विकास दर से ज्यादा है ऋण वृद्धि की दर, सरकार बताए कहां खर्च हुआ इतना कर्ज- हुड्डा
10% से घटकर सिर्फ 2% रह गई बिजली उपलब्धता की विकास दर- हुड्डा
किसानों की मांगे जायज, आंदोलन के दौरान दर्ज सभी केस वापिस ले सरकार- हुड्डा
किसानों के साथ सिर्फ वादाखिलाफी ही नहीं, बार-बार घोटाले भी कर रही है सरकार- हुड्डा
किसानों की बढ़ती लागत को देखते हुए कम से कम 400 प्रति क्विंटल गन्ने का रेट दे सरकार- हुड्डा
युवाओं को नशे और बेरोजगारी के दलदल में धकेल रही है सरकार- हुड्डा

20 नवंबर, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर हरियाणा को कर्ज में डूबोने का आरोप लगाया है। हुड्डा का कहना है कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते आज प्रदेश पर 3,11,779 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि हरियाणा के हर परिवार पर लगभग 6,00,000 का कर्ज है।

हुड्डा ने इस बात पर भी चिंता जताई कि प्रदेश में ऋण वृद्धि की दर विकास दर से भी ज्यादा है। प्रदेश की ऋण वृद्धि दर 18% पहुंच गई है। जबकि रिसर्च फर्म इक्रा की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस सरकार के दौरान खेती में अग्रणी राज्यों में रहने वाले हरियाणा की कृषि विकास दर माइनस 2.5 प्रतिशत तक गिर गई है। कृषि विकास दर में हरियाणा टॉप 10 राज्यों में भी शामिल नहीं है। हरियाणा की औद्योगिक विकास ग्रोथ -1.7% पर पहुंच गई है। सर्विस सेक्टर की बात की जाए तो वहां पर भी हरियाणा बुरी तरह पिछड़ा है। सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट -6.8% है।

बीजेपी सरकार के 8 साल के कार्यकाल के दौरान हरियाणा में कोई भी मेडिकल कॉलेज, बड़ी यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर का संस्थान, नई रेलवे या मेट्रो लाइन, कोई बड़ा उद्योग या परियोजना हरियाणा में नहीं आया। बावजूद इसके सरकार द्वारा लाखों करोड़ का कर्ज लेना समझ से परे है। सरकार को बताना चाहिए कि आखिर इतना कर्ज कहां खर्च हुआ।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा में 5 पावर प्लांट स्थापित हुए। इनमें एक न्यूक्लियर प्लांट भी शामिल था। जबकि मौजूदा सरकार के 8 साल में कोई भी पावर प्लांट हरियाणा में नहीं लगा। यहीं वजह है कि हरियाणा में बिजली उपलब्धता की जो विकास दर 10% थी, वह आज घटकर सिर्फ 2% रह गई है।

किसानों की मांगों का एक बार फिर समर्थन करते हुए हुड्डा ने कहा कि सरकार को आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने चाहिए। ऐसा ना करके सरकार अपने वादे से मुकर रही है। अपना वादा तोड़कर सरकार बार-बार किसानों को सड़क पर आने के लिए मजबूर कर रही है। गठबंधन सरकार ना सिर्फ किसानों के साथ वादाखिलाफी कर रही है, बल्कि बार-बार उनके साथ घोटालों को भी अंजाम दे रही है। क्योंकि हरियाणा में बार-बार धान, बाजरा और सरसों खरीद जैसे घोटाले सामने आने के बाद अब एक बार फिर गेहूं और धान का घोटाला उजागर हुआ है।

दूसरी तरफ बाजरे की खरीद को लेकर सरकार ने किसानों को वायदा किया था कि MSP से कम कीमत पर बाजरा बिकने पर किसान के नुकसान की भरपाई भावांतर भरपाई योजना के तहत की जाएगी, लेकिन एक बार फिर बाजरे और मक्का किसानों को धोखा मिला है, एमएसपी से बहुत कम कीमत पर बाजरा और मक्की की खरीद हुई है, किसान भरपाई के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है, गोदामों में रखा हुआ करोड़ों रुपए का गेहूं सड़ गया लेकिन सरकार ने किसी भी जिम्मेदार पदाधिकारी पर कार्रवाई नहीं की। बिना गेट पास के हजारों क्विंटल धान की बिकवाली हुई, बावजूद इसके उच्च पद पर विराजमान किसी भी व्यक्ति की जवाबदेही तय नहीं की गई।

हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसानों को वेब पोर्टल के हवाले कर दिया है। ना सरकार ढंग से किसानों की फसल खरीद पा रही है, ना उन्हें एमएसपी, ना वक्त पर पेमेंट मिल रही है। इतना ही नहीं सरकार किसानों की फसल का उचित तरीके से रखरखाव भी नहीं कर पा रही। गन्ने का सीजन शुरू होने के बावजूद सरकार ने अब तक नए भाव का ऐलान नहीं किया है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार किसानों की बढ़ती लागत को देखते हुए कम से कम 400 प्रति क्विंटल का रेट दे। हैरानी की बात है कि गन्ने की खोई का रेट गन्ने की कीमतों से ज्यादा है, गन्ना प्रति क्विंटल 362 रूपये है जबकि खोई 400 रूपये प्रति क्विंटल बिक रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज सरकार की नीतियों की मार किसान समेत हर वर्ग झेल रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा लगातार बेरोजगारी में टॉप पर बना हुआ है। आज हरियाणा में 31.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है, जो कि देश में सबसे ज्यादा है।

सरकार की बांड पॉलिसी और फीस बढ़ोतरी के खिलाफ मेडिकल स्टूडेंट्स लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन अहंकार में डूबी सरकार विद्यार्थियों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। विद्यार्थियों की मांग को कांग्रेस विधानसभा के आने वाले सत्र में उठाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार युवाओं के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार कर रही है। इसलिए लगातार युवाओं को बेरोजगारी और नशे की दलदल में धकेला जा रहा है। नशे की वजह से 1 साल के भीतर 87 युवाओं की मौत हो गई। आज गांव-गांव और शहर-शहर में नशाखोरी के अड्डे स्थापित हो गए हैं। बिना सरकारी संरक्षण के यह सब संभव नहीं है।

हुड्डा ने कहा कि सरकारी विभागों में 1,82,000 पद खाली पड़े हुए हैं। प्रदेश में और भी हजारों पद सृजित करने की आवश्यकता है ताकि प्रदेश के लोगों को सरकारी विभागों में होने वाली असुविधा से छुटकारा दिलवाया जा सके। लेकिन सरकार सीईटी के नाम पर युवाओं से खिलवाड़ कर रही है। उसने बढ़े-लिखे युवाओं को सीईटी और स्क्रीनिंग टेस्ट के जाल में फंसाकर रख दिया है। क्योंकि सरकार युवाओं को रोजगार नहीं, सिर्फ झांसा देना चाहती है।

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