कोठी खाली करते समय बिजली कनेक्शन कटवाना बन गया रहस्य

क्या सरकारी आवास में हॉट लाइन से बिजली कलेक्शन किया गया

कथित रूप से डॉ योगेंद्र ने नहीं लिया था अधिकृत बिजली कनेक्शन

क्या 8 महीने तक अस्पताल की हॉट लाइन का किया गया इस्तेमाल

बिजली विभाग की विजिलेंस जांच में होगा दूध का दूध-पानी का पानी

पटौदी बिजली एसडीओ से जानकारी मांगने पर नहीं मिला कोई जवाब

फतह सिंह उजाला
पटौदी । पटौदी मंडी नगर परिषद के पटौदी नागरिक अस्पताल में जब से बतौर एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र सिंह के द्वारा कार्यभार संभाला गया, तब से लेकर उनके यहां से ट्रांसफर के बाद रिलीव होने तक एक के बाद एक नए चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं । लाख टके का सवाल यह है कि 27 सितंबर को पटौदी नागरिक अस्पताल से रिलीव होने के समय जब उन्होंने अपना सरकारी आवास अथवा कोठी खाली की तो क्या उनके द्वारा अपनी कोठी में बिजली आपूर्ति के लिए बिजली कनेक्शन सहित बिजली मीटर भी पटौदी बिजली निगम कार्यालय में सरेंडर किया गया या नहीं किया गया ?

डॉक्टर योगेंद्र के द्वारा 24 जनवरी को कार्यभार संभाला गया था और वह पटौदी नागरिक अस्पताल से 27 सितंबर को रिलीव होकर चले गए। सूत्रों के मुताबिक 27 सितंबर को ही उन्होंने अपने पटौदी नागरिक अस्पताल परिसर में सरकारी आवास अथवा कोठी खाली करते हुए अपना सभी सामान भी यहां से समेटने का काम किया। यहां तक तो ठीक है , जब कोई भी व्यक्ति या अधिकारी मकान , आवास, कोठी में रहेगा तो इस बात से इंकार नहीं बिजली के बिना रहना और गुजारा संभव ही नहीं है। खासतौर से गर्मी के मौसम में गर्मी के मौसम में कूलर, पंखे, फ्रिज, एसी का इस्तेमाल किया जाना अधिकारी वर्ग के द्वारा सामान्य बात है । सूत्रों की मानें तो डॉक्टर योगेंद्र की पटोदी नागरिक अस्पताल परिसर में ही कोठी नंबर 1 में एसी भी लगे हुए थे , जितने समय वह यहां कार्यरत रहे समय-समय पर अपने जान पहचान के मित्रों व अन्य चिकित्सक मित्रों के साथ में अपने सरकारी आवास पर मेल मुलाकात सहित बैठकों का दौर भी चलता रहा । ऐसी भी जानकारी सामने आई है अपने सरकारी चिकित्सक मित्रों के अलावा प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक मित्रों के साथ में अक्सर अपने आवास पर लंच और डिनर की भी पार्टियां आयोजित की गई। ऐसे में बिजली ना हो ? इस बात की कल्पना करना भी बेमानी ही होगा। जब मेहमान आएंगे और गर्मी का मौसम होगा तो माहौल ठंडा रहने के लिए कूलर सहित एसी भी बहुत जरूरी हो जाता है ।

इस प्रकार की चर्चा जबरदस्त तरीके से बनी हुई है कि पटौदी नागरिक अस्पताल में बिजली आपूर्ति के लिए जो बिजली की हॉट लाइन उपलब्ध है , कथित रूप से उसी होटलाइन से ही डॉक्टर योगेंद्र निवर्तमान एसएमओ के द्वारा अपनी कोठी पर भी बिजली का कनेक्शन कथित अवैध रूप से किया या करवाया गया था। जिस साइट उनका सरकारी आवास या कोठी अलॉट की गई , वहीं पर ही कुल 3 आवास बने हुए हैं और इन तीन आवास के मौजूद होते हुए आज भी केवल मात्र जो बिजली के मीटर लगे हुए हैं । जिससे यह स्पष्ट होता है कि 3 में से केवल मात्र 2 सरकारी आवास में ही बिजली के कनेक्शन वहां रहने वाले संबंधित कर्मचारियों के द्वारा बिजली निगम पटौदी से विधिवत रूप से लिए हुए हैं । जिसका कि वह बिजली की खपत के मुताबिक भुगतान भी करते आ रहे हैं ।

हैरानी इस बात को लेकर भी है कि लगभग 8 महीने तक और एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र पटौदी नागरिक अस्पताल परिसर में सरकारी आवास अथवा कोठी में रहे और यहां पर उनके द्वारा बिजली निगम की अस्पताल के लिए उपलब्ध करवाई गई हॉट लाइन से बिजली का कनेक्शन बिना किसी डर भय के लेकर इस्तेमाल किया जाता रहा ? इस बात के तो एक नहीं अनेक कर्मचारी गवाही भी दे सकते हैं जो कि समय-समय पर किसी न किसी कार्य से डॉक्टर योगेंद्र की कोठी पर जाते रहे हो और उस दौरान बिजली की रोशनी या फिर कूलर अथवा एसी की ठंडी हवा महसूस ना की गई हो । जानकारी के मुताबिक जब कोई भी अधिकारी का तबादला या ट्रांसफर होने के बाद स्टेशन छोड़ता है या रिलीव होता है तो उसके द्वारा तमाम प्रकार की एनओसी की औपचारिकताएं पूरी भी की जाती है । इसी कड़ी में एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र को रहने के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य विभाग की कोठी यथा सरकारी आवास में बिजली इस्तेमाल के लिए लगवाया गया बिजली का मीटर भी नियमानुसार या तो कटवाया गया होगा या फिर बिजली निगम पटौदी विभाग को लिखित में सरेंडर किया गया होगा ।

इसी कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिजली निगम पटौदी कार्यालय से भी इस बात की पुष्टि अवश्य की जानी चाहिए कि जनवरी 2022 से सितंबर 2022 तक पटौदी नागरिक अस्पताल परिसर में बने सरकारी आवास अथवा कोठी नंबर 1 में क्या बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया, किया गया तो किसके द्वारा किया गया। और कब इस बिजली कनेक्शन अथवा जहां लगे मीटर को सरेंडर किया गया। इस 8 महीने या 9 महीने के दौरान कुल कितना बिल या फिर प्रति महीने औसतन कितना बिल कोठी नंबर 1 जहां पर डॉक्टर योगेंद्र लगभग 8 महीने तक रहे का भुगतान वसूल किया गया या डॉक्टर योगेंद्र के द्वारा इस 8 महीने के दौरान इस्तेमाल की गई बिजली बिल का भुगतान पटौदी बिजली निगम कार्यालय या फिर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के किस खाते में किया गया ? यह भी अपने आप में जांच का विषय बन चुका है ।

एक तरफ तो सरकार पारदर्शी तथा टॉलरेंस नीति पर अमल करने और कराने का दावा करती आ रही है । दूसरी तरफ पटौदी नागरिक अस्पताल मैं बतौर एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र के कार्यकाल के दौरान एक के बाद एक ऐसे चौकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं , जिससे कि गठबंधन सरकार की छवि सहित स्वास्थ्य विभाग की सेहत भी बिगड़ती हुई महसूस की जा सकती है । अब देखना यह है कि इस मामले में पटौदी बिजली निगम के एसडीओ , हरियाणा स्वास्थ्य विभाग , जिला के सीएमओ, बिजली विभाग की विजिलेंस क्या इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जांच करने या करवाने की पहल करेगी या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते के शोभा बन के रह जाएगा ? सूत्रों के मुताबिक कथित रूप से इसी प्रकार का मामला फरुखनगर के एक चिकित्सक को लेकर भी सुर्खियां बना और जांच में बिजली के मामले को लेकर इस्तेमाल की अनियमितता पाए जाने पर मोटा जुर्माना वसूला किया वसूल किया जाने की भी चर्चा सुनने को मिली है।

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