चरखी दादरी जयवीर फौगाट, 08 फरवरी,- हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल राज्य प्रधान धर्मेंद्र ढांडा की अध्यक्षता में अध्यापकों की लंबित मांगों को लेकर शिक्षा सदन पंचकूला में निदेशक अंशज कुमार से मिला। अध्यापक संघ ने अध्यापको के तात्कालिक मुद्दे जिनमें पिछले महीने 18 जनवरी तक तथा इस मास का वेतन न मिलने को लेकर अध्यापकों, कर्मचारियों में भारी रोष है। इस वेतन के रुकने में अध्यापक किसी स्तर पर जिम्मेवार नहीं है। लगातार दूसरे महीने का वेतन न निकलने के कारण अध्यापकों पर बैंकों की देनदारी पर पेनल्टी लग रही है। अध्यापकों के खराब परिणाम को लेकर अधिकारी बड़ी-बड़ी प्रताड़ना स्पष्टीकरण जारी करते हैं। क्या सरकार उन अधिकारियों पर कोई कार्यवाही करेगी जिसके कारण डेढ़ लाख अध्यापकों, कर्मचारियों का वेतन लटकाया जा रहा है। शीतकालीन अवकाश के समय अध्यापकों को शिक्षण हेतु बुलाना कोरा ढोंग था। अब 27 फरवरी से बोर्ड की परीक्षाएं आरंभ होने जा रही हैं। इस दौरान भी योगा, एफ.एल.एन.वी सेफ्टी के कैंप लगाकर अध्यापकों को लगातार स्कूलों से बाहर रखा जा रहा है। पी.पी.पी. वैरीफिकेशन करने को बाध्य किया जा रहा है। ऐसे में बच्चों का हित कहां गया। अध्यापक संघ के हस्तक्षेप से फरवरी महीने में लगे अध्यापकों के कैंप बंद करवा कर परीक्षाओं के बाद कैंप लगाने का केवल आश्वासन दिया गया। यह जानकारी देते हुए हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान संजय शास्त्री, सचिव कृष्ण सिंह शास्त्री, राज्य कमेटी सदस्य जयवीर चाहर व कोषाध्यक्ष रवीन्द्र कुमार ने बताया कि शिक्षा सदन में अध्यापकों के जायज कार्य महीनों तक लटकाए जाते हैं। लेकिन पहली मंजिल से लेकर छठी मंजिल तक शिक्षा विभाग के एकेडमिक सेल, आई.टी.सैल और सर्व शिक्षा अभियान में फैले भ्रष्टाचार की जोर शोर से गूंज जरूर सुनाई दी। बहुत से अधिकारी दबी जुबान में कहते मिले कि अतिरिक्त मुख्य सचिव व मंत्री की छत्रछाया में पूरा शिक्षा विभाग घपले-घोटालों व लूट की कमाई का अड्डा बना हुआ है। शिक्षा मंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देश पर विभाग के हर महत्वपूर्ण पद पर उसे नियुक्त किया जाता है जो बड़ी से बड़ी डकैती मारकर अधिक से अधिक कमाई करके अपने आकाओं को दे सके। शिक्षा निदेशक कार्यालय के एकेडमिक सेल और सर्व शिक्षा अभियान का तो एक मात्र उद्देश्य ही लूट कमाई का बना हुआ है। एकेडमिक सेल में दो ऐसे अध्यापकों को स्कूलों से डेपुटेशन पर बुलाकर लगाया गया है, जिनमें से एक रिटायर भी हो चुके हैं। जिनका एकमात्र उद्देश्य शिक्षा के बजट को ठिकाने लगाना और पढ़ाई का सत्यानाश करना है। जीरो टॉलरेंस की सरकार की नाक के नीचे यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है। यह दोनों अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके ट्रेनिंग प्रोग्राम के नाम पर अलग-अलग कंपनियों से करोड़ों रूपये का भुगतान करवाते हैं। जो शिक्षा का बजट इन प्राइवेट कंपनियों को दिया जाता है। उसी बजट से ये कंपनियां अध्यपकों को लगातार गैर शैक्षिक कार्यों में उलझा कर रखती है। इस प्रकार सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का जान-बूझकर भट्ठा बैठाया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में अध्यापकों व अन्य आवश्यक संसाधनों की कमी के बावजूद ये लोग बजट का दुरुपयोग करके टेबलेट, ड्यूल डैस्क व स्मार्ट बोर्ड आदि की खरीदारी करते हैं। ताकि मोटा कमीशन खुद भी खाया जा सके और अपने ऊपर बैठे अधिकारियों व नेताओं को भी खिलाया जा सके। कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि यदि विभाग में 2018 से 2022 तक एकेडमिक ब्रांच, आई.टी.सैल व समग्र शिक्षा के अंतर्गत हुई खरीद की निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो शिक्षा विभाग में हजारों करोड़ के घोटाले सामने आएंगे। जिनके तार सीधे-सीधे शिक्षा मंत्री और उच्च अधिकारियों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ मांग करता है कि शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की उच्च न्यायालय के न्यायधीश की अध्यक्षता में निष्पक्ष जांच करवा कर घोटालेबाजों को कठोर से कठोर सजा दी जाए। यहीं वे लोग हैं जो स्कूलों को राइट-टू-एजुकेशन के तहत मिलने वाले फंड, बच्चों के इंसेंटिव व समय पर वर्दी तक के पैसे जारी नहीं करते। चिराग योजना, स्कूल मर्जर के नाम पर लड़कियों के स्कूलों सहित प्रदेश के हजारों स्कूलों को बंद करवाने के पीछे भी इन्हीं लोगों का हाथ दिखाई दे रहा है। ताकि फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूलों से भी अनाप-शनाप लूट मचाई जा सके और सरकारी स्कूलों को बंद करके निजी कंपनियों को कौडि़यों के भाव बेचा जा सके। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ शिक्षा और स्कूलों को बचाने तथा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच करवाने के लिए 13 फरवरी से 17 फरवरी तक प्रदेश के प्रत्येक खंड में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन भेजेगा। 18 फरवरी को प्रदेश के अध्यापक कैथल में स्कूल बचाने के 135 दिनों से चल रहे आंदोलन के समर्थन में कैथल में जोरदार प्रदर्शन करेंगे। 24 फरवरी को नई शिक्षा नीति वापस करवाने, पुरानी पेंशन नीति बहाल करवाने तथा शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाएगा। यदि फिर भी समस्याओं का समाधान नहीं होता तो अप्रैल माह से शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र जगाधरी में अध्यापक संघ द्वारा लगातार 24-24 घंटे का पड़ाव डाला जाएगा तथा शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव में इनके द्वारा फैलाए गए भ्रष्टाचार की पोल खोली जाएगी। Post navigation ध्वनि प्रदूषण, आमजन को परेशान करने वाले 9 बुलेट बाइको का 130000 रुपए के किए चालान, 4 बाइक इंपाउंड खारा पानी सप्लाई होने से बढ़ रहे कैंसर मरीज, ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर जताया रोष