हरियाणा ने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए विवादों का समाधान योजना को दी मंजूरी

एकमुश्त राहत नीति ईडीसी राहत नीति ‘समाधान से विकास’ की तर्ज पर तैयार की

चंडीगढ़, 5 अप्रैल- बकाया लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क और उस पर लागू ब्याज जमा करने में चूक करने वाले कॉलोनाइजरों को राहत देते हुए हरियाणा ने अपनी तरह की एक और एकमुश्त समाधान योजना ‘विवादों का समाधान’ की शुरुआत की है। यह योजना इसकी अधिसूचना से छह महीने की अवधि के लिए खुली रहेगी।

हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के नियमन नियम, 1976 के नियम 13 के अनुसार लाइसेंसधारी को लाइसेंस की वैधता अवधि के भीतर विकास कार्यों को पूरा करने में विफल रहने पर लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है।  लाइसेंसधारी को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत करने में विलम्ब या घाटे के नवीनीकरण शुल्क के मामले में 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। अब ऐसे विलंबों को विलंबित अवधि के लिए 18 प्रतिशत प्रति वर्ष के बराबर संयोजन शुल्क चार्ज करके संयोजन नीति के अनुसार संयोजित किया जाता है।  इसलिए, आवंटी के हितों की रक्षा के लिए, विवाद का समाधान पेश किया गया है।  यह एकमुश्त राहत नीति, जिसे ईडीसी राहत नीति ‘समाधान से विकास’ की तर्ज पर तैयार किया गया है।

योजना की मुख्य विशेषताएं
 यदि कोई कॉलोनाईजऱ इस योजना का विकल्प देता है, तो लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क के रूप में मूल राशि का 100 प्रतिशत जमा करना एक वैधानिक शुल्क होने की पूर्व-आवश्यकता होगी।

उन क्षेत्रों के लिए जहां आंशिक समापन प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया गया है-

यदि कोई कॉलोनाइजर नवीनीकरण शुल्क के खिलाफ बकाया मूल राशि का 100 प्रतिशत जमा करता है और लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क की मूल राशि का 25 प्रतिशत ब्याज के रूप में जमा करता है, यानी कुल बकाया का 125 प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क, ऐसे लाइसेंस को नवीनीकरण के लिए माना जाएगा।

उन क्षेत्रों के लिए जहां आंशिक समापन प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है-

  यदि कोई कॉलोनाइजर नवीनीकरण शुल्क के विरुद्ध बकाया मूल राशि का 100 प्रतिशत जमा करता है और मूल राशि का 10 प्रतिशत ब्याज के रूप में जमा करता है, यानी बकाया नवीनीकरण शुल्क का कुल 110 प्रतिशत, तो ऐसा लाइसेंस हेतु नवीनीकरण के लिए भी विचार किया जाएगा।

हालांकि, नीति को बढ़ावा देने व शीघ्र अपनाने के लिए यह निर्णय लिया कि डिवेलपर्स लम्बित नवीकरण फीस का 1.5 प्रतिशत की अदायगी करेगा और इसके बाद योजना जारी रहने तक वह हर माह अदायगी करेगा।

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