माता-पिता की पूजा कर हर वर्ष 14 फ़रवरी को मनाया जाए मातृ-पितृ दिवस
भावी पीढ़ी को शिक्षा, संस्कार और सुविचारों से पोषित करना हमारी जिम्मेदारी : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। मदनपुरी स्थित भगवती विद्या मंदिर स्कूल में 14 फरवरी को माता-पिता पूजन दिवस मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि बोधराज सीकरी (प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति), धर्मेंद्र बजाज, ज्योत्सना बजाज (समाजसेविका), मंजू शर्मा प्रभारी, महिला पतंजलि योग समिति(गुरुग्राम) अजंता जैन योग शिक्षिका, उमेश ग्रोवर ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति से विद्यालय की शोभा बढ़ाई। मां भारती का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

बोधराज सीकरी ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेकर एक अच्छा इंसान बनने पर जोर दिया। बोधराज सीकरी ने बताया कि माता-पिता से बड़ा कोई नहीं है। उन्होंने अपने वक्तव्य में संस्कारों और चरित्र निर्माण पर बल दिया।उन्होंने बताया कि योग्यता में, धन में, पूजा अर्चना में, ताक़त में, आयु में रावण राम से आगे था परन्तु हार फिर भी रावण की हुई क्योंकि राम चरित्रवान थे और रावण चरित्रहीन। रावण ने पर स्त्री का अपहरण किया और राम ने मंदोदरी को माँ कहकर पुकारा। इसी प्रकार शिक्षा और संस्कार पर अपने सुंदर विचार रखे जिसकी विद्यार्थियों ने, अभिभावकों ने, शिक्षकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। बोधराज सीकरी के अनुसार यदि वैलेंटाइन डे प्रेम का दिन है तो प्रेम एक ही दिन क्यों। प्रेम तो रोज़-रोज़ करना चाहिए। आज के दिन को बलिदान दिवस या काला दिन के रूप में मनाना चाहिये, जिस दिन 44 वीर सिपाही शहीद हुए थे।

मंजू शर्मा ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि माता-पिता का सम्मान करें, यही वैलेंटाइन है। ज्योत्सना बजाज ने भी कहा कि बच्चों को अपने माता-पिता का सम्मान करना ही उनका असली पूजन है।

स्कूल इंचार्ज ऊष्मा सचदेवा ने और श्रवण आहूजा प्रधान मैनेजमेंट ने मिलकर सभी अतिथियों का स्वागत-अभिनंदन करते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रधान श्रवण आहूजा ने अतिथियों को माला पहनाकर, स्मृति चिन्ह तथा पौधा भेंट कर सम्मानित किया। भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करते हुए पूजन कार्यक्रम मुन्ना, सुनीता, भारती, ममता तथा ऋतु ने बहुत ही अच्छे से संपन्न करवाया। इस कार्यक्रम में 30 बच्चों की माताओं की उपस्थिति रही। मातृ-पितृ पूजन दिवस कार्यक्रम में बोधराज सीकरी ने बताया कि माता-पिता से बड़ा कोई नहीं है। माता-पिता अपने बच्चों को सबसे अधिक प्रेम करते हैं। इस अवसर पर ज्योति, आशा, दिव्या, सारिका, आशा, मीनाक्षी, ज्योति, बबीता व अन्य अध्यापिकाएं मौजूद रहीं।

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