उपराष्ट्रपति पद का उम्मीद्वार जगदीप धनखड़ की सुसराल में खुशी का माहौल

-हरियाणा गठन से पहले राजस्थान से महेन्द्रगढ़ जिले के सतनाली तहसील में आकर रहने लगे थे जगदीप धनखड़ के ससुर चौधरी होशियार सिंह
-जगदीप धनखड़ के ससुर चौधरी होशियार सिंह अध्यापन काल के दौरान माधोगढ़ स्कूल के परम शिष्य रहे है पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा
-जगदीप धनखड़ का विवाह स्व. चौधरी होशियार सिंह व भगवती देवी की इकलौती पुत्री डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ 1 फरवरी 1979 में महेंद्रगढ़ जिले की सतनाली तहसील में हुआ था।
-भावी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़  की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने भी महेन्द्रगढ़ तहसील के गांव माधोगढ़ सीनियर सेकेंडरी से ही मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। भाजपा व एनडीए द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीद्वार जगदीप धनखड़ को घोषित किए जाने से उनकी सुसराल में खुशी का माहौल है। जगदीप धनखड़ का उनकी पत्नी के मायके पक्ष सतनाली तहसील व पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा से गहरा लगाव है। पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा जगदीप धनखड़ के ससुर स्व. चौधरी होशियार सिंह  माधोगढ़ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में परम शिष्य रहे हैं। झुंझुनू जिले के किठाना गांव के निवासी जगदीप धनखड़ का विवाह स्व. चौधरी होशियार सिंह व भगवती देवी की इकलौती पुत्री डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ 1 फरवरी 1979 में महेंद्रगढ़ जिले की सतनाली तहसील में हुआ था। चौधरी होशियार सिंह का परिवार हरियाणा गठन से पहले 1960 में राजस्थान के बुहाना तहसील के गांव झारोडा से लगभग 5 किलोमीटर दूर हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले की सतनाली तहसील में आकर रहने लगा था। चौ. होशियार सिंह का निधन 2007 में हुआ जबकी उनकी पत्नी भगवती देवी का निधन 2016 में हुआ। चौधरी होशियार सिंह की चार संतानों में 3 बेटे व एक बेटी है। उनका बड़ा बेटा महिपाल सिंह सतनाली में रहता है तथा एसबीआई बैंक से सेवानिवृत्त हो चुका है, उनका दूसरा बेटा सुशील बलवदा सुप्रीम कोर्ट में सीनियर अधिवक्ता है। उनकी बेटी डॉ. सुदेश धनखड़ तीसरे नंबर पर है जिनका देश के भावी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से 1 फरवरी 1979 को सतनाली की मंडी धर्मशाला में वैवाहिक बंधन में बंधे थे। चौथे नंबर पर उनका पुत्र प्रवीण बलवदा राजस्थान उच्च न्यायालय में सीनियर अधिवक्ता है तथा वे बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे।

देश के भावी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सबसे छोटे साले प्रवीण बलवदा ने बताया कि वे मूल रूप से सतनाली से लगभग चार-पांच किलोमीटर दूर झारोडा गांव के रहने वाले हैं लेकिन वे अपने परिवार सहित हरियाणा गठन से पहले लगभग 1960 में सतनाली आकर बस गए थे। उनका पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से पारिवारिक गहरा रिश्ता रहा है। रामबिलास शर्मा उनके पिता के प्रिय शिष्यों में से एक थे और उनका निरंतर परिवार के साथ आना जाना रहता है। उन्होंने बताया कि उनकी बहन डॉ. सुदेश धनखड़ ने भी माधोगढ़ सीनियर सेकेंडरी से ही मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें बड़ी खुशी हो रही है कि आज उनके बहनोई को भाजपा व एनडीए ने देश का उपराष्ट्रपति घोषित किया है, वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने भी कहा कि वे अपने आप को बड़ा गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि उनके प्रिय गुरु होशियार सिंह की पुत्री डॉ. सुदेश धनखड़ के पति जगदीप धनखड़ देश के उपराष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। जगदीप धनखड़ व डॉ. सुदेश धनखड़ के विवाह में वे शामिल हुए थे तथा उसके गुरु चौ. होशियार सिंह के घर में होने वाले हर कार्यक्रम में शामिल होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब उसके लिए व महेन्द्रगढ़ क्षेत्र के लिए बड़े गौरव की बात है कि देश के भावी उपराष्ट्रपति का ससुराल महेन्द्रगढ़ में है। 

याद रहे कि राजस्थान के झुंझुनूं से पूर्व सांसद रहे जगदीप धनकड़ को बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।

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