मिलीभगत के चलते खनन माफिया अब पहाड़ियों तक ही सीमित नहीं रहे निकाल रहे है रेत 
पुलिस की शह पर दर्ज किए जा रहे हैं मामले
एक ओर पुलिस जनता से सहयोग मांग रही है वहीं दूसरी ओर आवाज उठाने वालों पर कर रही है मुकदमे दर्ज

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में अवैध खनन के चलते अरावली की पहाड़ियां लगातार खत्म हो रही हैं। हैरानी की बात है कि गुप्तचर विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के खुलासे के बाद अभी तक जांच नहीं हो सकी। अब तो यह बात भी सर्वविदित होती जा रही है कि खनन माफिया को जिला महेंद्रगढ़ की पुलिस का शह है।

एडीजी विजय प्रताप सिंह ने 29 जून, 2022 को जिला प्रशासन को पत्र भेजा था। जिसमें उन्होंने खनन, वन और पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध खनन का खुलासा किया था।

खासबात यह है कि उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम उजागर करते हुए अवैध खनन करने वाले 35 लोगों के नाम, पता व मोबाइल नंबर भी दिए थे। साथ ही अवैध माइनिंग की फोटो भी जिला प्रशासन को दी थी। करीब ढाई माह बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी।

अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते खनन माफिया अब पहाड़ियों तक ही सीमित नहीं बल्कि रेत भी निकाल रहे हैं। महेंद्रगढ़-नारनौल क्षेत्र में जेरपुर, मांडोला, उष्मापुर, राजावास, सोलहा, गढ़ी-खुडाना आदि स्थानों पर अवैध रूप से खनन हा रहा है। इसके अलावा जैनुपर और आतरी बिहारीपुर में आयरन के पत्थर निकाले जा रहे हैं जिनको दिल्ली, फरीदाबाद और राजस्थान में बेचा जा रहा है।

इसके अलावा पुलिस और प्रशासन की अनदेखी के चलते पंचायती व निजी जगहों पर मिट्टी खनन भी बेरोकटोक चल रहा है। खनन माफिया खुलेआम जेसीबी से ट्रैक्टर-ट्रॉली में मिट्टी भरकर बेच रहे हैं। नांगल चौधरी क्षेत्र में नांगल कालिया, आतरी बिहारपुर, दोस्तपुर, शहबाजपुर, कुकसी आदि स्थानों पर बजरी एवं मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है।

खनन माफिया की शह पर हाल ही में नारनौल के पत्रकार  मनोज गोस्वामी पर मामला दर्ज कर जेल भेजा था।  निजामपुर पुलिस थाने में एक निर्दोष को पुलिस ने बेरहमी से पीटा । जब पीड़ित ने स्वयं चिकित्सा लेकर ज्यादती के खिलाफ मीडिया में बोला और उच्च अधिकारियों को शिकायत दी तो आनन-फानन में वीरवार को मुकदमा दर्ज किया गया। जिला महेंद्रगढ़ पुलिस पर सरेआम आरोप लगाया जाने लगा है कि वह खनन माफिया के हाथों खेल रही है।

चार हजार रुपये प्रति ट्रॉली बेचा जाता है पत्थर

खनन माफिया रात के अंधेरे में विस्फोट से अवैध खनन करते हैं। विस्फोट सामग्री राजस्थान के पाटन कस्बे से लाई जाती है। इसके बाद खनन सामग्री को शहर में तीन से चार हजार रुपये ट्रॉली के हिसाब से बेचा जाता है।

इन स्थानों पर लीज पर हो रहा खनन

जिले में सात स्थानों पर खनन लीज पर चल रहा। इनमें नांगल चौधरी क्षेत्र में रघुनाथ पुरा-01, बायल 02, बखरीजा 02, दौखेरा 01 और मुकुंदपुरा 01 की पहाड़ी शामिल है।

गांव के गांव हो रहे प्रभावित, टूट चुके हैं रोड

अवैध खनन के कारण आसपास के गांवों काफी परेशानियां झेल रहे हैं। दोस्तपुर गांव के एक ग्रामीण अंकित कुमार ने बताया कि विस्फोट के कारण मकानों में दरारें तक आ रही हैं। ओवरलोड वाहनों के गुजरने के कारण रोड जर्जर हो चुके हैं। धौलेड़ा नारनौल रोड तो पूरी तरह टूट चुका है। बड़ी संख्या में ट्रक और डंपर गुजरने से चारों ओर धूल उड़ती रहती है, जिससे ग्रामीण बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। गांवों में सिलिकोसिस और टीबी के मरीज बढ़ने से स्थानीय लोग चिंतित हैं। अधिकतर क्रशर प्लांट निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं। कई बार प्रशासन को शिकायत भी कर चुके हैं। मगर कोई समाधान नहीं निकल रहा है।

ये हो चुके हैं हादसे

01 – जुलाई 2016 दौंखेरा की माइंस में पत्थर खिसकने से दो मजदूरों की मौत हो गई।

02 – जनवरी 2022 में गांव जैनपुर में पहाड़ दरने से पत्थरों के नीचे दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। चार-पांच लोग घायल हो गए थे।

टीम पर खनन माफियों ने कर दिया था पत्थराव

24 अगस्त को नांगल चौधरी के गांव शहबाजपुर और ढ़ाणी जाजमा के पास हो रहे बजरी के अवैध खनन रोकने गई विभाग की टीम पर 40 से 50 लोगों ने पथराव शुरू कर दिया था। अधिकारियों को खेतों में भागकर जान बचानी पड़ी था। पथराव में खनन रक्षक पंकज कुमार को चोट भी लगी थी। इस दौरान टीम से इंपाउंड किए गए 20 ट्रैक्टरों को भी खनन माफिया छुड़वा ले गए थे। बाद पुलिस ने एक ट्रैक्टर-ट्राली और एक ट्राली को अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई की थी।

एडीजी की रिपोर्ट एसडीएम नारनौल को सौंप दी गई है। वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट के बाद नाके बढ़ाए गए और ओवरलोड वाहनों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। खनन विभाग के कुछ कर्मचारियों को इधर-उधर किया गया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई हुई है। जो महीने में जाकर जांच करती रहती है।

 –जेके आभीर उपायुक्त महेंद्रगढ़

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