सबसे हॉट सीट वार्ड नंबर 9 में मचा हुआ है राजनीतिक घमासान

एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता का यहां चार बार दौरा

भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी का एक बार भी नहीं आना बना सवाल

जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ की मुहर से 10 वार्ड में टिकट वितरण

पटौदी क्षेत्र के शामिल 6 में से 5 वार्ड में भाजपा उम्मीदवार हताश

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । जिला परिषद चुनाव की चौसर पर भारतीय जनता पार्टी की जिला गुरुग्राम इकाई के द्वारा सभी 10 वार्ड में भाजपा सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला कर उम्मीदवारों की घोषणा करने के साथ उम्मीदवारों को मैदान में भेज दिया गया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब जो उभरकर सामने आ रहा है , वह यह है कि आखिर जिला गुरुग्राम में कितनी भाजपा हैं या फिर अलग-अलग नेताओं की अलग-अलग भाजपा है ? हकीकत तो यह है कि सभी 10 वार्ड में भाजपा उम्मीदवार के नाम की घोषणा भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ की मुहर लगने के बाद की गई ।

इसके बाद अभी तक के चुनाव प्रचार पर ध्यान दिया जाए तो जिला परिषद प्रमुख पद अनुसूचित महिला वर्ग के लिए आरक्षित होने के बावजूद और अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए एकमात्र वार्ड नंबर नो में पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता 20 अक्टूबर से लेकर 6 नवंबर तक चार बार तूफानी दौरा कर चुके हैं। इस दौरान 2 दिन पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के द्वारा भी गांव गांव में भाजपा उम्मीदवार मधु सारवान की पहचान और परिचय करवाते हुए वोट देने का आह्वान किया गया। जितनी अधिक हैरानी है , उससे भी कहीं अधिक बड़ा सवाल ? ग्रामीण क्षेत्र में कथित रूप से भाजपा से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं और मंडल पदाधिकारियों सहित लेकर पदाधिकारियों के बीच एक नई जिज्ञासा एक गया है । कि आखिर ऐसा क्या कारण है जिला परिषद प्रमुख पद महिला के लिए आरक्षित है और वार्ड नंबर 9 भी महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित है , फिर ऐसा क्या कारण और कौन सी मजबूरी है कि भारतीय जनता पार्टी की महिला जिला अध्यक्ष होते हुए भी जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ एक बार भी अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष या समर्थन में प्रचार सहित जनसमर्थन जुटाने के लिए अभी तक दिखाई नहीं दी है ?

इसी कड़ी में जिस प्रकार से भाजपा के मानेसर मंडल से लेकर पटौदी हेली मंडी व अन्य भाजपा मंडल के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों का जमावड़ा वार्ड नंबर 9 में पूरी ताकत लगाए हुए दिखाई दे रहा है । इसे देखते हुए अन्य 5 वार्ड में भाजपा के द्वारा जो उम्मीदवार उतारे गए हैं , ऐसे उम्मीदवारों में चर्चाओं के मुताबिक बेहद निराशा और उदासी सहित उपेक्षा महसूस की जा रही है । सवाल यह है जब भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पटौदी विधानसभा क्षेत्र में जिला परिषद के वार्ड नंबर 5 से वार्ड नंबर 10 तक कुल 6 वार्ड के उम्मीदवार घोषित किए गए , क्या उस समय पार्टी संगठन और पार्टी के नेताओं के द्वारा कोई रणनीति नहीं बनाई गई ? आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी के घोषित उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए जिला भाजपा इकाई से किस-किस पदाधिकारी को जिम्मेदारी प्रचार सहित भाजपा के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने के लिए सौंपी जाएगी ?

संडे तक के हालात को देखें तो ऐसा ही लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा सिंबल या फिर भाजपा की टिकट देकर उम्मीदवारों को चुनाव की जंग में उनके अपने ही रहमों करम पर चुनाव जीतने हारने के लिए छोड़ दिया । सवाल यह भी है कि जब पटौदी के एमएलए और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावत तथा पिछलीे सरकार के कार्यकाल में सीएम खट्टर के सबसे नजदीक कहे जाने वाले पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह वार्ड नंबर 9 में 72 घंटे में दो बार और एमएलए जरावता लगातार तीन बार दौरा कर रहे हैं , तो फिर वार्ड नंबर 5 से भाजपा उम्मीदवार रीतु , वार्ड नंबर 6 से भाजपा के ही उम्मीदवार लक्ष्मी नारायण , वार्ड नंबर 7 से भाजपा की उम्मीदवार श्रीमती अंजू रानी, वार्ड नंबर 8 से भाजपा उम्मीदवार ललित चौहान, वार्ड नंबर 10 से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमती नीलम का आखिर ऐसा क्या और कौन सा कसूर है या फिर कमी रह गई ? जो अभी तक इन भाजपा उम्मीदवारों के वार्ड में कोई भी बड़ा नामी-गिरामी भाजपा चेहरा या नेता पक्ष में प्रचार सहित भाजपा के कमल की जीत सुनिश्चित करने के लिए नहीं पहुंच सका है ? पूरे प्रकरण को देखें तो लगता है भारतीय जनता पार्टी जिला गुरुग्राम इकाई के द्वारा केवल और केवल पार्टी सिंबल या फिर पार्टी की टिकट बांट कर अपने गुरुग्राम के भाजपा कार्यालय गुरु कमल में ही कमल के फूल खिलने का इंतजार किया जा रहा है।

लेकिन राजनीति के मैदान में कामयाबी के लिए नेता हो उम्मीदवार हो पार्टी पदाधिकारी हो या फिर कार्यकर्ता ही क्यों ना हो। गली-गली गांव-गांव घर-घर चौखट चौखट पहुंचकर मतदाताओं के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेताओं देश के शीर्ष पदों पर बैठे पीएम मोदी और सीएम खट्टर सरकार की नीतियों के विषय में भी अवगत कराना उनका राजनैतिक धर्म सहित कर्तव्य भी बनता है । अब केवल मात्र मतदान के लिए एक दिन का ही समय शेष बचा है । लेकिन गुरुग्राम जिला भाजपा संगठन के द्वारा टिकट बांटने के बाद जिस प्रकार से टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को चुनावी जंग के मैदान में उतार दिया गया, वह अपने आप में भारतीय जनता पार्टी के जिला संगठन से लेकर राज्य स्तर के पदाधिकारियों के लिए चिंतन और मंथन का विषय भी बन चुका है । बेशक से संडे को आदमपुर में भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार चुनाव जीत गया । लेकिन पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव अलग मुद्दों पर लड़े जाते हैं , अलग-अलग चुनाव के अलग-अलग मुद्दे होते हैं । जिस प्रकार से टिकट वितरण के बाद जिला गुरुग्राम में भाजपा उम्मीदवारों के बीच अपनी अपनी जीत को लेकर पार्टी के ही बड़े नामी-गिरामी और जाने पहचाने नेताओं की कमी को महसूस किया जा रहा है । इस प्रकार की रणनीति यदि भविष्य में भी रही तो आने वाले समय में मानेसर गुरुग्राम और मंडी नगर परिषद चुनाव में हालात कुछ और भी अलग ही दिखाई देने से इनकार नहीं किया जा सकता। 

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