मानेसर निगम में आने वाली जनता जागरूक, वो खुद ले सकती है अपने हितों का फैसला : सुनीता वर्मा

निगम में शामिल गांवों की पंचायतों के करोड़ों का फंड और बेशकीमती जमीन पर बीजेपी की गिद्ध दृष्टि

जनभावनाओं की अनदेखी कर निगम बनाना खट्टर सरकार की ईमानदारी को कटघरे में खड़ा करती है

पटौदी 16/2/2023 :- ‘बीजेपी के पटौदी विधायक द्वारा लगाए गए जनता दरबार में मानेसर निगम के विरोध को लेकर लोगों का जो आक्रोश फूटा है, ये खट्टर सरकार की जनविरोधी नीतियों और विधायक की घटती लोकप्रियता का परिणाम है।’ उक्त बातें महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम को गुमराह करते हुए और जनभावनाओं की अनदेखी करते हुए स्थानीय विधायक ने जनसंख्या के फर्जी आंकड़ों और गलत सर्वे के आधार पर निगम बनाने में जो जल्दबाजी दिखाई है वो हरियाणा सरकार की लूट नीति को उजागर करती है।

हरियाणा कांग्रेस में सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेट वर्मा ने कहा कि हरियाणा निर्माण के बाद राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ की सत्ताधारी विधायक को अपने ही लगाए जनता दरबार में खुद का भारी विरोध झेलना पड़ा हो। उन्होंने कहा की जिस प्रकार से लोगों का गुस्सा वहां फूट रहा था वो क्षेत्र की राजनीति को लेकर कोई शुभ संकेत तो नही है, किंतु स्थानीय जनहित के मुद्दों को लेकर जनता की जागरूकता का परिचायक जरूर है।

वर्मा ने कहा की कांग्रेस ने पहले भी निगम बनाने को लेकर जनता की रायशुमारी कराने का समर्थन किया है और अब भी हम इसी के पक्षधर है, और हम विधायक से इस्तीफे की मांग करते हुए स्पष्ट करते हैं कि इस जनआक्रोश को देखते हुए विधायक जरावता को खुद भी अपने पद पर बने रहने या त्यागपत्र देने के लिए रायशुमारी कराने की हिम्मत दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बादली, बाढ़ड़ा और नारनौंद की बास नगरपालिका बनने के बाद लोगों की मांग पर वहां कराए गए जनमत संग्रह से उन फैसलों को वापिस लिया जा सकता है तो आखिर सरकार यहां जनमत संग्रह से क्यों कतरा रही है?

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा की बीजेपी विधायक के खुले दरबार में जिस तरहां लोग भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं वो सब, कहीं न कहीं निगम के उस घोटाले और गड़बड़ियों को भी सत्य साबित कर रहे हैं जिसके तहत गत नवंबर माह में निगम कार्यालय में विजिलेंस के पड़े छापे और वहां से ले जाई गई कर्मचारियों के डाटा वाली डोंगल की नौबत आई।

वर्मा ने कहा की निगम में शामिल ग्राम पंचायतों के खातों में जमा करोड़ों की फंड राशि और इसकी बेशकीमती जमीन पर अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए सत्ताधारियों का ही ये खेल है की जो क्षेत्र पहले नगर पालिका अथवा नगर परिषद भी नही था उसे तमाम नियमों को ताक पर रखते हुए जल्दबाजी में सीधे नगर निगम बनाया गया ताकि भ्रष्टाचार की रेवड़ियां इनके द्वारा मिल बांट कर खाई जा सके। वर्मा ने 30 गांवों के लोगों के उस फैसले का भी स्वागत किया जिसमें उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में अपील दाखिल की है।

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