मर्ज होने वाले स्कूलों की श्रेणी में एक हाई स्कूल व तीन मिडिल स्कूल शामिल

चरखी दादरी जयवीर फौगाट

21 अगस्त, सरकार द्वारा प्रदेश के राजकीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा व सुविधाएं उपलब्ध करवाने का दम भरा जा रहा है। लेकिन सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। राजकीय स्कूलों में घटती छात्र संख्या कहीं ना कहीं सरकार के बेहतर शिक्षा व सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावों पर प्रश्न चिह्न लगा रही है। कारण चाहे सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में कमी हो या फिर अभिभावकों का प्राइवेट स्कूलों के प्रति रुझान बढ़ा हो इसका खामियाजा सरकारी स्कूलों को उठाना पड़ा है। विभाग द्वारा हाल ही में जारी की गई सूचि के अनुसार प्रदेश के 105 स्कूलों को वहां छात्रसंख्या कम होने पर दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। जिसमें चार स्कूल बाढड़ा खंड के भी शामिल है।

सरकार द्वारा राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा के अलावा दोपहर का भोजन, पुस्तकें, स्कूल ड्रैस आदि प्रदान किए जाते है। शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए पहली कक्षा से अंग्रेजी विषय को भी पढ़ाया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार अभिभावकों व विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों के प्रति आकर्षित करने में नाकाम रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि कई स्थानों पर सरकारी स्कूलों में बिजली, पानी, भवन आदि मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है। उसी के चलते अभिभावक जैसे-तैसे कर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेज रहे हैं। हालांकि स बात की कोई गारंटी नहीं है कि प्राइवेट स्कूलों में सरकारी स्कूलों की अपेक्षा बेहतर शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी लेकिन इसके बावजूद एक दूसरे की देखा देखी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश 105 सरकारी स्कूलों को वहां पर निर्धारित संख्या से कम विद्यार्थी होने पर नजदीकी दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। विभाग द्वारा मर्ज होने वाले इन स्कूलों की जो लिस्ट जारी की गई है उसमें चरखी दादरी जिले के कुल पांच स्कूल शामिल हैं जिसमें चार स्कूल अकेले बाढड़ा खंड के हैं।

तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित दूसरे स्कूल में किए जाएंगे मर्ज :

विभाग द्वारा कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने के लिए जो पत्र जारी किया है उसके अनुसार इन स्कूलों को तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित दूसरे सरकारी स्कूल में मर्ज किया जाएगा। मर्ज होने वाले स्कूलों के लिए जो छात्र संख्या निर्धारित की गई है उसके अनुसार यदि मिडिल स्कूल में कक्षा से छह से आठ तक 20 व हाई स्कूल में कक्षा नौवीं से बारहवीं तक 25 से कम विद्यार्थी हैं तो उनको नजदीक तीन किलोमीटर के दायरे में दूसरा स्कूल हैं तो उन्हें मर्ज किया जाएगा। इसके अलावा यदि तीन किलोमीटर के दायरे में सरकारी स्कूल नहीं हैं लेकिन मीडिल स्कूल में कक्षा छह से आठ तक छात्र संख्या 10 या उससे कम है तो ऐसे स्कूलों को नजदीक दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाएगा।

बाढड़ा खंड के चार स्कूल होंगे मर्ज :

विभाग द्वारा प्रदेश के मर्ज होने वाले स्कूलों की जो सूचि जारी की गई है उसमें बाढड़ा खंड के तीन मीडिल व एक हाई स्कूल शामिल है। 25 से कम छात्र संख्या होने पर बाढड़ा खंड के राजकीय हाई स्कूल आर्यनगर व 20 से कम छात्रसंख्या होने पर राजकीय कन्या मीडिल स्कूल काकड़ौली हट्ठी, राजकीय मीडिल स्कूल कांहड़ा, राजकीय मीडिल स्कूल गोविंदपुरा कलां को मर्ज होने वाले स्कूलों की श्रेणी में शामिल किया गया है। इनके अलावा दादरी  खंड के राजकीय मिडल स्कूल में 10 से कम छात्रसंख्या होने पर उसे भी इस सूचि में शामिल किया गया है। आर्यनगर के राजकीय उच्च विद्यालय में 17, गोविंदपुरा के मिडल स्कूल में 10, काकड़ौली हट्‌ठी के राजकीय कन्या मिडल स्कूल में 15 विद्यार्थी हैं।

गरीब अभिभावकों के साथ किया जा रहा कुठाराघात: राकेश

आम आदमी पार्टी के बाढड़ा हलका अध्यक्ष राकेश चांदवास ने कहा बाढड़ा हलके के पांच स्कूलों को बंद कर सरकार गरीब अभिभावकों के साथ कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार शिक्षा के स्तर व स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं में जो विस्तार किया है उसकी पूरे देश में चर्चा हैं। वहीं दूसरी ओर हरियाणा सरकार नई-नई नीतियों व दूसरे हथकंडे अपनाकर सरकारी स्कूलों को बंद करने पर तुली हुई है।

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