शिक्षा निदेशालय द्वारा जिला व खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर स्कूलों में बॉक्स का प्रयोग करने के दिए निर्देश
विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ !

चरखी दादरी जयवीर फौगाट,

16 अक्टूबर, शिक्षा विभाग द्वारा डेढ दशक पहले सरकारी विद्यालयों में एजुसेट प्रदान किए गए थे ताकि सेटेलाइट के जरिए विद्यार्थियों को कक्षा-कक्ष में दी जाने वाली शिक्षा से अलग भी कुछ सिखाया जा सके। लेकिन करोड़ों रुपये की यह परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई जिसके चलते विद्यार्थियों का इसका लाभ सही ढंग से नहीं मिल पाया। बीते एक दशक से भी अधिक समय से एजुसेट के उपकरणों का प्रयोग नहीं हो पाने के कारण विद्यालयों में कबाड़ बने पड़े हैं। लेकिन अब संपर्क फाउंडेशन द्वारा वर्षों से बंद पड़े इन टीवी को चालू करवाकर विद्यार्थियों को नवाचार सिखाने का बीड़ा उठाया गया है। संपर्क फाउंडेशन की ओर से विद्यालयों में स्मार्ट बॉक्स प्रदान किए गए हैं जिनको टीवी से जोड़ने के बाद विद्यालयों में संपर्क दीदी और बच्चों की किलकारियां सुनाई देने लगी हैं।

सरकार द्वारा वर्ष 2007 में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में एजुसेट प्रदान किए गए थे। जिसमें एक बड़ा टीवी, बैट्रियां, यूपीएस, डीश आदि शामिल थे। एजुसेट के माध्यम से सेटेलाइट के जरिए पंचकूला से बच्चों को उनके कक्षा-कक्षा में बैठें-बैठे नई तकनीक व अधिगम विधियां करवाने की योजना थी। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली समस्या से निपटने के लिए बैट्री सेट भी इसके साथ जोड़ा गया था। लेकिन यह योजना अधिक कारगर सिद्ध नहीं हुई और कुछ समय बाद ही दम तोड़ गई। जिसके बाद समय बीतने पर बैट्री, डिश आदि कंडम हो गए और टीवी पूरी तरह से कबाड़ में तब्दील हो गए थे। लेकिन डेढ़ दशक बाद पठन-पाठन में नवाचार को शामिल कर अधिगम-अध्यापन को सरल बनाने के लिए प्रयासरत संपर्क फाउंडेशन द्वारा स्मार्ट बॉक्स प्रदान किए गए हैं जिनको टीवी से जोड़कर पाठ्यक्रम संबंधी कक्षा व विषय अनुसार पूरी जानकारी उपलब्ध है। जिले के दर्जनों प्राथमिक विद्यालयों में इसका लाभ उठाना शुरू किया जा चुका है। बीते करीब दो माह से विद्यालयों में रखे गए टीवी को संपर्क स्मार्ट बॉक्स से जोड़ने के बाद वहां संपर्क दीदी और बच्चों की किलकारियां गुंजती हुई सुनाई देने लगी है। वहीं जिन विद्यालयों में स्मार्ट बॉक्स का प्रयोग शुरू नहीं किया गया है उन स्कूलों में बॉक्स का प्रयोग करने के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा जिला व खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर बॉक्स का प्रयोग शुरू करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षण-अधिगम को सरल बनाने के किए जा रहे हैं प्रयास:

संपर्क फाउंडेशन द्वारा शिक्षण विधियों में नवाचार का प्रयोग कर अध्यापन को सरल बनाने व शिक्षण के दौरान पाठ्य सहगामी व दूसरी गतिविधियों का सहारा लेकर बच्चों को खेल-खेल में सिखाने पर जोर दिया जा रहा है। जिसके लिए संपर्क द्वारा विद्यालयों में गणित-अंग्रेजी किट, संपर्क दीदी बॉक्स, स्मार्ट बॉक्स आदि शिक्षण सहायक सामग्री उपलब्ध करवाई गई है। इसके अलावा एफएलएन शिविरों के माध्यम से अध्यापकों को कक्षा-कक्षा में नवाचार का प्रयोग कर शिक्षण को आसान बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

स्मार्ट बॉक्स लगाने के बाद डिश की नहीं है आवश्यकता:

संपर्क स्मार्ट में कक्षा एक से पांच तक पूरा पाठ्यक्रम विषय अनुसार डाटा अपलोड है। इसे टीवी से कनैक्ट करने के बाद किसी डिश से जोड़ने की आवश्यकता नहीं है और ना ही इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता है। बिजली में लगाने के बाद ऑडियो-विडियो केबल से जोड़ने पर यह टीवी से कनैक्ट होकर कार्य करना शुरू कर देता है।

जिले में प्रदान किए गए हैं 144 बाॅक्स : मिश्रा

संपर्क फाउंडेशन के जिला कॉर्डिनेटर अमित मिश्रा ने बताया कि जिले के दादरी, बाढड़ा और बौंद खंड के प्राइमरी स्कूलों में 144 स्मार्ट बाॅक्स प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ स्कूलों में टीवी चोरी होने या तकनीकी दिक्कत आने के कारण बाॅक्स का प्रयोग नहीं हो पा रहा उन विद्यालयों से बॉक्स लिए जा रहे हैं इसके अलावा बाकि स्कूलों में इनका सही ढंग से प्रयोग हो रहा है। जिला कॉर्डिनेटर ने बताया कि बचे हुए स्कूलों में भी स्मार्ट बॉक्स प्रदान किए जाएंगे।

बॉक्स का हो रहा है प्रयोग : बीईओ

बाढड़ा खंड शिक्षा अधिकारी रामचंद्र इंदौरा ने बताया कि जो भी शिक्षण से संबधित सामग्री है उसका प्रयोग लगभग सभी विद्यालयों में किया जा रहा है। एकाध जगह जहां इसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है उन विद्यालयों के संबंधित अध्यापकों को इसके प्रयोग के लिए निर्देश देकर इसका प्रयोग शुरू करवा दिया जाएगा।

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