भारत सारथी, कौशिक

आदमपुर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भव्य बिश्नोई ने 16 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज कर इस बात को साबित कर दिया है कि किसी हल्के को यूं ही किसी का गढ़ नहीं कहा जाता। हरियाणा की मौजूदा गठबंधन सरकार में तीन उपचुनाव हुए हैं और तीनों विधानसभा क्षेत्र किसी ने किसी के कद के रूप में जाने जाते हैं। आरंभ से इस बात को कह रहे थे कि आदमपुर भजनलाल का गढ़ है और यहां भजनलाल परिवार का उम्मीदवार ही चुनाव जीतेगा ठीक उसी तरह जैसे बड़ौदा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने गढ़ में और ऐलनाबाद में अभय सिंह चौटाला ने अपने गढ़ में जीत दर्ज की।

आदमपुर के उपचुनाव में कई नई चीजें देखने को मिली है। एक यह कि 1968 से चौधरी भजन लाल का परिवार ही चुनाव जीता आ रहा है इतने लंबे समय में यहां कोई और विधायक ही नहीं बन पाया। दूसरा यह कि मौजूदा उपचुनाव के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चौधरी भजन लाल की तीसरी पीढ़ी विधानसभा में पहुंची है। एक यह कि हिसार जिले में आदमपुर में पहली बार कमल खिला है। एक खास बात यह देखी गई कि कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश के साथ एक अनोखा रिकॉर्ड बन गया है वे चौधरी भजन लाल की 3 पीढ़ियों से चुनाव हार गए हैं मतलब उन्हें चौधरी भजनलाल ने हराया कुलदीप बिश्नोई ने हराया और अब भव्य बिश्नोई ने भी हरा दिया। यदि आदमपुर में देखें तो इस हलके में वे कुलदीप बिश्नोई से 2005 में हर चुके थे और उनके पुत्र भव्य बिश्नोई ने उन्हें मौजूदा चुनाव में हरा दिया है भव्य विश्नोई ने जयप्रकाश को 16 हजार से ज्यादा मतों से हराया जबकि कुलदीप बिश्नोई लगभग 5400 से हरा पाए थे। जयप्रकाश की बात करें तो कांग्रेस की टिकट पर उनकी यह लगातार तीसरी हार है क्योंकि वे 2009 में आदमपुर से 2019 में कलायत से और अब 2022 में फिर आदमपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हार चुके हैं। लोग कहते हैं कि अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा जयप्रकाश को 2024 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से भी मैदान में उतार सकते हैं।

आदमपुर में पहली बार कमल खिलने के बाद अब यह कहा जा सकेगा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक मंजे हुए खिलाड़ी के रूप में अनेक ऐसे दांव खेले हैं जिसके दम पर हरियाणा के कई राजनीतिक परिवार भारतीय जनता पार्टी के की छतरी के नीचे आ खड़े हुए हैं इनमें चौधरी देवी लाल का परिवार चौधरी भजन लाल का परिवार चौधरी बिरेंदर सिंह का परिवार विनोद शर्मा का परिवार शामिल हैं अब चौधरी बंसीलाल के परिवार को लेकर भी जिस तरह की खबरें आ रही हैं उन्हें सुनकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में लोग यह कहेंगे कि मनोहर लाल खट्टर का कोई जवाब नहीं। वे राजनीति के असली पीएचडी हैं और मुख्यमंत्री बनाने की हैट्रिक बनाने की ओर अग्रसर हैं । उन्होंने राजनीति की शतरंज में शह और मात का ऐसा खेल खेल कर दिखा दिया कि लोग हैरान हैं।

दो नेताओं की पार्टी कही गई कांग्रेस
देखा जाए तो आदमपुर उपचुनाव चार नेताओं ने लड़ा इनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान और उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी शामिल हैं इसलिए विरोधियों ने कांग्रेस को बाबु बेटा दो नेताओं की पार्टी करना शुरू कर दिया है. इस चुनाव में जो स्टार प्रचारक थे उनमें से उपरोक्त से बाहर कोई भी चुनाव प्रचार करने नहीं आया यहां तक की अध्यक्ष उदय भान को छोड़ 4 में से कोई कार्यकारी अध्यक्ष भी चुनाव प्रचार करने आदमपुर नहीं पहुंचा। कांग्रेस की स्टीयरिंग कमेटी की सदस्य पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा का गृह जिला हिसार है वह हिसार में होते हुए भी चुनाव प्रचार में नहीं गई कारण यह भी रहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी शायद इन सब को नहीं बुलाया होगा।

उपचुनाव में किसे कितना कितने वोट मिले उस पर भी आप नजर दौड़ा सकते हैं।

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