हिसार। आदमपुर विधानसभा चुनाव में क्या हो रहा है, इसपर सट्टा बाजार की नजर भी बनी हुई है। शुरुआत में कुलदीप बिश्नोई की तरफ झुका नजर आ रहा है बाजार उम्मीदवारों का ऐलान होने के बाद कांग्रेस की तरफ मुड़ गया है।

भजनलाल परिवार का गढ़ माने जाने वाले आदमपुर में इस बार परिस्थितियां रोचक हो चली हैं। बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे भव्य बिश्नोई के समर्थन में बीजेपी ही दिखाई नहीं दे रही। वहीं दूसरी तरफ जयप्रकाश के समर्थन में कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार में अबतक कुलदीप बिश्नोई परिवार अकेला जुटा हुआ है। जबकि कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चौधरी उदयभान, दीपेंद्र हुड्डा, संपत सिंह, अशोक अरोड़ा समेत तमाम विधायकों, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों को गांव-गांव में उतार दिया है।

दूसरी तरफ जिस तरह बीजेपी सरकार ने जींद, बरोदा और ऐलनाबाद उपचुनाव में सक्रियता दिखाई, उसका एक प्रतिशत भी आदमपुर में दिखाई नहीं दे रहा। अन्य उपचुनावों वाले हलकों में देखा गया था कि सरकार ताबड़तोड़ विकास कार्य करवा रही थी। रातों-रात टूटी पड़ी सड़कों को बनवाया जाता था। लेकिन आदमपुर में आज भी सड़कें धूल फांक रही हैं। स्कूलों से टीचर और अस्पतालों से डॉक्टर गायब हैं। किसान आज भी मुआवजे के लिए आंदोलन करने को मजबूर हैं। घोषणा के बावजूद किसानों को कुछ भी हासिल नहीं हुआ।

भव्य बिश्नोई के लिए आदमपुर के स्थानीय नेता भी बड़ी मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। क्योंकि कुलदीप की बीजेपी में एट्री के बाद ही आदमपुर और हिसार के लगभग सारे नेता कांग्रेस में शामिल हो गए। सिर्फ बीजेपी ही नहीं आम आदमी पार्टी की भी पूरी कार्यकारिणी कांग्रेस में चली गई। अब प्रदीप बेनीवाल, करण सिंह रानौलिया, संपत सिंह, सुखबीर डुडी, आनंद डुडी, रामप्रसाद गढ़वाल, कुलबीर बेनिवाल, अशोक मँगालिवाला जैसे दर्जनों नेता भव्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। ये तमाम नेता जयप्रकाश के लिए दिनरात चुनाव प्रचार में जुटे हैं।

यहीं वजह है कि आदमपुर में आसान जीत दर्ज करने वाले कुलदीप बिश्नोई परिवार के इस चुनाव में पसीने छूटे हुए हैं। सट्टा बाजार की खबर ने बिश्नोई खेमे में और हलचल मचा दी है। सट्टा बाजार बता रहा है कि आज की तारीख में जयप्रकाश जेपी लगभग 7 हजार वोटों से जीत रहे हैं। अगर जयप्रकाश का इलेक्शन ऐसे ही उठता रहा तो यह अंतर और बढ़ सकता है।

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