181 स्थानों पर पकड़ी चोरी, ठोका 50 लाख का जुर्माना
-बिजली निगम की 20 टीमों ने सोमवार सवेरे पांच बजे से देर रात तक जिलेभर में चलाया ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान तो मिली चोरी पकड़ने में सफलता
यह अभियान उन सरकारी कार्यालय में क्यों नहीं चलाया गया जहां व्यापक बिजली चोरी होती है?

भारत सारथी/कौशिक

नारनौल। हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह के जिला महेंद्रगढ़ में मंगलवार आगमन से पूर्व बिजली निगम ने बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एक साथ बड़े स्तर पर महाअभियान चलाया। जिले में बिजली निगम की 20 टीमों ने 991 जगहों पर छापेमारी की, जिनमें से 181 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी गई। बिजली चोरी करने वाले लोगों के विरुद्ध निगम ने करीब 50 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। सतनाली क्षेत्र में एक जगह पर बिना कनेक्शन के ही कृषि फीडर से खेती के लिए की जा रही बिजली चोरी पकड़ में आई है।

गौर हो कि सोमवार को सवेरे पांच बजे से ही बिजली चोरों के खिलाफ बिजली निगम द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई। देर रात तक निरंतर चले इस छापेमारी महाअभियान के तहत निगम के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की 20 टोलियां कड़ाके की ठंड की परवाह किए बगैर ही उतरी, जिसे देखकर बिजली चोरों के पसीने छूट गए। बिजली निगम की इन टोलियों ने जिले में लगभग 991 जगहों पर छापेमारी की। इनमें से 181 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी गई और निगम की ओर से ऐसे बिजली चोरी करने वाले लोगों पर लगभग 49.77 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है। यह कार्रवाई सुबह पांच बजे ही शुरू कर दी गई थी और देर रात तक जारी रहा। इस दौरान पुलिस बल भी इनके साथ रहा।

सवेरे पांच बजे ही पहले से तैयार बिजली निगम की टीमें अलग-अलग इलाकों में फैल गई थी और इनके निशाने पर घरेलू उपभोक्ता ही नहीं, कमर्शियल दुकानें, ढाबे, आरओ प्लांट आदि रहे। ताबड़तोड़ तरीके से चली एकसाथ कार्रवाई में बिजली निगम ने अनेक जगहों पर बिजली चोरी पकड़ने में सफलता हासिल की।

बता दें कि इससे पहले पिछले साल नवंबर माह में भी पूरे प्रदेशभर में बिजली चोरों के खिलाफ छापेमारी की गई थी और करोड़ों रुपये का जुर्माना किया गया था। इससे पहले भी हरियाणा सरकार की ओर से बिजली चोरी रोकने के लिए विशेष अभियान जारी रहे है।

नारनौल डिवीजन रहा आगे:

बिजली निगम ने नारनौल सर्कल को दो डिविजल नारनौल एवं महेंद्रगढ़ में बांटा हुआ है। इन दोनों डिविजनों में नारनौल में 11 टीमें तो महेंद्रगढ़ डिविजन में नौ टीमें छापेमारी अभियान में जुटी। जिन्होंने क्रमश: नारनौल में 509 तथा महेंद्रगढ़ में 482 स्थानों पर छापेमारी की। नारनौल की टीम ने जहां 28.50 लाख रुपए जुर्माना लगाया तो वहीं महेंद्रगढ़ की टीमों ने 21.27 लाख रुपए जुर्माना ठोका है।

एसडीओ स्तर का विवरण:

जानकारी मुताबिक नारनौल सिटी में दो टीमों ने 102 जगहों पर छापेमारी की, जिनमें से 13 जगहो ंपर चोरी पकड़ी और 4.05 लाख रुपये जुर्माना लगाया। इसी प्रकार सब-अर्बन नारनौल में दो टीमों ने 78 जगहों पर छापेमारी की और 15 जगहों पर चोरी पकड़ी। इन्होंने 3.6 लाख रुपये जुर्माना लगाया। अटेली में दो टीमों ने 102 जगह पर छापे मारे, जहां 11 जगहों पर चोरी मिली और 5.55 लाख रुपये जुर्माना लगाया। नांगल चौधरी में तीन टीमों ने छापेमारी की और 125 जगहों पर छापेमारी करते हुए 42 जगहों पर चोरी पकड़ी तथा 10.5 लाख रुपये जुर्माना लगाया। सिहमा में दो टीमों ने 102 जगहों पर छापेमारी की और 22 जगहों पर चोरी मिली, जिस पर 4.8 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया।

सिटी महेंद्रगढ़ में दो टीमों ने 98 जगहों पर छापे मारते हुए 17 जगहों पर चोरी पकड़ी और 4.65 लाख रुपये जुर्माना लगाया। इसी प्रकार सब अर्बन महेंद्रगढ़ में एक टीम ने 78 जगहों पर धुंआधार छापेमारी की और 12 जगहों पर चोरी पकड़ी तथा 1.50 लाख रुपये जुर्माना लगाया। सतनाली में दो टीमों ने 89 जगहों पर छापे तथा 15 जगह चोरी पकड़ी और 5.52 लाख रुपये जुर्माना लगाया। कनीना में दो टीमों ने 115 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की तथा 24 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ते हुए 6.60 लाख रुपये जुर्माना लगाया। बूचावास में दो टीमों ने 102 जगहों पर छापे मारे, जिसने 10 जगह चोरी पकड़ी और तीन लाख रुपए जुर्माना लगाया।

सतनाली में एग्रीकल्चर फीडर पर भी बिजली चोरी:

बिजली चोरी पकड़ो महाअभियान के तहत बिजली निगम की टीम ने सतनाली क्षेत्र में एग्रीकल्चर फीडर से एक किसान को बिना कनेक्शन लिए ही मोटर चलाते हुए पकड़ा है। उसका निगम से 12 किलोवॉट लोड पकड़ा है तथा उस पर 64 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

बिजली निगम के एसई अनुपम कटियान ने बताया कि बिजली निगम निदेशालय के अनुसार समय-समय पर बिजली चोरी पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है। अभियान के तहत निगम की ओर से जिला स्तर पर गठित 20 टीमों ने 991 कनेक्शनों की जांच की। इसमें से 181 चोरियां पकड़ी हैं, जिन पर करीब 50 लाख रुपये जुर्माना लगा गया है।

इस अभियान के पीछे अधिकारियों का मकसद भले ही कुछ रहा हों पर एक सवाल अवश्य खड़ा होता है कि अभियान में उन  सरकारी कार्यालयों पर छापेमारी मारी क्यों नहीं की गई जहां खुलेआम बिजली चोरी की जाती है। इसके साथ जिस विभाग के लंबे चौड़े बिल बकाया हैं उन पर क्या कार्रवाई की गई। वैसे बिजली चोरी के मामले में स्वयं बिजली विभाग भी पीछे नहीं है उसके अनेक कार्यालयों और अधिकारियों तथा कर्मचारियों के घर में सरेआम बिजली चोरी देखी जा सकती है। 

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