बच्चों में संस्कारों का विकास करने के लिए शिक्षा सबसे बेहतरीन माध्यम: मनोहर लाल

विश्व के 200 देशों ने योग पद्धति को अपनाया-

प्रदेश में 1000 से अधिक व्यामशाला बनाई

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ओम योग संस्थान पाली के वार्षिकोत्सव को किया संबोधित     

चंडीगढ़, 20 नवंबर- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बच्चों में संस्कारों का विकास करने के लिए हमें शिक्षा के माध्यम को अपनाना होगा और हमें यज्ञ तथा योग जैसी प्राचीन पद्धतियों को शिक्षा में शामिल करना होगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल रविवार को ओम योग संस्थान पाली के वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि 24 साल पहले स्वामी ओम प्रकाश महाराज ने इस आश्रम की नींव रखी थी और आज यह आश्रम योग व प्राचीन शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा का भी बड़ा केंद्र बना हुआ है। उन्होंने नन्हे योग साधकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन साधकों ने यह दिखा दिया है कि हमारी योगा पद्धति कितनी मजबूत है। उन्होंने कहा कि आज भारत की इस प्राचीन योग पद्धति को पूरी दुनिया ने अपनाया है। पहले 170 देशों ने सर्वसम्मति से योगा को अपनाया था और आज इनकी संख्या बढ़कर 200 हो गई है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश के गांवो  में 1000 से अधिक व्यामशाला बनवाई हैं जिनमें योगा का भी प्रबंध है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इन सभी स्थानों पर योग शिक्षकों का भी प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने जिला के 10 व्यायामशाला में योग शिक्षकों का प्रबंध करने के लिए स्वामी ओम प्रकाश महाराज से अनुरोध भी किया। उन्होंने बढ़ते वायु प्रदूषण के दौरान यज्ञ को भी वातावरण के लिए बेहतर बताया।

इस अवसर पर स्वामी ओम प्रकाश महाराज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया और पिछले वर्ष 24 वर्षों की आश्रम की विकास यात्रा के बारे में अवगत करवाया। इस अवसर पर प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा, तिगांव से विधायक राजेश नागर, पृथला से विधायक नयनपाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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