नारनौल के जीएम नवीन भारद्वाज ने ख़ास बातचीत में बताया कि आज भी चंडीगढ़ डिपो से सर्वे टीम बस लेकर आई थी। अभी 152-डी पर यात्रियों की प्राथमिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर सर्वे हो रहा है। सुरेश पंचोली : महेंद्रगढ़ हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे नारनौल को चंडीगढ़ से जोड़ने के लिए नेशनल ग्रीन कॉरिडोर एक्सप्रेस हाईवे-152डी पर सरपट एक माह से वाहन दौड़ रहे हैं। अभी तक इस हाईवे पर रोडवेज बस की एंट्री नहीं हुई थी। अब रोडवेज विभाग ने इस हाइवे पर भी अपनी बस उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। अभी इस हाईवे का सर्वे चंडीगढ़, पंचकूला व अंबाला डिपो कर रहा है। यह तीनों ही रोडवेज डिपो नारनौल डिपो के संपर्क में हैं। अभी कोई तारीख तो तय नहीं की है, लेकिन सर्वे में इतना जरूर सामने आया है कि सवारियों को लेकर रास्ते में आने वाली परेशानियों व सुविधाओं को ध्यान में रखकर हाईवे अर्थोरिटी काम कर रहा है। उम्मीद है कि इस माह में रोडवेज बस 152 डी पर यात्रियों को लेकर नारनौल से चंडीगढ़, पंचकूला व अंबाला का सफर तय करेगी। मतलब, अभी तक इस हाईवे पर खास लोग ही सफर कर रहे थे। रोडवेज की बस चलाने पर हर आम आदमी भी महज चार घंटे में चंडीगढ़ से नारनौल का सफर तय कर सकेगा। रोडवेज विभाग सूत्र बताते हैं कि 152 डी हाइवे का सर्वे हो रहा है। नारनौल की टीम भी इसका निरीक्षण कर चुकी है। एक सप्ताह पहले किए इस सर्वे में सामने आया था कि टोल टैक्स के अलावा कहीं भी अभी फिलहाल सार्वजिनक शौचालय नहीं है। जो टोल पर शौचालय है, वह भी व्यक्तिगत वहां के कर्मचारियों के लिए है। जब रोडवेज बस चंडीगढ़ से नारनौल के लिए चलेगी तो यह सफर चार घंटे का होगा। इतने लगे समय में खासतौर पर बच्चे व महिला सवारियों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता शौचालय की होनी चाहिए। इसके बाद चाय-पानी के लिए रेस्टोरेंट और गाड़ी खराब हो जाए तो वर्कशॉप जैसी मूलभूत सुविधाओं की प्राथमिकता रहेगी। अभी 152 डी पर इनकी कमी है। इन कमी के बारे में नारनौल सर्वे टीम ने 152-डी के परियोजना अधिकारी केएम शर्मा को भी अवगत करवाया है। यहीं नहीं, चंडीगढ़ डिपो की बस मंगलवार को सब इंस्पेक्टर व चालक के साथ इस 152 डी का सर्वे करने पहुंची। कुछ समय नारनौल डिपो पर रूकने के बाद वापस चंडीगढ़ रवाना हो गई। यह सब इंस्पेक्टर भी अपनी रिपोर्ट वहां प्रस्तुत करेगा। 152-डी हाईवे की खूबी हरियाणा राज्य में इस्माइलाबाद (गंगेहड़ी) से नारनौल बाईपास तक नेशनल ग्रीन कॉरिडोर एक्सप्रेस हाइवे-152डी के छह लेन का 230 किलोमीटर का बना है। इसके निर्माण के लिए दो हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया। करीब 3 हजार करोड़ मुआवजा भूमि मालिकों को दिया गया। इस हाइवे का 5108 करोड़ बजट निर्धारित था। इसकी चौड़ाई 70 मीटर है। हाईवे में 122 ब्रिज व अंडरपास बनाए गए हैं। यह हरियाणा के आठ जिला कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी व महेंद्रगढ़ के करीब 112 गांवों से होकर गुजर रहा है। यह नारनौल बाइपास से एनएच-148बी से जुड़ा है जो कोटपुतली के पास पनियाला मोड़ पर दिल्ली-जयपुर एनएच-आठ राजमार्ग से मिलता है। एक अगस्त से इस पर टोल शुरू भी हो गया है। कार-जीप जैसे छोटे वाहन के 335, व्यावसायिक वाहनों से 540 और बस-ट्रक से 1135 रुपये टोल टैक्स लिया जा रहा है।जीएम बोले…सर्वे जारी, जल्द ही 152डी पर सवारियों को लेकर चलेगी रोडवेज की बसे Post navigation एक अक्टूबर से दिल्ली नहीं जा सकेंगी हरियाणा रोडवेज की ये बसें, बढ़ सकती है हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में भारत @ 75 का आयोजन शुक्रवार को