बुझी तो तीन काले क़ानून लाकर हमारे खेत-खलिहान छीनने की साज़िश कर डाली।जब भाजपा-जजपा सरकार लाखों किसानों के रास्ते में कील और नश्तर बिछा रही थी तो न्याय के लिए सिसकते, धरती माँ को काले क़ानूनों की बेड़ियों से छुड़वाते, हमारे 800 मेहनतकश किसान भाई अपनी जान दे, ख़ुद को बलिदान कर इनसे लोहा ले रहे थे। तो इन्हें क्या कहा जाए?

ये लोग एक कथित यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद के समर्थन में खड़े रहे और हरियाणा की पहलवान बेटियाँ न्याय की गुहार लगाती रही, सिसकती रही। पूरी दुनिया मे देश का नाम रोशन करने वाली हमारी बेटियों को इन्होंने दुःशासन की तरह दिल्ली की सड़कों पर घसीटा। इन लोगों को क्या संज्ञा दी जाये?

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर सरेआम ब्राह्मण समाज के एक नेता को फरसे से सर काटने की धमकी देते हैं, ये उच्च पद पर बैठे व्यक्ति का कैसा व्यवहार है? समाज को नफरत की आग में झोंकने वाले और युवा प्रतिभाओं के सपनों की हत्या करने वाले क्या असुरों से कम हैं? ये लोग शब्दों को पकड़कर मुद्दों की हत्या करना चाहते हैं। ये सरकार निरन्तर अपनी असफलताओं को भावनात्मक मुद्दों के पीछे छुपाना चाहती है

उन्होंने कहा कि तिल को ताड़ बनाकर पेश करने वाले सिद्धहस्त सत्तारूढ़ कलहकारों और उनके मित्र मुट्ठी भर TV चैनलों को प्रदेश के पीड़ित शिक्षित और उपेक्षित युवाओं को रोज़गार व न्याय देने पर ज़ोर देना चाहिए, रोज़ाना की घिसी-पिटी लफ़्फ़ाज़ी पर नहीं !

पूरी भाजपा व खट्टर साहब मीडिया में भावनात्मक शोर मचाकर मुझे गलत साबित करने की बजाय CET qualified युवाओं को न्याय देकर, HSSC-HPSC के पेपर लीक माफिया से पीड़ित युवाओं को न्याय देकर, महिला खिलाड़ियों को न्याय देकर, PPP के बहाने पेंशन काट दिए गए बुजुर्गों को न्याय देकर, प्रॉपर्टी आई डी व परिवार पहचान पत्र से उत्पीड़ित हरियाणवियों को न्याय देकर, ज़मीन बेचकर विदेशों में पलायन को मजबूर युवाओं को न्याय देकर, नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई करके मुझे गलत साबित करें तो सही होगा। अन्यथा प्रदेश की जनता से माफी मांगें।

सुरजेवाला ने कहा कि वो और होंगे जो खट्टर-मोदी की गीदड़ भभकियों से डरते होंगे। एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के मुद्दे उठाना और सत्ता की आँखों में आँखें डालकर जन सापेक्ष सवाल पूछना ही मेरा धर्म है ! मैं यह धर्म आख़िर साँस तक निभाता रहूँगा।

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