ब्राह्मणान धर्मशाला चांदुवाडा में हवन के बाद प्रसाद वितरित कर मनाया भगवान परशुराम जन्मोत्सव
राम के साथ परशुराम भी जरूरी, शक्ति के बिना मर्यादा की स्थापना संभव नहीं : डॉ. ‘मानव’

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। नारनौल तथा मंडी अटेली में अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया गया।

मंडी अटेली में भगवान परशुराम सेवा ट्रस्ट और प्रजा भलाई संगठन के संयुक्त तत्वावधान में भगवान परशुराम जन्मोत्सव श्रद्धा व उल्लास से मनाया गया। मुख्य अतिथि बसपा नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने श्रद्धालुओं के साथ भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन करके आर्शीवाद लिया। समारोह की अध्यक्षता वेदप्रकाश शर्मा गिरदावर ने की।

इस अवसर पर समाजसेवा, शिक्षा, कला, साहित्य, मिडिया, बहादुरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डाॅ. कमलविहारी शर्मा, अर्जुनदत्त शास्त्री, सुन्दरपाल, विष्णु वशिष्ठ, राकेश, सोमदत, नवीन, बलराम, विक्रम, कृश्ण, दिनेश वत्स, पंडित जयभगवान, नितिन, यश भारद्धाज, सुरेन्द्र, बुधराम, राजकुमार, गोकलचन्द शर्मा, धर्मपाल शर्मा, विजय भारद्धाज, विनोद शर्मा, अशोक शर्मा, पंडित नरेश आदि हस्तियों को शाॅल ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र देकर राष्ट्र गौरव अवार्ड से सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि अतरलाल ने बोर्ड परीक्षा में 80 प्रतिशत से ऊपर अंक लेने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों खुशी शर्मा, स्नेहलता, सुधांशी शर्मा, हिना भारद्वाज, प्रियकांत, नीरू शर्मा, सोनम शर्मा, यश, विधि को शाॅल ओढ़ा कर और प्रशस्ति देकर सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि अतरलाल, भाग सिंह चेयरमैन, वेदप्रकाश गिरदावर, विजय शर्मा, अर्जुनदत्त शास्त्री, बिशन शर्मा, विष्णुदत्त शेर सिंह यादव, दान सिंह प्रजापत, अशोक खौड़, देवेन्द्र पंघाल, रामकिशन शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम सर्वसमाज के पथ प्रदर्शक है। उनसे पराक्रम, साहस, वीरता और ज्ञान की सीख लेकर हमें समाज में भाईचारा, सद्भाव और सौहार्द बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर सैंकडों मौजीजान उपस्थित थे।

ब्राह्मणान धर्मशाला चांदुवाडा में हवन के बाद प्रसाद वितरित कर मनाया भगवान परशुराम जन्मोत्सव

शनिवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर भगवान परशुराम का अवतरण दिवस मौहल्ला चांदूवाडा स्थित मौहल्ला चांदुवाडा ट्रस्ट धर्मशाला ब्राह्मणान नारनौल में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर धर्मशाला भवन में ट्रस्ट प्रधान रविशशंकर भारद्वाज की अध्यक्षता में हवन कर भगवान परशुराम को याद किया गया। हवन में यजमान के रूप में मोहित भारद्धाज एडवोकेट, अमर चन्द भारद्वाज, शिव शंकर भारद्वाज, राजेन्द्र शर्मा एसआई व अरविन्द भारद्वाज ने हवन का शुभारंभ किया। सभा के वयोवृद्ध सचिव वैद्य प्रभुदयाल शर्मा ने बताया कि भगवान विष्णु ने छठे अवतार के रूप में ऋषि जमदग्रि व माता रेणुका के घर परशुराम के रूप में जन्म लिया। जिनका प्रारंभिक नाम राम था। भगवान शिव के अनन्य भक्त होने के कारण उन्हे भगवान शिव से परशु प्राप्त हुआ और वे परशुराम कहलाए। जो कि ऋषि पुत्र होने के कारण शास्त्र के साथ साथ शस्त्र विद्या के भी महान ज्ञाता थे और आराध्य शिव के वरदान स्वरूप उन्हे आज भी चिरंजीव अवतार के रूप में जाना जाता है। सामान्य सभा प्रधान महावीर शर्मा ने बताया कि चांदुवाडा ट्रस्ट ब्राह्मणान धर्मशाला में प्राचीन काल से ही हर वर्ष अक्षय तृतीया के अवसर पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव हवन व प्रसाद वितरण के साथ मनाया जाता है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तजनों ने हवन में आहूति डाली और भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया। अंत में सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर रविशंकर भारद्वाज, वैद्य प्रभुदयाल शर्मा, महावीर शर्मा, राधा वल्लभ गोस्वामी, भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा, जयप्रकाश कौशिक, वैद्य किशन वशिष्ठ, नरेन्द्र झिमरिया, एडवोकेट आशुतोष शुक्ला, क्रांति निर्मल, सुरेन्द्र पुरोहित, उमाकान्त छक्कड, धीरज गौत्तम, खेमचन्द शर्मा व विजय गोस्वामी आदि अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

राम के साथ परशुराम भी जरूरी, शक्ति के बिना मर्यादा की स्थापना संभव नहीं : डॉ. ‘मानव’

राम के साथ परशुराम भी जरूरी हैं, क्योंकि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार और मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट के चीफ ट्रस्टी डॉ. रामनिवास ‘मानव’ का। स्थानीय सैक्टर-1, पार्ट-2 स्थित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र मनुमुक्त भवन में परशुराम जयंती के सुअवसर पर भगवान परशुराम को पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत उन्होंने कहा कि परशुराम शक्ति के प्रतीक हैं और श्रीराम मर्यादा के। मर्यादा की स्थापना के लिए शक्ति जरूरी है और इसीलिए कई बार श्रीराम को भी शक्ति का प्रयोग करना पड़ा था।

देश की वर्तमान स्थिति की चर्चा करते हुए डॉ. ‘मानव’ ने कहा कि नेताओं की अवसरवादिता, तुष्टिकरण की नीति और छद्म धर्मनिरपेक्षता तथा न्यायपालिका की अकर्मण्यता के चलते आतंकवादी, विघटनकारी और राष्ट्र-विरोधी शक्तियां सिर उठा रही हैं, कुठाराघात द्वारा ही जिनका दमन संभव है। उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि यह शासन और प्रशासन की दृढ़ता का ही परिणाम है कि वहां माफिया जेलों में बंद हैं और उदघोषित अपराधी स्वयं थानों में पहुंचकर आत्म-समर्पण कर रहे हैं। भगवान परशुराम के विचारों के महत्त्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि वे आज भी प्रासंगिक हैं तथा उनका अनुसरण करके ही देश और समाज को भय, आतंक और अपराध से मुक्त किया जा सकता है। ट्रस्टी डॉ कांता भारती, निगरानी समिति के पूर्व चेयरमैन तथा मनोनीत पार्षद् महेंद्रसिंह गौड़, श्री परशुराम इंटरनेशनल के जिला अध्यक्ष कृष्णकुमार शर्मा, बनवारीलाल शर्मा, एडवोकेट, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिला अध्यक्ष डॉ जितेंद्र भारद्वाज, सीनियर सिटीजन फैडरेशन, नोएडा के सदस्य एनडी शर्मा और शिक्षिका पुष्पलता शर्मा ने भी इस अवसर पर भगवान परशुराम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचारों को अपने आचरण द्वारा सिद्ध किया था। अतः उनके विचार और संदेश समकालीन सामाजिक-राजनैतिक परिवेश में भी प्रासंगिक हैं।

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