गुडग़ांव, 27 मई (अशोक): बिजली चोरी के मामले में अदालत के आदेश को न मानने पर सिविल जज अनिल कुमार की अदालत में बिजली निगम को उपभोक्ता द्वारा जमा की गई राशि ब्याज सहित न मिलने पर एग्जिक्यूशन पिटिशन दायर की गई। पिटिशन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बिजली विभाग को आदेश दिए कि या तो उपभोक्ता को उसकी जमा कराई गई राशि वापिस कर दी जाए, अन्यथा बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच कर दिया जाएगा। जिस पर बिजली निगम ने उपभोक्ताद्वारा जमा कराई गई धनराशि एक लाख 30 हजार 456 व 24 हजार 423 रुपए के 2 चैक उपभोक्ता को दे दिए हैं और बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच होने से बचा लिया है।

डीएलएफ फेस वन के उपभोक्ता कमल बख्शी के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली निगम ने उपभोक्ता का बिजली मीटर वर्ष 2017 की 3 अप्रैल को बदला था। हालांकि इसके बारे में उपभोक्ता को सूचित नहीं किया गया था। उतारे गए मीटर की बिजली निगम की लैबोरेट्री में जांच की गई थी, जिस पर बिजली निगम ने उपभोक्ता पर आरोप लगाया था कि उसका मीटर जांच में टैंपर्ड पाया गया है और वह बिजली की चोरी कर रहा था। बिजली निगम ने उपभोक्ता पर एक लाख 13 हजार 271 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था। बिजली निगम के अधिकारियों ने उपभोक्ता पर दबाव बनाया कि वह
जुर्माना राशि जमा कर दे, अन्यथा उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। उपभोक्ता ने इसलिए जुर्माना राशि का भुगतान बिजली निगम को कर दिया था और वर्ष 2017 की 15 मई को अदालत में निगम के खिलाफ केस भी दायर कर दिया था।

इस मामले की सुनवाई तत्कालीन सिविल जज अंतरप्रीत की अदालत में हुई थी और उन्होंने बिजली निगम के चोरी के आरोप को गलत करार देते हुए बिजली निगम को आदेश दिए थे कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई एक लाख 13 हजार 271 की
जुर्माना राशि को 6 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस किया जाए। लेकिन बिजली निगम ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया और उपभोक्ता को जमा कराई गई धनराशि वापिस नहीं किया, जिस पर उपभोक्ता को अदालत ने एग्जिक्यूशन पिटिशन
दायर करनी पड़ी। जिस पर अब अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए कि जमा की हुई जुर्माना राशि को वापिस कर दिया जाए, नहीं तो बिजली निगम का बैंक अकांउट अटैच कर दिया जाएगा।

उसी पर बिजली निगम ने उपभोक्ता को 2 चैक जारी कर भुगतान कर दिया है। अधिवक्ता का कहना है कि अब उपभोक्ता बिजली निगम के खिलाफ ह्रासमेंट का केस दायर करने की तैयारी में जुट गया है।