भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। वैसे तो आप ने समय-समय पर पुलिस के कारनामे बहुत सुने होंगे ऐसे ही पुलिस का एक नया कारनामा हम आपके सामने पेश कर रहे हैं कि जिसमें पुलिस अब मुकदमों में आरोपियों को भी डीसी रेट पर नौकरी उपलब्ध करवाती है। वाह रे महेंद्रगढ़ पुलिस। अपराधी किस्म के व्यक्ति को भी अब पुलिस थाने में लगा रखा है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी।

इस नौकरी देने के पीछे पुलिस वालों की मंशा क्या है उसमे कारण यह भी है कि अपराधियों को बचाया जाये और पुलिस तक पैसा पहुंचाने का एक विश्वस्त सशक्त माध्यम भी बने।

ऐसा हम नहीं कह रहे ऐसे एक पीड़ित के द्वारा आरटीआई के द्वारा प्राप्त जानकारी कह रही है। जिसके अनुसार नारनौल के सिटी थाने में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लगा रखा है जिसका नाम श्रीराम है । वह नारनौल के सिटी थाना में चतुर्थ श्रेणी का कार्य करता है।

पीड़ित प्रभाष छक्कड़ के द्वारा आरटीआई के माध्यम से उक्त व्यक्ति के खिलाफ पुलिस से जानकारी मांगी गई जिसमें निकल कर आया कि श्री राम और छोटू के खिलाफ नारनौल की सिटी थाना में ही दो मुकदमे दर्ज है जिसमें से एक में पुलिस ने अपना याराना निभाते हुए उसे खाना ख में रखा हुआ है वही दूसरे मुकदमे में उसे आरोपी बनाया हुआ है।

इसमें आरटीआई से जानकारी प्राप्त करने वाले प्रभास के द्वारा यह भी पूछा गया था कि उक्त व्यक्ति को किस अधिकारी के कहने पर नौकरी पर रखा गया लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए आरटीआई का जवाब दिया कि जो सूचना आपने मांगी है वह धारा 2 व को पूरा नहीं करती इसके अलावा यह भी पूछा गया कि उक्त व्यक्ति का वेतन किस विभाग से मिलता है तो उसकी भी सूचना आरटीआई में नहीं दी गई जो की खबर के साथ संगलन है और साथ ही प्रभाष छक्कड़ के बयान भी खबर के साथ संगलन है।

अब इन सब चीजों से एक चीज तो स्पष्ट है कि जिले की पुलिस जो कि पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के दिशा निर्देश में कार्य कर रही है यहां अपराधियों पर कार्यवाही करने की वजह अपराधियों को शरण देने में लगी है जिसकी बदौलत आज एक आम आदमी पर झूठे मुकदमे बनाकर उन्हें अपराधी बनाया जा रहा है और अपराधियों के माध्यम से पुलिस अपनी सेटिंग कर पैसे खा रही है इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता यह कोई पहला मामला नहीं है तीन मामले कल हमने आपके सामने पुलिस के उजागर भी किए और भी बहुत से ऐसे मामले हैं जो लगातार हम आपके बीच सबूतों के आधार पर पेश करते रहेंगे कि किस प्रकार पुलिस अपराधियों को शरण दे रही है और जिले के पुलिस कप्तान अपने कर्तव्य का पालन न करते हुए कबूतर की तरह आंखें बंद करके बैठे हैं।

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