27 प्रतिशत आपराधिक वारदात के साथ हरियाणा देश का सबसे असुरक्षित राज्य
किसानों की आय दोगुणी हुई नहीं, पर किसान हो गया है कर्जदार

होडल, 4 मार्च: इनेलो के प्रधान महासचिव व विधायक अभय सिंह चौटाला का कहना है कि हरियाणा में आज भ्रष्टाचार चरम पर है। दो दर्जन से अधिक बड़े घोटाले-घपले इस सरकार में हुए हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी अधिक चिंतनीय है कि हरियाणा 27 प्रतिशत आपराधिक दर के साथ देश का सबसे असुरक्षित प्रदेश बन गया है। परिवर्तन पदयात्रा के 9वें दिन अभय सिंह चौटाला होडल शहर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान लोगों ने फूल मालाओं से चौ. अभय सिंह चौटाला का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने वर्तमान सरकार को जुमलों व नारों की सरकार बताते हुए कहा कि इस सरकार ने 2022 में किसानों की आय दोगुणी करने का वादा किया था। किसानों की आय दोगुणी नहीं हुई, बल्कि आज किसान कर्ज से कराह रहा है। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के 21 लाख किसानों पर ही 44 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।

इनेलो ने कहा कि किसान, कमेरा, व्यापारी, कर्मचारी, नौजवान सब इस सरकार से हताश और दु:खी हैं। जनता इस तानाशाह सरकार से छुटकारा चाहती है और विधानसभा चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले इस सरकार ने किसानों पर लाठियां बरसाईं। प्रदेश में 13 महीने किसानों का आंदोलन चला और किसान इस दौरान दिल्ली के चारों तरफ गर्मी, सर्दी व बरसात में आंदोलन करते रहे। किसानों ने 6 सितंबर, 2020 को कुरुक्षेत्र के पिपली से आंदोलन शुरू किया। पिपली से सरकार की ओर से किसानों पर लाठियां बरसाने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक जारी है।
किसानों पर अत्याचार करने के बाद इस सरकार ने कर्मचारियों पर डंडे चलाए और अब चुने हुए प्रतिनिधियों पर भी लाठियां बरसाई हैं। इस सरकार में प्रदेश में तीन बड़े दंगे हो चुके हैं और अनेक लोगों की जान जा चुकी है। ऐसी बेरहम और अलोकतांत्रिक सरकार को सबक सिखाने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि देश में 5 हजार विधायक हैं, लेकिन किसानों के समर्थन में केवलमात्र मैंने स्वयं ही अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा बेरोजगारी के कारण आज लाखों युवा हताशा का शिकार हैं। 34.1 प्रतिशत दर के साथ हरियाणा बेरोजगारी में देश में पहले स्थान पर है। हरियाणा के गन्ना उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान खराब फसलों के मुआवजे को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में धरना दे रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।