समस्या के चलते प्रशासन बेखबर, आमजन में आक्रोश

चरखी दादरी जयवीर फौगाट

10 सितंबर, प्रशासन व सरकार के गैरजिम्मेदार रवैये के चलते क्षेत्र में गौवंशों पर आफत टूट पड़ी है, लगातार हो रही है उनकी मौत लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सुध, लेने वाला नहीं है। ऐसे ही विभिन्न जगहों पर बीते दिन व रात के दौरान चार गौवंशों की मौत हो गई लेकिन प्रशासन ने उनकी मृत देह की कोई सुध नही ली। आखिरकार लोगों द्वारा सूचना मिलने पर गौ भक्त रिम्पी फौगाट व उनकी टीम मौके पर पहुंची व मृत गौवंशो को उठा कर मिट्टी दी।

उन्होंने बताया कि वार्ड 21 धिकाडा रोड, वार्ड 20, वार्ड 2 तथा सात के बीच रेलवे ट्रैक के बीच, वार्ड 3 प्रेम नगर में गौवंशों की मौत हुई। इनमें से एक की लम्पी वायरस, एक की अज्ञात बीमारी, एक की ट्रेन की टक्कर से, एक आवरा कुतों का शिकार बन अपनी जान गंवा दी। शिवेन्द्र उर्फ रिम्पी फौगाट ने बताया कि वो कल आम आदमी पार्टी की हिसार के मंडी आदमपुर तिरंगा यात्रा में व्यस्त थे, चारों घटनाओं सहित अन्य घटनाओं में सहायता हेतु नागरिकों को अनेक फोन आए, उनके कहने पर कि प्रशासन की मदद ले।

नागरिको ने बताया कि अनेक बार सूचना अधिकारियों व कर्मियों को दे चुके लेकिन कोई नहीं आया। आखिरकार आज नगर में वापिस आने पर वो अपने टीम के साथ मौके पर पहुंचे व सभी गौवंशों की मृत देह को संभाला तथा जेसीबी व ट्रैक्टर की सहायता से नगर से दूर खेतों में ले जाकर मिट्टी दी। आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष शिवेन्द्र उर्फ रिम्पी फौगाट तथा टीम सदस्यों व नागरिकों ने प्रशासन, संबंधित विभाग, अधिकारियों, कर्मियों के गैर जिम्मेदार रवैये पर कड़ा रोष भी जताया।

रिम्पी फौगाट ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गोमाता व गौवंश की सुरक्षा हेतु करोड़ों की योजनाओं का दावा धरातल पर पूरी तरह से असफल साबित हो चुका हैं। उन्होंने मांग उठाई है कि वो लावारिस पशु जो कि लम्पी वायरस का शिकार बन चुके है, उनके लिए प्रशासन अलग से इलाज का इंतजाम विशेष रूप से करे उनके लिए अलग स्थान बनाकर उन्हें वहा रखे, जिससे अन्य पशु इसकी चपेट में न आए। नगर परिषद अपनी जेसीबी खरीदे व पशुओ को मिट्टी देने के लिए जगह का इंतजाम करे, अभी इनका खर्चा पिछले लंबे समय से नगर के गौभक्त स्वयं वहन कर रहे हैं।

इस दौरान शुभम, राकेश योगी, मनोज सिंगल, विक्रम स्वामी, कैलाश, राहुल, सोनू, जगदीश, संजय चाहार, प्रियंका प्रजापत, विपिन सिंघल, राजेश सोनी, अजय चंपापुरी आदि ने गौ वंशों की मृत देह को मिट्टी देने में सहयोग दिया। 

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