जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित अज़ीम को निरोगी व चिरायु योजना से मिला नया जीवन: डीसी
निरोगी हरियाणा योजना में जिला में की जा चुकी है अंत्योदय परिवारों के एक लाख 46 हजार से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच: सिविल सर्जन
-स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में प्रतिदिन 600 से 650 लोगों के किए जा रहे हैं टैस्ट

गुरुग्राम, 07 अगस्त। आजादी के अमृत काल में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच व अंत्योदय उत्थान के लक्ष्यों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य सहित विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाकर आमजन को पूरी पारदर्शिता के साथ लाभ दिया जा रहा है।

डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि प्रदेश में बीपीएल परिवारों के स्वास्थ्य जांच के लिए शुरू की गई निरोगी हरियाणा योजना लक्षित वर्ग के लिए जीवनदायिनी का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में एक आम अवधारणा है कि किसी भी बीमारी को यदि शुरुआती स्तर पर ही पकड़ लिया जाए तो उसका इलाज आसानी से संभव है। निरोगी हरियाणा योजना के तहत गुरुग्राम के सोहना ब्लॉक में स्थित सांचोली कॉलोनी के रहने वाले अज़ीम की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले अज़ीम के पिता निजाम को नही पता था कि उनका बेटा जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित है। डीसी ने कहा कि निरोगी हरियाणा योजना ऐसे अंत्योदय परिवारों के लिए रामबाण योजना है। इससे जरूरतमंद व्यक्तियों की समय पर जांच कर उनका जीवन बचाया जा रहा है। जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ मानसिक परेशानी भी दूर हुई है।

सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने अज़ीम की स्वास्थ्य जांच व इलाज की प्रक्रिया की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम व निरोगी हरियाणा योजना के तहत जिला में चलाए जा रहे स्वास्थ्य जांच अभियान में पता चला कि 15 साल के अजीम के हृदय में जन्म से ही छेद है। वहीँ जांच के समय सामने आया कि उसके हृदय के एक भाग में काफी सूजन भी है। जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ भी हो रही थी। डॉ यादव ने कहा कि इस प्रकार की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति लंबा जीवन नही जी पाता और अगर किन्ही कारणों से वह सर्वाइव भी करता है तो उसका जीवन सामान्य नही रहता। ऑक्सिजन की कमी की वजह से शरीर धीरे धीरे नीला पड़ने लगता है व उसे कभी भी हार्टअटैक आने की आशंका बनी रहती है।

निरोगी हरियाणा व चिरायु हरियाणा योजना से मिला जीवनदान
डॉ यादव ने बताया कि निरोगी हरियाणा में अज़ीम की स्वास्थ्य जांच कर उसे चिरायु हरियाणा(आयुष्मान भारत) योजना के तहत ईलाज के लिए शहर के मेदांता अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां उसके हार्ट की सर्जरी करने के साथ साथ उसके हार्ट में पेस मेकर भी लगाया गया। उपरोक्त दोनों योजनाओं के बिना ईलाज की पूरी प्रक्रिया काफी महंगी थी। जिसे वहन करना अज़ीम के परिवार के लिए शायद ही संभव था। उन्होंने बताया कि आज अजीम का पूरा परिवार मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभारी है कि उनकी दूरगामी व अंत्योदय उत्थान की सोच के चलते अज़ीम अब पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर पर सामान्य जीवन जी रहा है।

डॉ यादव ने बताया कि योजना के तहत जिला में अब तक एक लाख 46 हजार से अधिक लोगों का हेल्थ चैकअप किया जा चुका है। जोकि दिए गए लक्ष्य की तुलना में पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान(प्रतिशत में) पर है। उन्होंने बताया कि नागरिक अस्पताल सेक्टर 10, सोहना व पटौदी सहित मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से जिला में प्रति दिन 600 से 650 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला गुरुग्राम में साढ़े 4 लाख से अधिक लोग हैं, जिनके स्वास्थ्य की जांच की जानी है। इसके लिए एक पोर्टल भी शुुरु किया जा चुका है, जिस पर प्रतिदिन रिपोर्ट दर्ज की जाती है। इस योजना में पंचायत विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और शहरी स्थानीय विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि कोई भी अंत्योदय परिवार स्वास्थ्य चैक से वंचित न रहे।

लोगों को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है
जिला में निरोगी योजना के नोडल अधिकारी व उप सिविल सर्जन डॉ अनुज गर्ग ने बताया कि स्वास्थ्य की जांच के लिए आयु वर्ग की छह श्रेणियां बनाई गई हैं। इनमें जीरो से छह माह, छह माह से पांच साल तक, पांच से 18 साल, 18 से 40 साल तक, 40 से 60 साल और 60 साल से ऊपर तक के लोग अलग-अलग श्रेणियों में शामिल हैं। प्रत्येक श्रेणी में शामिल लोगों की आयु के हिसाब से ही स्वास्थ्य की जांच की जाती हैं। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों में अक्सर होने वाली बीमारियों के मद्देनजर ही श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। उन्होंने बताया कि निरोगी हरियाणा योजना के तहत लोगों के 25 प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं। छोटे बच्चों की बात करें तो उनमें मुख्यरूप से हिमोग्लोबीन जांच प्रमुख है। इसी प्रकार से शारीरिक माप, ऊंचाई, पल्स बीपी, दांतों व आंखों का चैक अप, सीबीसी, किडनी, शूगर, थायराईड आदि टैस्ट शामिल हैं।

डीसी निशांत कुमार यादव ने सभी अंत्योदय परिवारों के सदस्यों से अपील करते हुए कहा है कि वे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर स्वास्थ्य की जांच करवाएं। यदि कोई तकलीफ है तो चिकित्सक की सलाह पर ईलाज लें। अंत्योदय परिवारों को साल में पांच लाख रुपए का उपचार फ्री दिया जा रहा है।