चण्डीगढ,3मार्च:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा,वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान सुरेश लाठर, महासचिव संजय गुलाटी, उप-महासचिव विमल शर्मा ग्योंग, कैशियर अशोक कुमार, आडिटर चन्द्रभान सोलंकी,चेयरमैन गुरदीप सिंह,कानूनी सलाहकार गगनदीप सिंह ढिल्लो, प्रैस प्रवक्ता अनील कुमार व पवन कुमार संहारण ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए कहा है कि रोङवेज कर्मचारीयों के अर्जित अवकाशों में कटौती किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। इसलिए सरकार से अपील है कि नये स्लैब के अनुसार गणना करने वाले आदेशों को वापिस ले ताकि कर्मचारी को कोई आर्थिक नुकसान न हो।

प्रान्तीय प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने बताया परिवहन विभाग में केवल लिपिकीय स्टाफ को छोड़कर बाकि कार्यरत तकरीबन कर्मचारी फैक्ट्री एक्ट के तहत आते हैं तथा विभागीय ड्राफ्ट रूल के मुताबिक फैक्ट्री एक्ट के तहत आने वाले कर्मचारीयों को हर साल 33अर्जित अवकाश देने का प्रावधान है। क्योंकि इस एक्ट के तहत आते वाले कर्मचारी सप्ताह में 6 दिन व 48 घंटे कार्य करते हैं तथा इनको सरकार द्वारा जारी सार्वजनिक अवकाशों का लाभ भी नहीं मिलता। जबकि लिपिकीय स्टाफ सप्ताह में 5 दिन व 40 घंटे कार्य करता है तथा इसके साथ हर शनिवार व सरकार द्वारा जारी सभी सार्वजनिक अवकाशों का लाभ भी लेता है। लेकिन अब सरकार ने हर शनिवार व सभी सार्वजनिक अवकाशों का लाभ न देते हुए फैक्ट्री एक्ट के तहत आने वाले कर्मचारीयों पर (सीएसआर-1995) लागू करने के आदेश जारी किये हैं तथा इतना ही नहीं अर्जित अवकाशों (Earned Leave) की गणना वर्ष 1995 से करने का तुगलकी फरमान भी जारी किया है। इन आदेशों के तहत कर्मचारीयों के अर्जित अवकाशों में भारी कटौती की जा रही है। जिसके कारण कुछ समय पहले रिटायर्ड हो चूके व कुछ समय बाद रिटायर्मेंट होने वाले कर्मचारीयों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पङ रहा है। इन आदेशों से कर्मचारी काफी आहत हैं व अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। युनियन ने कहा है कि अगर सरकार नया स्लैब लागू करने पर अडिग है तो वर्ष 1995 से सभी शनिवार व सभी सार्वजनिक अवकाशों की गणना करके प्रत्येक कर्मचारी के खाते में डालकर आर्थिक लाभ प्रदान करने का काम करे।

दोदवा ने बताया कि सरकार ने रोङवेज कर्मचारियों की लम्बित समस्याओं का समाधान करने की बजाय ऐसा पहली बार नहीं किया बल्कि इससे पहले भी बोनस रोककर,ओवरटाईम बन्द करके व रिटायर्मेंट के बाद पहचान पत्र में(Not For Free Traveling) जैसे शब्द अंकित करके पहले से मिलने वाले हकों को छीनकर कर्मचारीयों के साथ विश्वासघात करने का काम किया है।

सरकार के ऐसे तुगलकी फरमानों से कर्मचारीयों में भारी रोष है। इसलिए युनियन अपील करती है कि सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर समय रहते कर्मचारीयों की वर्षों से लम्बित पङी सभी समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ कर्मचारी विरोधी सभी आदेशों को वापिस ले अन्यथा कर्मचारीयों के आक्रोश को झेलते हुए एक बङे आन्दोलन का सामना करना पङेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों की होगी।