29, 30, 31 जुलाई को शिलान्यास और संस्कृति महोत्सव में जुटेंगे देश के अनेक दिग्गज नेता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, चार राज्यों के राज्यपाल सहित दर्जनों हस्तियां महोत्सव में होंगी शामिल चंडीगढ़/गुरुग्राम, 21 जुलाई। सांस्कृतिक संस्था इंटरनेशनल दिव्य परिवार सोसाइटी का भारत अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र गुरुग्राम में बनाया जाएगा। सेक्टर 9ए में स्थापित होने वाले भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास 29 जुलाई को होगा। इस अवसर पर 29, 30, 31 जुलाई को रखे गए तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और चार राज्यों के राज्यपाल सहित दर्जन भर से अधिक नेता शामिल होंगे। इसके अलावा देश-विदेश से बड़ी संख्या में साहित्य, लेखन और समाजसेवा से जुड़े विशिष्ट हस्तियां भी यहां कार्यक्रम में शामिल होंगी। केंद्र के महासचिव डाक्टर अमित जैन ने बताया कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला, बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र आर्लेकर नागालैंड के उपमुख्यमंत्री श्री टी.आर जेलियांग, आयरलैंड के राजदूत श्री ब्रेंडन वार्ड सहित अनेक विशिष्टजन इस समारोह का हिस्सा बनेंगे। जैन के अनुसार अंडमान निकोबार से लेकर जम्मू-कश्मीर तक के संस्कृतिकर्मी इस आयोजन में अपने राज्यों से मिट्टी और जल लेकर शिलान्यास समारोह में भागीदारी करेंगे। संस्कृति महोत्सव के 3 दिनों में आयोजित 6 सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी जबकि 3 सत्र सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर केंद्रित रहेंगे। संस्कृति महोत्सव के मीडिया प्रभारी आरपी तोमर ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र भारतीय संस्कृति और कलाओं का प्रतिनिधित्व करेगा। इस केंद्र में भारतीय संस्कृति और कलाओं को संकलित, सुरक्षित, संवर्धित तथा प्रदर्शित करने के लिये अनेक कार्य किये जायेंगे। संस्कृति और इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए बनेगा शानदार म्यूजियम केंद्र के भवन के अंदर भारत की संस्कृति और इतिहास को समेटे हुए सरस्वती नदी से संबंधित म्यूजियम स्थापित होगा। इस म्यूजियम के माध्यम से सरस्वती नदी की प्रमाणिकता, प्राचीनता तथा दिव्य स्वरूप पहली बार देखा जा सकेगा। भारतीय नृत्य, चित्रकला, नाटक एवं संगीत की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां इस केंद्र पर नियमित होती रहेंगी। इस केंद्र के माध्यम से लुप्त होती भारतीय कलाओं एवं वाद्य यंत्रों का संरक्षण किया जायेगा तथा बहरूपिया कला, कठपुतली नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य, हरियाणा के बीन कलाकारों की प्रस्तुतियां, सपेरा कला, सारंगी वाद्य यंत्र आदि विधाओं से संबंधित आयोजन यहां समय-समय पर होते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस केंद्र पर विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्पी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगा सकेंगे। उनके प्रशिक्षण के लिये यहां पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन भी होगा। इस केंद्र पर संस्कृति हाट का निर्माण भी होगा। यह केंद्र मूर्ति कला, पाॅट सज्जा, बर्तनों पर नक्काशी, रंगोली बनाना आदि विषयों पर निरंतर काम करेगा। भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, सुगम संगीत और अन्य विधाओं से जुड़े भारत के प्रतिष्ठित कलाकार इस केंद्र पर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। भारत के युवाओं, विद्यार्थी वर्ग और हर उम्र के नागरिकों के लिये यह केंद्र भारतीय संस्कृति के विविध पक्षों को समझने के लिये मील का पत्थर साबित होगा। यहां सर्व सुविधायुक्त ऑडिटोरियम, पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र भी स्थापित होगा। इसी के साथ भारत के विभिन्न राज्यों का समन्वय केंद्र, जनजातीय आदिवासी संस्कृति शोध संस्थान, भारतीय भाषाओं का प्रशिक्षण का केंद्र आदि के माध्यम से भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित किया जाएगा। संस्कृति महोत्सव के मुख्य संयोजक डॉ अमित जैन ने बताया कि तीन दिवसीय यह संस्कृति महोत्सव 29 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा, जिसमें प्रतिदिन तीन सत्र होंगे। 29 जुलाई को प्रातः 10 बजे हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारु दत्तात्रेय तथा अनेक विद्वान वक्ता प्रथम सत्र को संबोधित करेंगे। इस सत्र की थीम ‘भारतीय संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन’ होगी। जिसमें डॉ कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री, डॉ सुरेंद्र जैन,ओमप्रकाश धनखड़, एस.कोनियाक,राज्यसभा सांसद नागालैंड आदि विद्वान भाग लेंगे। द्वितीय सत्र दोपहर 2.15 से सांय 5 बजे तक रहेगा। जिसकी थीम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ रहेगी। इस सत्र में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, भारत सरकार के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, डॉक्टर स्वामी रामेश्वरानंद सहित देश के कोने-कोने से विद्वान उपस्थित रहेंगे। इसी दिन तृतीय सत्र में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झांकी देखी जा सकेगी। वहीं कलानिधि संगीत महाविद्यालय दिल्ली द्वारा शिव शक्ति नृत्य नाटिका की अद्भुत प्रस्तुति भी होगी। जिसमें मुख्य अतिथि रमेश चंद्र बिधान डिविजनल कमिश्नर, गुरुग्राम रहेंगे। इस सत्र का आयोजन सायं 6 बजे से 8.30 तक होगा। इसी प्रकार 30 जुलाई को प्रथम सत्र में ‘संस्कृति की संवाहक भारतीय भाषाएं’ थीम पर देश-विदेश के विद्वान भारतीय भाषाओं के संरक्षण,संवर्धन और उनके पठन-पाठन पर विचार करेंगे। इस सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे।इसी दिन दूसरे सत्र में आयोजित कार्यक्रम की थीम ‘सरस्वती नदी और भारतीय सभ्यता’ होगी। जिसके मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी होंगे। इस सत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, आर्यन म्यूजियम, इसरो, सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड आदि सरकारी एजेंसियों के विद्वान सरस्वती नदी की वास्तविकता को पहली बार सार्वजनिक तौर पर सभी के सामने रखेंगे। इसी दिन सांयकाल आयोजित सांस्कृतिक सत्र में भारतीय नृत्य, संगीत, लोक गीत एवं नाटकों का श्रेष्ठ प्रदर्शन होगा। मुंबई से आने वाली सुविख्यात कलाकार शुभदा वराडकर द्वारा केशव कल्प की संगीतमयी प्रस्तुति दी जाएगी, वहीं दक्षिण भारत की समृद्ध संस्कृति को केंद्रीत करते हुए भरतनाट्यम् , कुचीपुड़ी आदि का प्रदर्शन भारत भारती संस्था के कलाकारों द्वारा होगा। संस्कृति महोत्सव का समापन 31 जुलाई को होगा, जिसमें प्रथम सत्र ‘भारत की प्राचीन विधाओं के संरक्षण एवं संवर्धन’ पर केंद्रित होगा। जिसमें मुख्य अतिथि मेघालय एवं सिक्किम के पूर्व राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद होंगे। उसी प्रकार द्वितीय सत्र में प्रवासी भारतीय और हमारी संस्कृति थीम पर चर्चा होगी, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर आयरलैंड के प्रधानमंत्री श्री लिओ वराड़कर का भाषण होगा। प्रवासी भारतीयों से संबंधित विशेष अतिथियों द्वारा इस अवसर पर विशेष वक्तव्य भी सुनने को मिलेंगे। इस तीन दिवसीय भव्य सांस्कृतिक उत्सव का मुख्य आयोजन 31 जुलाई को सायं 5 बजे से शुरू होगा, जिसमें भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के मुख्य शिलान्यास एवं तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव का भव्य समापन मुख्य अतिथि के रुप में श्री नितिन गडकरी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भारत सरकार द्वारा होगा। इस सत्र में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, भारत में आयरलैंड के राजदूत ब्रेंडन वार्ड, भाजपा हरियाणा के अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, नागालैंड के उपमुख्यमंत्री टीआर जेलियांग, नागालैंड पोस्ट के संपादक जाफरी यादेंन आदि अनेक विशिष्ट जन उपस्थित होंगे। इसी दिन रात्रि सत्र में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका का आयोजन होगा और साथ ही राजस्थान के मनमोहक नृत्यों का आयोजन हरियाणा कला परिषद के कलाकारों द्वारा किया जाएगा। इस सांस्कृतिक सत्र के मुख्य अतिथि भारत के कानून एवं संस्कृति राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल होंगे। उनके साथ विभिन्न संस्कृतिकर्मी और अनेक समाजसेवी भी इस उत्सव का हिस्सा बनेंगे। इस प्रकार 3 दिन चलने वाले इस संस्कृति महोत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गुरुग्राम के लोगों के लिए यह केंद्र भारतीय संस्कृति को निकट से जानने का अवसर प्रदान करेगा। यह केंद्र ऐसा होगा, जहां पर जाकर हर व्यक्ति कुछ ना कुछ सीख सकेगा। इंडिया इंटरनेशनल कल्चरल सेंटर के चेयरमैन भारत सरकार के पूर्व रक्षा सचिव डॉ योगेंद्र नारायण है जबकि संरक्षक के रूप में मार्गदर्शन वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण भाला का प्राप्त हो रहा है। इस संस्कृति महोत्सव को सफल बनाने के लिए पूरी टीम काम कर रही है, साथ ही विभिन्न समितियों का गठन भी किया जा रहा है। Post navigation हरियाणा राज्य निवार्चन आयोग ने 3 जिलों की 5 ग्राम पंचायतों आम चुनावों की अधिसूचना की जारी मानवता को बचाने के लिए हर जागरूक देशवासी को और जिंदा जमीर वाले को मणिपुर हिंसा पर सत्ता से सवाल करना चाहिए : सुनीता वर्मा