हाई कोर्ट की कार्रवाई के बाद 6 साल पहले दर्ज एफआईआर पर आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। पब्लिक स्कूल के चेयरमैन नरेश संघी ने शहर में निजामपुर रोड पर एमएएचडी स्कूल के सामने 14 बीघा 5 बिस्वा जमीन के बंटवारे में तहसीलदार व गिरदावर के साजबाज होकर शहर के कुछ लोगों पर जुडिशल रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करने और इस संदर्भ इस संबंध में पिछले 6 साल से भी ज्यादा समय से पुलिस द्वारा एफआईआर पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक एफसीआर तथा हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ किए जाने के तत्वों को उजागर किया है। तथा हाईकोर्ट ने एफसीआर रिपोर्ट के खिलाफ दी गई याचिका को खारिज कर दिया है। पीड़ित ने पुलिस से इन फैसलों पर अमल करते हुए 6 साल पुरानी दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। नरेश संघी और उनके परिजन प्रवीण जितेश संघी ने इस संबंध में आयोजित पत्रकार वार्ता में यहां कहा कि यह मामला निजामपुर रोड एमएसडी स्कूल के सामने 14 बीघा 5 बिस्वा जमीन का है। इस भूमि में दो तिहाई हिस्सा वेद प्रकाश गौतम प्रकाश ब्रदर्स का है। जबकि एक तिहाई हिस्सा शहर के मोहल्ला शिवाजी नगर के अमर सिंह व प्रेम नाथ गुप्ता एंड ब्रदर्स का है । उन्होंने दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2010 में अमर सिंह व प्रेमनाथ गुप्ता ब्रदर्स जिनमें उनके भाई पुत्तर व भतीजे शामिल हैं ने तहसीलदार को जमीन के बंटवारे के लिए एप्लीकेशन दी थी। इस पर कार्रवाई करते हुए तत्कालीन तहसीलदार ईश्वर सिंह ने वर्ष 2016 में वेद प्रकाश आत्मप्रकाश ब्रदर्स को ना बुलाकर एकतरफा करते हुए अमर सिंह व प्रेम नाथ ब्रदर्स के हक में कर दिया था। जब इस फैसले की कॉपी आत्म प्रकाश ब्रदर्स द्वारा देखी गई तो यह पाया गया कि अमर सिंह व प्रेमनाथ गुप्ता ब्रदर्स ने तहसीलदार के साथ मिलकर इन कागजों में काफी हेराफेरी कर रखी है तथा जुडिशल रिकॉर्ड के साथ काफी छेड़छाड़ की हुई है। कागजों में छेड़छाड़ पाने के बाद आत्मप्रकाश वह उसके ब्रदर्स ने 20 अगस्त 2016 में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। साथ ही मामले की डीआरओ ऑफिस में भी अपील दायर की। वर्ष 2017 में डीआरओ ऑफिस द्वारा यह फैसला अमर सिंह व प्रेमनाथ गुप्ता ब्रदर्स के हक में दिया गया। उन्होंने बताया कि डीआरओ के फैसले से असंतुष्ट होकर इसके बाद आत्मप्रकाश ब्रदर्स ने अपनी अपील फाइनेंस कमिश्नर चंडीगढ़ में दायर की फाइनेंस कमिश्नर ने डीआरओ और तहसीलदार के फैसले को निरस्त कर दिया। नरेश संघी ने पत्रकारों को बताया कि इसके बाद अमर सिंह व प्रेमनाथ गुप्ता ब्रदर्स फाइनेंस कमिश्नर चंडीगढ़ के फैसले से असंतुष्ट होकर इसी साल 20 अक्टूबर को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में रिट दायर की। इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि इस केस से संबंधित जितने भी तारीख रखी गई थी उन तारीखों पर तहसीलदार द्वारा आत्मप्रकाश एंड ब्रदर्स को कोई भी सूचना नहीं दी गई थी। बिना सूचना के तथा बिना आत्मप्रकाश ब्रदर्स को बुलाए हुए सारे फैसले सुनाए गए जो कि सरासर गलत है। हाईकोर्ट ने कहा कि साथ ही जुडिशरी रिकॉर्ड के साथ भी बहुत छेड़छाड़ की गई है। हाईकोर्ट में अमर सिंह प्रेम नाथ गुप्ता ब्रदर्स की जीत को रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के इस फैसले से साबित हो गया कि हमारे साथ सरकारी सिस्टम से साजबाज होकर अन्याय किया गया। अब हमारी एसपी से अपील है कि इस मामले में संज्ञान लेते हुए 20 अगस्त 2016 में अमर सिंह व प्रेम नाथ ब्रदर्स के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज की गई थी उस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके। Post navigation गांव टहला में सरपंच प्रत्याशी समर्थकों में झगड़ा नारनौल बस स्टैंड पर उमड़ी युवाओं की भीड़,सीईटी के लिए दोपहर तक नहीं हुई बसों की बुकिंग, नहीं तय शेड्यूल