एक ही बिजली कनेक्शन पर 2 बार जुर्माना लगाए जाने के मामले को अदालत ने बताया गलत व नियमों के विरुद्ध

गुडग़ांव, 19 अगस्त (अशोक) : उपभोक्ता के एक ही बिजली कनेक्शन पर बिजली निगम ने बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए 2 बार जुर्माना लगाए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज रश्मीत कौर की अदालत ने दूसरी बार लगे जुर्माने को गलत और बिजली निगम के नियमों के खिलाफ बताते हुए उपभोक्ता को बड़ी राहत दी है।

जिले के हेलीमंडी निवासी उपभोक्ता सुरेंद्र के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल 2020 को बिजली निगम ने उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी का केस बनाते हुए 34 हजार 508 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। जिसे उपभोक्ता ने 2 जुलाई 2020 को बिजली निगम में जमा करा दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि करीब डेढ़ साल बाद यानि कि 20 जनवरी 2022 को बिजली निगम ने उपभोक्ता को एक नोटिस भेजकर 37 हजार 906 रुपए की बिजली चोरी की बाबत जमा कराने का नोटिस दिया। जिसमें बताया गया था कि पहले यानि कि 28 अप्रैल 2020 को बिजली चोरी के मामले में जो जुर्माना लगाया गया था, वह कम था। इसलिए इस राशि का भुगतान भी उपभोक्ता करे।

अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता ने 3 फरवरी 2022 को बिजली निगम के खिलाफ अदालत में मामला दायर कर दिया। तत्कालीन सिविल जज विनय काकरान की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए 8 फरवरी 2022 को बिजली निगम को आदेश दिए कि उपभोक्ता का कनेक्शन नहीं काटा जाए और 37 हजार 906 रुपए की  जुर्माना राशि पर भी स्टे लगा दिया था। इस मामले की सुनवाई अदालत में चली। सिविल जज रश्मीत कौर की अदालत ने दोनों पक्षों के प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के आधार पर बिजली निगम द्वारा दोबारा से मांगी गई 37 हजार 906 की जुर्माना राशि को गलत करार दिया है कि यह बिजली निगम के नियमों के विरुद्ध है। 

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