अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा कांग्रेस के नए प्रभारी दीपक बाबरिया के लिए प्रदेश कांग्रेस का संगठन खड़ा करना तथा कांग्रेस के सभी गुटों को एक मंच पर लाना बड़ी चुनौती होगी। दीपक बाबरिया गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने हरियाणा कांग्रेस के निवर्तमान प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को गुजरात कांग्रेस की बागडोर सौंपकर दीपक बाबरिया को उनके स्थान पर हरियाणा भेज दिया है। हरियाणा में पिछले 10 सालों में जितने भी प्रभारी रहे, वह कांग्रेस को न तो एकजुट कर पाए और न ही कांग्रेस का संगठन तैयार कर पाए।

कुमारी सैलजा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद जब हुड्डा गुट के विधायक चौधरी उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिली थी, तब उम्मीद जा रही थी कि जल्दी ही कांग्रेस का संगठन बनकर तैयार हो जाएगा। अब उदयभान को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर काम करते हुए एक साल पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक उदयभान संगठन तैयार नहीं कर पाए हैं।

आधा दर्जन गुटों मेंं बंटी हुई

हरियाणा में कांग्रेस आधा दर्जन गुटों मेंं बंटी हुई है। हालांकि प्रभावशाली गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा का ही माना जाता है, लेकिन कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य तथा कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा, पूर्व मंत्री किरण चौधरी और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव का प्रभाव भी कम नहीं है। अंबाला के भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया के निधन के बाद खाली हुई लोकसभा सीट पर यदि चुनाव होता है तो कुमारी सैलजा हर हाल में यहां से चुनाव लड़ना चाहेगी। कांग्रेस में हुड्डा गुट की ओर से पूर्व मंत्री एवं विधायक गीता भुक्कल, विधायक जयवीर वाल्मीकि और पूर्व सीपीएस राजकुमार वाल्मीकि के नाम लिए जा रहे हैं।

कांग्रेस में सभी गुट एक तरफ और हुड्डा गुट एक तरफ

कांग्रेस एससी सेल के नए प्रधान बने पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। वक्त पड़ने पर हुड्डा गुट कुमारी सैलजा के नाम का विरोध भी छोड़ सकता है। इसके बावजूद कांग्रेस में सभी गुट एक तरफ और हुड्डा गुट एक तरफ है। प्रदेश व जिला स्तरीय संगठन में भी हुड्डा गुट अपना पूरा प्रभाव चाहता है, जबकि हुड्डा विरोधी गुट भी अपना हस्तक्षेप रखना चाहता है।

यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं

हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान हर बार यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि प्रदेश संंगठन की लिस्ट उन्होंने हाईकमान को भेजी हुई है और बाकी काम अब हाईकमान का है, लेकिन हुड्डा विरोधी गुट उनकी लिस्ट से कतई संतुष्ट नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा हाईकमान को भेजी गई लिस्ट में सिर्फ सात पदाधिकारियों के नाम भेजे गए हैं।

इसलिए घोषित नहीं हो रहे कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी

हरियाणा कांग्रेस के पदाधिकारियों की इस लिस्ट में छह प्रदेश उपाध्यक्ष और एक कोषाध्यक्ष का नाम शामिल है। हुड्डा गुट की रणनीति है कि हाईकमान यदि इन सात नामों पर मुहर लगाकर भेज देता है तो बाकी प्रदेश कार्यकारिणी वह खुद बना लेंगे, लेकिन हाईकमान व हुड्डा विरोधी गुट इस पर सहमत नहीं बताए जा रहे हैं। इसी वजह से जिला संगठनों की लिस्ट भी रुकी हुई है। ऐसे में नए प्रभारी दीपक बाबरिया के सामने सभी को एकजुट करने के साथ ही संगठन की सर्वमान्य सूची को अंतिम रूप दिलाना बड़ी चुनौती है।