चकबंदी खामियों को दुरुस्त करवाने की मांग को लेकर एसडीएम से मिले ग्रामीण

समस्या से परेशान ग्रामीणों ने चार दिन पहले किया था हाईवे जाम

चरखी दादरी जयवीर फौगाट,

05 दिसंबर, जिला के गांव बिंद्राबन में चकबंदी विभाग द्वारा की गई खामियों को दुरूस्त करवाने की मांग को लेकर ग्रामीण सोमवार को बाढड़ा एसडीएम डा. वीरेंद्र सिंह मिले। ग्रामीणों ने चकबंदी विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई विभाग की जमीन पर जो कब्जा दिलाया है उसे ठीक कर किसानों की जमीन को पूरा करवाने की मांग की है। एसडीएम ने ग्रामीणों को जल्द समस्या से उचित समाधान का आश्वासन दिया है।

बाढड़ा एसडीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीण राकेश, विकास, नफे सिंह, मीर सिंह, सुरेश, कृष्ण कुमार, सूरेंद्र पंच, नरेंद्र पंच, राहुल पंच, विक्रम पंच आदि ने बताया कि उनके गांव में चकबंदी का कार्य हुआ है। चकबंदी विभाग द्वारा बिना सही पैमाइश के नहर के साथ लगती सिंचाई विभाग की जमीन पर किसानों को कब्जा पकड़ा दिया गया। लेकिन अब सिंचाई विभाग ने वहां पैमाइश करवाई तो गांव बिंद्राबन के किसानों की कई एकड़ जमीन सिंचाई विभाग की निकली और सिंचाई विभाग ने उस जमीन पर खेती नहीं करने की हिदायत दी। जिसके बाद किसानों में चकबंदी विभाग के प्रति रोष है। इसी को लेकर ग्रामीणों ने बीते वीरवार को गांव में पंचायत का आयोजन किया था और उसके बाद गांव बिंद्राबन के बस अड्डे पर पहुंचकर नेशनल हाइवे 334 बी पर जाम लगा दिया। जिसके बाद बाढड़ा एसडीएम डा. वीरेंद्र सिंह, डीएसपी देशराज ने चकबंदी के दौरान हुई खामियों को दुरूस्त करवाने का आश्वासन दिया था। इसी मामले को लेकर ग्रामीण सोमवार को बाढड़ा एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां चकबंदी विभाग के कर्मचारियों को बुलाया गया। एसडीएम ने चकबंदी विभाग को शीघ्र सही पैमाइश कर चकबंदी के दौरान हुई खामियों को ठीक करने के निर्देश दिए।

सौ-सौ गज के प्लाट का इंतकाल करवाने की भी मांग की:

ग्रामीणों ने एसडीएम को अवगत करवाया कि योजना के तहत अनूसूचित वर्ग के लोगों को कुछ समय पहले 100-100 गज के प्लाट मिले थे लेकिन गांव में चकबंदी नहीं होने के कारण लाभार्थियों के नाम इंतकाल नहीं चढ़ पाए थे। ग्राीमीणों ने मांग की है कि जिल लाभार्थियों को प्लाट मिले हुए हैं उनके नाम इंतकाल चढाए जाए।

Previous post

तुरंत प्रभाव से 2 आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी

Next post

‘माननीयों’ की कक्षा……. नजर आया पंचकूला का ऑडिटोरियम, मंत्रियों और विधायकों ने सीखीं अर्थशास्त्र की बारीकियां

You May Have Missed

error: Content is protected !!