ग्रामवासियों के सहयोग से ही पानी की चोरी को रोकना संभव चरखी दादरी जयवीर फौगाट, 21 दिसंबर, नहरी पानी की चोरी को रोकने के लिए सिंचाई विभाग को इन दिनों कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पानी का महत्व समझाने के लिए विभाग ने गांव-गांव में जल पंचायतों का आयोजन आरंभ किया है। दादरी जिला मेें कितलाना डिस्ट्रीब्यूटरी, बौंद डिस्ट्रीब्यूटरी, लोहारू फीडर व बधवाना डिस्ट्रीब्यूटरी नामक चार बड़ी नहरें हैं। रबी के सीजन में सरसों, गेहूं, जौ, सूरजमुखी आदि की बीजाई पूरी हो चुकी है। इन फसलों को सिंचित करने के लिए बड़े पैमाने पर नहर में इंजन, पाईप, ट्रैक्टर आदि जोडक़र पानी की चोरी की जा रही है। प्रशासन पर इस बात का भारी दबाव रहता है कि नहर से कृषि क्षेत्र के अलावा गांवों के जोहड़ और जलघरों के टैंकों को भी आवश्यकता के अनुसार पानी समय पर मिले। जिससे कि आम लोगों को पीने के पानी की किल्लत ना झेलनी पड़े तथा पशुधन को भी निरंतर पानी मिलता रहे। इसके अलावा इंडस्ट्रीज, मंडियां, गौशालाएं, व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए भी पानी की जरूरत रहती है। पानी का कोई भी दूसरा विकल्प इंसान के पास नहीं है, इसलिए केंद्र व राज्य सरकार ने जलसंरक्षण का महत्व बताने के लिए गांव-गांव में जागरूकता का अभियान शुरू किया हुआ है। विद्यालयों में समय-समय पर पानी बचाने के लिए जनचेतना रैलियां निकाली जाती हैं। इन सबके बावजूद नहरी पानी की चोरी रूकने का नाम नहीं ले रही है। इन दिनों लोहारू फीडर में पानी आया हुआ है और सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगातार नहरों की गश्त करते रहते हैं। पानी की चोरी ना हो, इसके लिए लोहारू जलसेवाएं मंडल के कार्यकारी अभियंता सतेंद्र सांगवान, एसडीओ हरबीर सिंह आदि अधिकारी गांवों में जल पंचायतों का आयोजन कर रहे हैं। इन पंचायतों में ग्रामीणों को समझाया जाता है कि वे पानी की चोरी को रोकने में सहयोग करें एवं जरूरत जितना ही पानी खेती में इस्तेमाल किया जाए। जिससे कि पानी से दूसरी आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके। लोहारू फीडर झज्जर जिला में भाकरा हैड से निकलती है और दुबलधन, माजरा, इमलोटा, बिगोवा, मोरवाला के रास्ते दादरी में प्रवेश करती है। इन दिनों नहर में नौ सौ क्यूसेक पानी आया हुआ है। पानी चोरी होने के कारण जलघरों के टैंकों को पर्याप्त पानी नहीं मिलता और जोहड़ों में भी पानी कम रहता है। कार्यकारी अभियंता सतेंद्र सांगवान ने बताया कि दुबलधन, खातीवास, इमलोटा, सरूपगढ़, सांतौर, मोरवाला आदि में जल पंचायतों का आयोजन कर लोगों से अपील की गई है कि वे पानी की चोरी ना करें। पानी चोरी रोकने की कवायद में पुलिस की मदद भी ली जा रही है। अभी तक सात सौ शिकायतें पुलिस विभाग को पानी चोरी की दी जा चुकी हैं। इसके अलावा तवान के मामले बनाकर भी पानी चोरी रोकने की कोशिशें की जा रही है। लेकिन इन सबसे ऊपर आम ग्रामवासी जब तक अपने मन से नहरी पानी की चोरी को रोकने में सहयोग नहीं देगे, तब तक लगाम लगा पाना मुश्किल दिखाई दे रहा है। Post navigation जिला परिषद, पंचायत समिति में प्रधान, उपप्रधान पद का चुनाव होगा ईवीएम मशीन से अवैध निर्माण गिराने के लिए डीटीपी ने चलवाई जेसीबी